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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Wednesday 29 June, 2011

संजय शर्मा वर्ल्ड फेडरेशन वाबा के प्रतिनिधि नियुक्त


0 छत्तीसगढ़ के इंटरनेशनल निर्णायक हैं संजय
रायपुर।  छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय बाडी बिल्डिंग निर्णायक संजय शर्मा को वर्ल्ड एमेच्योर बाडी बिल्डिंग एसोसिएशन (वाबा) ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। बाडी बिल्डिंग के इंडिया फेडरेशन को अब किसी भी तरह का पत्राचार सीधे वर्ल्ड फेडरेशन से न करके संजय शर्मा के माध्यम से करना होगा। इस आशय का पत्र वाबा के जर्मनी स्थित मुख्यालय से प्रेसिडेंट गेरहार्ड न्यूमर ने संजय शर्मा और इंडिया फेडरेशन को भेजा है। वाबा ने विभिन्ना वर्ल्ड चैंपियनशिप में निर्णायक के रूप उनके अनुभव को देखते हुए श्री शर्मा को यह जिम्मेदारी दी है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक व हनुमान सिंह अवार्डी श्री शर्मा कई अंतरराष्ट्रीय बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में निर्णायक रह चुके हैं। वे वर्तमान में इंडिया फिटनेस एंड बाडी बिल्डर फेडरेशन (नेशनल एमेच्योर बाडी बिल्डिंग फेडरेशन) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश संघ के सचिव हैं। लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
श्री शर्मा वर्ष 2010 में जर्मनी के अल्जाई में हुई वर्ल्ड मिस्टर वाबा यूनिवर्स चैंपियनशिप के नौ सदस्यीय निर्णायक जुरी के सदस्य रहे। साथ ही पिछले साल मास्को में हुई यूरोपियन यूथ बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भी निर्णायक रहे। इसके पूर्व वे वर्ष 2008 में फिलीपींस के इंगु में हुई एशियन पैसिफिक बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप के निर्णायक रहे। वर्ष 2006 में एथेंस के ग्रीस में हुई वर्ल्ड बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में नौ सदस्यीय जुरी के सदस्य रहे। इसके अलावा वर्ष 2005 में इंडो-पाक बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप, 1997 में फ्रांस के केस्ट्रीज में व 1995 में स्पेन के पुर्तबानी में हुई वर्ल्ड बाडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में निर्णायक रहे।

गौरव की बात : शर्मा
अपनी नियुक्ति पर श्री शर्मा ने कहा कि वर्ल्ड फेडरेशन की ओर से उन्हें भारत में प्रतिनिधि नियुक्त करना उनके लिए गौरव की बात है। वे जिम्मेदारी से अपना काम करेंगे और बाडी बिल्डिंग को आगे बढ़ाने के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे। यह खुशी की बात है कि वे वर्ल्ड फेडरेशन की नजरों में आ गए हैं। भविष्य में यदि वर्ल्ड फेडरेशन में कोई महत्वपूर्ण पद मिलता है तो वे उसे भी जिम्मेदारी से स्वीकार करेंगे।
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Tuesday 28 June, 2011

भारतीय जंप रोप टीम दिल्ली में रुकी

0 अमेरिकी दूतावास ने अभी तक जारी नहीं किया वीजा
0 टीम में रायपुर के राजदीप सिंह शामिल

रायपुर। अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में 1 से 8 जुलाई तक होने वाली वर्ल्ड जंप रोप चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम को अभी तक वीजा नहीं मिला है। इसके कारण भारतीय टीम दिल्ली में ही रुकी हुई है, जबकि टीम को सोमवार को अमेरिका रवाना हो जाना था। छह सदस्यीय टीम में रायपुर के अंतरराष्ट्रीय जंप रोप खिलाड़ी राजदीप सिंह हरगोत्रा भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ जंप रोप एसोसिएशन के सचिव अखिलेश दुबे ने बताया कि भारतीय फेडरेशन ने महीनेभर पहले से ही वीजा के लिए आवेदन दे दिया था, लेकिन कुछ समस्या के कारण भारतीय टीम को अभी तक अमेरिकी दूतावास से वीजा नहीं मिल पाया है। फेडरेशन के पदाधिकारी शीघ्र ही वीजा के लिए अमेरिकी दूतावास से चर्चा कर रहे हैं। यदि समय पर टीम को वीजा नहीं मिल पाया तो वह अमेरिका नहीं जा पाएगी। सभी खिलाड़ियों को दिल्ली से बैरंग लौटना  पड़ेगा। खासकर छत्तीसगढ़ के राजदीप सिंह के लिए यह बेहद निराशाजनक होगा, क्योंकि राजदीप ने इस वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए कड़ी मेहनत की है और भारतीय टीम को उनसे पदक की उम्मीद थी।
 

Monday 27 June, 2011

जब दो खेल दिग्गज एक साथ मिले

0 क्रिकेट के जानकर हैं फेडरर : सचिन
लन्दन. पूरी दुनिया को अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित कर चुके सचिन तेंडुलकर को दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रॉजर फेडरर के क्रिकेट ज्ञान ने प्रभावित किया है।
सचिन के अनुसार वे खुद फेडरर के प्रशंसक हैं। सचिन और उनकी पत्नी अंजलि विम्बल्डन में फेडरर का मैच देखने पहुँचे। इस दौरान 16 ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुके फेडरर ने सचिन से मुलाकात भी की। दोनों करीब एक घंटे तक साथ रहे। बाद में सचिन ने इस बारे में टि्वटर पर कहा- फेडरर के साथ करीब एक घंटे तक बातचीत की। हम विम्बल्डन के रॉयल बॉक्स की बालकनी में मिले। वे बहुत सरल व्यक्ति हैं। सबसे खास बात यह कि वे क्रिकेट के बारे में बहुत जानकारी रखते हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों खिलाड़ियों ने मैच के बाद साथ में खाना खाया। फेडरर ने भी फेसबुक पर इस चर्चा के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने सचिन से मुलाकात को बेहद खास बताया। फेडरर ने कहा- आज का दिन बहुत खास है। मैंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और मुझे महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर से मिलने का मौका मिला।

अमेरिका में कलाबाजी दिखाएंगे छत्तीसगढ़ के राजदीप

0 वर्ल्ड जंप रोप चैंपियनशिप में हिस्सा लेने रवाना
रायपुर। राजधानी के अंतरराष्ट्रीय जंप रोप खिलाड़ी राजदीप सिंह हरगोत्रा अमेरिका में अपनी कलाबाजी दिखाएंगे। वाशिंगटन डीसी के जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में 1 से 8 जुलाई तक होने वाली वर्ल्ड जंप रोप चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए वे रविवार को अमेरिका रवाना हुए।
वे फ्रीस्टाइल व ट्रिपल अंडर इवेंट में अपना प्रदर्शन दिखाएंगे। राजदीप की यह दूसरी वर्ल्ड चैंपियनशिप है। इससे पहले वे पिछले साल लंदन में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में जलवा बिखेर चुके हैं। इसमें उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर दुनियाभर के 1200 प्रतिभागियों में 13वां स्थान बनाया था। 
अमेरिका रवाना होने से पहले राजदीप ने कहा कि इस बार उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए कड़ी मेहनत की है। पिछले वर्ल्ड कप में हुई गलती को सुधारने का प्रयास किया है। हालांकि वर्ल्ड चैंपियनशिप में बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है फिर भी पिछली चैंपियनशिप के अनुभव का लाभ मिलेगा। पदक जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। छत्तीसगढ़ जंप रोप एसोसिएशन के सचिव अखिलेश दुबे ने कहा कि राजदीप ने जिस तरह मेहनत की है उससे पदक की उम्मीद कर सकते हैं। इसके पूर्व वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के साथ-साथ लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज करा चुके हैं। 

अमेरिका के बाद द. कोरिया जाएंगे
राजदीप वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद अमेरिका से ही दक्षिण कोरिया जाएंगे। वे वहां 21 से 25 जुलाई तक मोक्पो सिटी में होने वाली छठी एशियन जंप रोप चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। उनके साथ प्रदेश के तीन और खिलाड़ी अभिजीत, हिमांशु व दिव्यांश भी हिस्सा लेंगे। अभिजीत, हिमांशु व दिव्यांश अंडर-12 में प्रदर्शन करेंगे, जबकि राजदीप सीनियर वर्ग के मास्टर इवेंट में भारत को पदक दिलाने के लिए उतरेंगे।
26 एससी1
 

ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करना मुख्य लक्ष्य

0 अपनी पदोन्नाति स्वीकार करने आए अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग ने कहा
रायपुर। प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग साई इंस्टीट्यूट पटियाला में वर्ल्ड चैंपियनशिप और लंदन ओलिंपिक की तैयारी के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं। अपनी पदोन्नाति स्वीकार करने के लिए संक्षिप्त प्रवास पर रायपुर आए रुस्तम ने चर्चा के दौरान कहा कि उनका व भारतीय टीम का मुख्य लक्ष्य लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करना है।
रुस्तम ने बताया कि इस समय साई सेंटर पटियाला में भारतीय टीम में 24 खिलाड़ी वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की तैयारी में जुटे हुए हैं। वे इस संभावित टीम में चुने गए छत्तीसगढ़ से एकमात्र खिलाड़ी हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप इस साल नवंबर में फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी। एक तरह से यह लंदन ओलिंपिक- 2012 के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट है। इसमें प्रदर्शन के आधार पर टॉप टेन देशों की टीम लंदन ओलिंपिक के लिए टिकट कटाएगी, इसलिए इस वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक से कहीं ज्यादा अलग-अलग वर्गों में प्वाइंट हासिल करना महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम का चयन अगस्त के अंतिम या सितंबर के पहले सप्ताह में किया जाएगा। रुस्तम ने भारतीय टीम में अपने चयन के बारे में कहा कि वे 62 किग्रा वर्ग में खेलते हैं और उनकी कैटेगरी में चार खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस कैटेगरी से एक या दो खिलाड़ी का चयन होना है, इसलिए भारतीय टीम में उनका चयन प्रशिक्षण कैंप में प्रदर्शन के आधार पर ही निर्भर है।

टीम को मिलता है प्रवेश
रुस्तम ने बताया कि वेटलिफ्टिंग में किसी खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रदर्शन के बजाय टीम को ओलिंपिक के लिए प्रवेश दिया जाता है। किसी देश की टीम में आठ पुरुष व सात महिला खिलाड़ी होते हैं। इनमें से दोनों वर्गों के पांॅच विशेष कैटेगरी में प्रदर्शन के आधार पर टीम को प्वाइंट दिया जाता है। इसी प्वाइंट के आधार पर बेस्ट टॉप टेन टीम को ओलिंपिक में जगह दी जाती है।

ओलिंपिक के लिए चयन जरूरी नहीं
रुस्तम ने बताया कि ओलिंपिक का क्वालीफाइंग टूर्नामेंट करीब साल-डेढ़ साल पहले होता है। इस कारण जिस खिलाड़ी ने क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया हो, उसका चयन इंडिया टीम में ओलिंपिक के लिए हो, जरूरी नहीं। सालभर के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले कई नए खिलाड़ी आ जाते हैं और उनका प्रदर्शन खराब रहा तो उन्हें भारतीय टीम से हटाया जा सकता है। खिलाड़ियों का ओलिंपिक में खेलना भारतीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन व खुद खिलाड़ी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
चोट से 80 फीसदी उबर गए हैं
रुस्तम ने बताया कि दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स के दौरान वे घायल हो गए थे और अब  80 फीसदी ठीक हैं। पटियाला में वे साई के डॉक्टर से नियमित इलाज करवा रहे हैं। रायपुर के डॉक्टर से भी परामर्श लेते रहते हैं। रुस्तम ने उम्मीद जताई कि वर्ल्ड चैंपियनशिप तक वे पूरी तरह चोट से उबर जाएंॅगे।  

Friday 24 June, 2011

दौड़ा पूरा रायपुर

0 अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस पर हुई दौड़ में जुटे हजारों लोग
0 सुरक्षा कारणों से नहीं दौड़ीं रवीना व मल्लेश्वरी
0 दौड़ में बस्तर-बालाओं का रहा दबदबा



रायपुर। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस पर गुरुवार को राजधानी में हुई ओलिंपिक दौड़ में रायपुरियंस का उत्साह छलक पड़ा। राजधानी समेत प्रदेशभर से हजारों की संख्या में जुटे विभिन्ना आयु वर्ग के लोगों ने दौड़ लगाकर राज्य में खेल को बढ़ावा देने का संदेश दिया। छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के इस सालाना आयोजन में शामिल होने आई अभिनेत्री रवीना टंडन और ओलिंपियन कर्णम मल्लेश्वरी सुरक्षा कारणों से दौड़ में हिस्सा नहीं ले पाईं, लेकिन उन्होंने दौड़ में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की जमकर हौसला अफजाई की। वे उद्घाटन व समापन समारोह में मौजूद रहीं और आयोजन व यहांॅ के लोगों की खूब तारीफ की। इस बार ओलिंपिक दौड़ की खासियत रही कि इसमें बच्चों से लेकर 80 साल के बुजुर्गों ने दौड़ लगाकर अपने हौसले व जोश का प्रदर्शन किया। दौड़ में हमेशा की तरह इस बार भी बस्तर बालाओं ने बाजी मारी और अपना दबदबा बनाए रखा।
राज्यपाल शेखर दत्त ने देर से शुरू हुई दौड़ को 'रचेंगे इतिहास, दौड़ेंगे साथ" स्लोगन के साथ सुबह 8.25 बजे शहीद भगत सिंह चौक पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सबसे पहले 11 से 15 आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने दौड़ शुरू की। इसके बाद 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रतिभागी और बाद बुजुर्गों ने दौड़ लगाई। 11 से 15 आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने शहीद भगत सिंह चौक से जयस्तंभ चौक फिर वापस शहीद भगत सिंह चौक तक चार किमी की एक लैप में दौड़ लगाई। 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रतिभागियों ने शहीद स्मारक चौक से जयस्तंभ चौक फिर वापस शहीद भगत सिंह चौक तक आठ किमी की दो लैप में दौड़ लगाई। इस दौरान चेक पर खिलाड़ियों की सहायता के लिए वालिंटियर भी मौजूद रहे और प्रतिभागियों को पानी पाउच बांॅटते रहे। दो किमी की इस दूरी पर प्रतिभागियों के पीछे-पीछे उनकी सहायता के लिए पुलिस गाड़ी व एम्बुलेंस भी दौड़ती रही। दौड़ के दौरान एक बुजुर्ग के बेहोश होने को छोड़कर और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
इसके पूर्व उद्घाटन समारोह में अभिनेत्री रवीना टंडन जैसे ही मंच पर आईं, उन्होंने दर्शकों व प्रतिभागियों में जोश भर दिया। रवीना ने सभी का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत 'गुड मार्निंग रायपुर" से करके कद्रदानों की तालियांॅ बटोरीं। ओलिंपियन वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी का भी जोरदार स्वागत किया गया। छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने स्वागत भाषण में ओलिंपिक दौड़ के महत्व व इतिहास की जानकारी दी। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।
उद्घाटन समारोह में राज्यपाल शेखर दत्त के साथ विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, खेल मंत्री लता उसेंडी, संसदीय सचिव डॉ. सियाराम साहू व विजय बघेल, महापौर डॉ. किरणमयी नायक, विधायक द्वय कुलदीप जुनेजा व नंदकुमार, नगर निगम के सभापति संजय श्रीवास्तव व विभिन्ना खेल संघों के पदाधिकारी मौजूद थे।

प्रतिभागी हुए निराश
कार्यक्रम देरी होने के कारण आयोजकों ने जल्दबाजी में दौड़ शुरू कर दी। इससे थोड़ी देर के लिए वहांॅ पर अव्यवस्था हो गई। तय कार्यक्रम के मुताबिक पहले 11 से 15 वर्ष तक के प्रतिभागियों को रवाना करना था, लेकिन जल्दबाजी में दोनों वर्गों के खिलाड़ियों व प्रतिभागियों को एक साथ रवाना कर दिया गया। इसके कारण 15 वर्ष से अधिक उम्र के पंजीकृत प्रतिभागी भीड़ के पीछे रहे गए और वे दौड़ में हिस्सा लेने से चूक गए। वहीं सभी प्रतिभागियों को विशिष्ट अतिथि के रूप में आईं अभिनेत्री रवीना टंडन व ओलिंपियन कर्णम मल्लेश्वरी के साथ दौड़ने की उत्सुकता थी, लेकिन सुरक्षा कारणों व अफरा-तफरी में दोनों ही दौड़ में हिस्सा नहीं ले सकीं। इससे प्रतिभागी व आम नागरिक निराश हो गए।
यहां खेल माहौल बनने में मदद मिलेगी : राज्यपाल
समारोह में राज्यपाल श्री दत्त ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि इस दौड़ के माध्यम से प्रदेश में खेलों के प्रति नया जोश और उत्साह का माहौल दिख रहा है। इससे यहांॅ खेल माहौल बनने में मदद मिलेगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि राज्य में शीघ्र ही नेशनल गेम्स का आयोजन भी होना है। ऐसे में दौड़ से यहांॅ खिलाड़ियों में उत्साह बढ़ेगा और खेल के लिए स्वयं को तैयार करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य के खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ाएंॅगे। इस मौके पर राज्यपाल ने विशाल बैनर पर स्कैच पेन से 'छत्तीसगढ़ खेलों में सर्वश्रेष्ठ बनें" लिखकर अपनी शुभकामनाएंॅ व्यक्त कीं। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, खेल मंत्री लता उसेंडी व महापौर डॉ. किरणमयी नायक ने भी संबोधित किया।

रायपुर दिलवालों का शहर : रवीना
कार्यक्रम में अभिनेत्री रवीना टंडन ने कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। यहांॅ के बच्चे व लोग खुद को आगे दिखाने पीछे नहीं हैं। सात साल पहले भी वे रायपुर आई थीं और अब भी यहांॅ के लोग पहले जैसे ही हैं। रायपुर दिलवालों का शहर है। मशहूर अभिनेत्री ने कहा कि सही मायने में छत्तीसगढ़िया, बहुत बढ़िया हंै।

मेहनत करें और मेडल लाएं : मल्लेश्वरी
कार्यक्रम में ओलिंपिक पदक विजेता वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि ओलिंपिक दिवस पर सभी को शुभकामनाएंॅ। उन्होंने कहा कि ओलिंपिक में भारत पिछले दस साल से मेडल लाने में तरस रहा है। यहांॅ के खिलाड़ी कड़ी मेहनत करें और मेडल लाएंॅ। उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूंॅ कि यहांॅ के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मौके मिलते रहे और देश के मेडल दिलाते रहे।

इस बार भी बस्तर बालाओं ने मारी बाजी
राज्य मैराथन दौड़ की तरह ओलिंपिक दौड़ में भी बस्तर की बालिकाओं ने बाजी मारी। महिला वर्ग में बस्तर की छह बालिकाओं ने प्रथम दस में स्थान बनाईं। इनमें एक को छोड़ पांॅच बालिकाएंॅ माता रुक्मणी आश्रम डिमराबाल बस्तर की हंै। 15 वर्ष से अधिक महिला वर्ग में लोहांडीगुड़ा बस्तर की बालमती यादव प्रथम रहीं। डिमरापाल बस्तर की ललिता कश्यप दूसरे, दसरी कुमारी तीसरे व हेमेश्वरी चौथे स्थान पर रहीं। इसी तरह रामिन निषाद पांॅचवें, मुन्नाी छठें, कोमल कैवर्त्य सातवें, श्याला धर आठवें, प्रमिला कश्यप नौवें व प्रमिला ध्रुव दसवें स्थान पर रहीं।
बालकों में भिलाई के चमनलाल साहू प्रथम रहे। रमेश्वरनाथ दूसरे, नरेंद्र कुमार साहू तीसरे, तुलसी साहू चौथे, उमेश कुमार पांॅचवें, मनोज कुमार छठे, होरीलाल सोनकर सातवें, महेश कुमार साहू आठवें, तामेश्वर साहू नौवें व कृष्ण कुमार कैवस्ती दसवें स्थान पर रहे।
11 से 15 वर्ष : इस वर्ग के बालिका वर्ग में डिमरापाल बस्तर की चैती प्रथम रहीं। ज्योति वर्मा दूसरे, रेणुका साहू तीसरे व भुवेश्वरी निषाद चौथे स्थान पर रहीं। बालक वर्ग में मनोज करतम प्रथम, रामनाथ द्वितीय, केशव यादव तृतीय व राहुल देशमुख चतुर्थ रहे।
संदेश वर्ग : स्लोगन वर्ग में अमरनाथ निर्मलकर प्रथम व गणेश प्रसाद द्वितीय रहे। बुजुर्गों में ब्राह्मणपारा के 78 वर्ष के डॉ. जेपी शर्मा को पूरे आठ किमी तक सफलतापूर्वक दौड़ने के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया।

राज्यपाल ने बांटे पुरस्कार समापन व पुरस्कार समारोह में मुख्यअतिथि राज्यपाल शेखर दत्त ने सभी विजेताओं को पुरस्कार बांॅटे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ की ओर से राज्यपाल समेत सभी अतिथियों, अभिनेत्री रवीना टंडन व ओलिंपियन कर्णम मल्लेश्वरी का स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मान किया गया। समारोह में छत्तीसगढ़ वेटलिफ्टिंग संघ की ओर से अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी का स्मृति चिह्न भेंटकर विशेष सम्मान किया गया।

Tuesday 21 June, 2011

राज्यपाल ओलिंपिक दौड़ को दिखाएंगे हरी झंडी

0 मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, खेल मंत्री समेत मंत्री, विधायक भी उपस्थित रहेंगे
0 विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी अभिनेत्री रवीना टंडन

रायपुर। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस पर राजधानी में होने वाली ओलिंपिक दौड़ को राज्यपाल शेखर दत्त 23 जून को सुबह 7 बजे हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। दौड़ शहीद भगत सिंह चौक से शुरू होकर जयस्तंभ चौक पहुंॅचेगी, फिर वहां से वापस शहीद भगत सिंह चौक पहुंॅचकर समाप्त होगी।
उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे। विशेष अतिथि विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद रमेश बैस, भारतीय ओलिंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत, खेल मंत्री लता उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष रवींद्र चौबे, महापौर डॉ. किरणमयी नायक, रायपुर विधायक द्वय कुलदीप जुनेजा व नंदकुमार साहू होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में अभिनेत्री रवीना टंडन मौजूद रहेंगी।
छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने मंगलवार को दौड़ की तैयारियों को लेकर पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दौड़ की तैयारियांॅ अंतिम चरण में हंै। ओलिंपिक दिवस पर दुनियाभर के देशों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री व छग ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में यह दौड़ भव्य रूप से आयोजित की जा रही है। इसमें सभी आयु वर्ग के लोग हिस्सा लेंगे, लेकिन पंजीकृत धावकों को ही इनाम दिए जाएंॅगे। 15 वर्ष से अधिक के प्रतिभागियों के लिए आठ किमी की दो लैप में तथा 11 से 15 वर्ष के प्रतिभागियों के लिए चार किमी की एक लैप में दौड़ होगी। इसमें सभी जिलों से प्रतिभागी हिस्सा लेने आएंॅगे। विभिन्ना जिले से पंजीयन शुरू हो गया है। दौड़ का मार्ग सुनिश्चित हो चुका है और चेक प्वाइंट की तैयारियांॅ भी पूरी हो चुकी हैं।

अब तक 250 प्रतिभागियों का पंजीयन
श्री भाटिया ने बताया कि मंगलवार तक 250 प्रतिभागियों ने पंजीयन करा लिए हैं। पंजीयन 22 जून शाम 6 बजे तक छग ओलिंपिक संघ के अस्थायी कार्यालय सोना भवन, स्टेट बैंक जोनल आफिस के सामने कटोरातालाब में होगा। दौड़ में बस्तर से 10 खिलाड़ी पंजीकृत हो चुके हैं। इसमें राज्य मैराथन दौड़ की विजेता ललिता कश्यप व उपविजेता चैती कश्यप का भी पंजीयन हो चुका है। इसके अलावा दल्लीराजहरा, भिलाई-दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा आदि के धावकों ने आवेदन किया है। ओलिंपिक दौड़ में करीब 400 धावक-धाविकाओं के हिस्सा लेने की संभावना है। बाहर से आने वाले प्रतिभागियों के लिए 22 जून दोपहर से आवास व भोजन की व्यवस्था की गई है। पुरुष प्रतिभागियों के आवास की व्यवस्था साहू भवन बैरनबाजार और महिला प्रतिभागियों के लिए डॉ. अंबेडकर मांगलिक भवन सिविल लाइंस में गई है।

सभी विभागों व संस्थाओं का सहयोग
श्री भाटिया ने बताया कि ओलिंपिक दौड़ को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम, चिकित्सा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, खेल विभाग, जनसंपर्क विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्थानीय समाजसेवी संस्था, औद्योगिक संस्थान, छग चैंबर आफ कामर्स, लायंस क्लब, रोटरी क्लब समेत अनेक स्कूल-कालेजों, सभी खेल संस्थाओं, खिलाड़ियों, उत्साही नागरिकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार भी हिस्सा लेंगे।
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Monday 20 June, 2011

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अब 'शहीद वीरनारायण सिंह" के नाम पर


रायपुर। नई राजधानी क्षेत्र के ग्राम परसदा स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नामकरण मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप अब 'शहीद वीरनारायण सिंह" के नाम पर कर दिया गया है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने सोमवार को मंत्रालय से इस आशय की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के नामकरण की घोषणा 10 दिसंबर 2010 को शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर सोनाखान में आयोजित लोककला महोत्सव के समापन अवसर पर की थी। गौरतलब है कि मध्यभारत के इस सबसे बड़े स्टेडियम का उद्घाटन 11 सितंबर 2008 को हुआ था। पिछले दो सालों से इसके नामकरण को लेकर माँग उठ रही थी।
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स्टेडियम एक नजर में
उदघाटन :  11  सितम्बर २००८.
स्थिति : ग्राम परसदा, नई राजधानी क्षेत्र।
क्षेत्रफल : 50 एकड़।
अनुमानित लागत : 98.45 करोड़ रुपए।
दर्शक क्षमता : 60 हजार से अधिक।
पार्किंग व्यवस्था : 6000 चार पहिया वाहन, अलग से मोटरसाइकिल व साइकिल स्टैंड।
परिवहन व्यवस्था : हावड़ा-मुंबई राष्ट्रीय मार्ग क्र.-6, रायपुर-भुवनेश्वर-पुरी रेलमार्ग, माना विमानतल, स्टेडियम के पास हेलीपैड।
पिच : 9 मैच पिच, 3 अभ्यास पिच।
सिंचाई व्यवस्था : स्वचलित स्प्रिंकलर।
कार्पोरेट बाक्स : 40.
स्कोरबोर्ड : इलेक्ट्रानिक लाइट।
फ्लड लाइट : 6 हाई मास्क लाइट।
म्यूजियम : क्रिकेट म्यूजियम बनाया जाएगा।
टिकट प्लाजा : 11 प्लाजा।
रेस्टारेंट : एक पांच सितारा सुविधायुक्त रेस्टारेंट।
पैवेलियन : पूर्णत: एयरकंडिशंस।


इंडिया कैंप जाने के पहले लिया था पैन किलर

0 डोप टेस्ट में फंसे वेटलिफ्टर ओमप्रकाश साहू ने किया खुलासा
0 खुद की गलती मानी, किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया

रायपुर। वेटलिफ्टिंग के यूथ इंडिया कैंप में डोप टेस्ट में फंसे रायपुर के वेटलिफ्टर ओमप्रकाश साहू ने सोमवार को खुलासा करते हुए कहा कि वह कैंप में जाने से पहले पैन किलर लिया था। इसके कारण उसका ए सैंपल पॉजिटिव निकला। इसके लिए उसने खुद की गलती मानी और किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया।
ओमप्रकाश ने रायपुर पहुंचने पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इंडिया कैंप में बुलावा आने से पहले उसके शरीर के अंदरुनी हिस्से में फोड़ा-फुंसी हो गया था। इस कारण घाव सूखने के लिए मेडिकल स्टोर्स से पैन किलर की दवाई ली थी। उसी दौरान इंडिया कैंप में चयन की सूचना आई और कैंप में हिस्सा लेने चला गया। गलती यह हुई कि यह दवाई उसने बिना डॉक्टर की सलाह से मेडिकल स्टोर्स से ले ली। कैंप में अन्य किसी प्रकार की दवाई नहीं ली, लेकिन इस दौरान चेहरे पर भी कुछ फुंसी हो गई थी, उसके लिए कैंप के डॉक्टर से ही जांच कराकर एक बार दवाई ली थी। ओमप्रकाश ने कहा कि इस पूरे मामले के लिए मैं सिर्फ खुद को जिम्मेदार मानता हूँ। इसमें कोच व छत्तीसगढ़ वेटलिफ्टिंग संघ जिम्मेदार नहीं है। उसका अभी बी सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। यदि बी सैंपल भी पॉजिटिव आया तो फेडरेशन उसे जो भी सजा देगा, वह स्वीकार करेगा। उन्होंने कहा कि डोप टेस्ट में ए सैंपल पॉजिटिव आने के बाद उसने सारी बातें टेस्ट लेने वाले अधिकारी को बता दी थी। इसके बाद इंडिया फेडरेशन के सचिव सहदेव यादव के निर्देश पर वह कैंप से लौट आया।   
प्रैक्टिस जारी रखेंगे
ओमप्रकाश ने कहा कि वह अपनी प्रैक्टिस जारी रखेंगे। पंडरी स्थित वन खेल परिसर में वह मंगलवार से नियमित अभ्यास शुरू कर देगा और बी सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार करेगा। रिपोर्ट यदि निगेटिव आया और फेडरेशन से वापस बुलावा आया तो फिर वह कैंप ज्वाइन कर लेगा।
चार गोल्ड दिला चुका है ओमप्रकाश
डोप टेस्ट में फंसे ओमप्रकाश सब-जूनियर वर्ग में उभरता हुआ प्रतिभावान खिलाड़ी है। वह अब तक प्रदेश को ग्रामीण नेशनल, स्कूल नेशनल व ओपन चैंपियनशिप में चार गोल्ड व तीन ब्रांज मेडल दिला चुका है। ऐसे में उसकी एक गलती ने उसके करियर को ब्रेक लगा दिया।
 

Saturday 18 June, 2011

भारत में स्पोर्ट्स को साइंटिफिक बनाना होगा

हंगरी से विशेष ट्रेनिंग लेकर लौटे साई के एनआईएस कोच गजेंद्र पांडे व सरिता कुजूर से चर्चा

एनआईएस कोच गजेंद्र पांडे
 रायपुर। भारत अभी स्पोर्ट्स में काफी पीछे है। आगे बढ़ने के लिए यहां स्पोर्ट्स को विदेश की तरह साइंटिफिक बनाना होगा, तभी हम ओलिंपिक में पदक हासिल कर पाएंॅगे। विदेश में प्रत्येक गेम के खिलाड़ियों को साइंटिफिक तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है। उनकी प्रत्येक गतिविधि पर ध्यान दिया जाता है और एक खिलाड़ी के पीछे चार-पांॅच कोच रहते हैं। उनकी ट्रेनिंग उच्च स्तर की है। यही सिस्टम भारत में भी खिलाड़ियों को उपलब्ध कराना चाहिए, तभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम ज्यादा से ज्यादा पदक हासिल कर सकते हैं। यह कहना है कि हंगरी के बूडापेस्ट से इंटरनेशनल कोच कोर्स (आईसीसी) करके रायपुर लौटे साई के एनआईएस कोच गजेंद्र पांडे का।
वेटलिफ्टिंग के कोच श्री पांडे ने शनिवार को रायपुर पहुंॅचने पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए करते हुए कहा कि वहांॅ की ट्रेनिंग उच्च गुणवत्तायुक्त है। उसकी ट्रेनिंग पद्धति पूरी तरह भारत में लागू नहीं की जा सकती, क्योंकि यहांॅ खिलाड़ियों को वैसी सुविधाएंॅ व सुरक्षा नहीं मिलती। अगर उसे पूरी तरह इंप्लीमेंट किया गया तो यहांॅ के खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं। फिर भी काफी हद तक यहांॅ के हिसाब से उसे इंप्लीमेंट किया जा सकता है। वेटलिफ्टिंग जैसे पावर गेम में खिलाड़ियों के लिए डाइट बेहद महत्वपूर्ण होती है। 

 34 कोच गए थे ट्रेनिंग लेने
श्री पांडे ने बताया कि साई (स्पोट्रर्स अथॉरिटी आफ इंडिया) की ओर से इंटरनेशनल कोच कोर्स के लिए भारत से वेटलिफ्टिंग, जूडो, फुटबाल, स्वीमिंग व एथलेटिक्स के 34 एनआईएस प्रशिक्षकों का दल हंगरी गया था। इनमें सात महिला कोच भी शामिल थीं। दल में छत्तीसगढ़ से वेटलिफ्टिंग के कोच गजेंद्र पांडे व फुटबाल की एनआईएस कोच सरिता कुजूर शामिल थीं। सरिता फुटबाल की एकमात्र महिला कोच थीं। सभी कोच ने वहांॅ तीन माह की ट्रेनिंग ली। कोर्स का एग्जाम भी हुआ और सर्टिफिकेट भी प्रदान की गई। इसमें भारत समेत इरान, रूस, यूगांडा, मारीशस, कोलंबिया, श्रीलंका, द. अफ्रीका समेत 12 देशों के कोच भी उनके साथ ट्रेनिंग ली। श्री पांडे नेबताया कि बूडापेस्ट स्थित टीएफ सेम्मेल्यूएस यूनिवर्सिटी में ट्रेनिंग दी गई। यह विश्व के प्रसिद्ध फिजिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है। यहां सालभर विश्व के अनेक देशों के कोच व खिलाड़ियों की ट्रेनिंग चलती रहती है।

हाई लेवल है यूरोपियन फुटबाल : सरिता

सरिता कुजूर
 विशेष ट्रेनिंग कोर्स से हंगरी से लौटी फुटबाल की एनआईएस कोच सरिता कुजूर का कहना है कि यूरोपियन फुटबाल हाई लेवल की है। उनकी तुलना में भारत 50 साल पीछे है। उस लेवल तक भारत को पहुंचने में काफी लंबा सफर तय करना होगा।
सुश्री कुजूर ने बताया कि वहां खिलाड़ियों को तीन लेवल में ट्रेनिंग दी जाती है। पहले लेवल में बेहतरीन खेलने वाले खिलाड़ियों को रखा जाता है। दूसरे लेवल में उनसे कम प्रतिभा वाले खिलाड़ियों कोजगह दी जाती है। तीसरे लेवल में खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों स्थान दिया जाता है। भारत के खिलाड़ी यूरोपियन देशों के दूसरे व पहले लेवल के खिलाड़ियों से बहुत दूर हैं। वहांॅ गोलकीपर के लिए अलग से कोच होता है। इसी तरह रनिंग, वार्मअप, फारवर्ड व बैकवर्ड के लिए अलग-अलग कोच होता है। फिजियो, साइकोलाजिस्ट व डाइटिशियन अलग से होता है, जबकि भारत में दो कोच ही काफी होता है।
सुश्री कुजूर ने कहा कि यूरोपीय देशों की ट्रेनिंग बेहद हाई लेवल की है। उसे यहां इंप्लीमेंट नहीं किया जा सकता, क्योंकि वैसी सुविधाएं यहां नहीं है। उनके अनुसार यहां खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जाए तो खिलाड़ी इंज्यूर हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के बारे में उन्होंने कहा कि यहां की सुविधा के अनुसार प्रैक्टिस कराई जाएगी। 

 

Tuesday 14 June, 2011

छत्तीसगढ़ क्रिकेट की एक और छलांग

प्रदेश की अंडर-22 टीम बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में जगह बनाई
अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलेगी


रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रिकेट ने बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता हासिल करने की दिशा में एक और छलांग लगा दी है। प्रदेश की अंडर-22 टीम अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। इस तरह अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली है।
छत्तीसगढ़ को अभी बीसीसीआई से एसोसिएट मान्यता मिली हुई है। इस कारण प्रदेश टीम को बोर्ड के प्लेट ग्रुप में खेलने की पात्रता नहीं थी, लेकिन बीसीसीआई की घोषणा के मुताबिक इस साल एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनने के बाद छत्तीसगढ़ टीम ने प्लेट ग्रुप में जगह बना ली। इसी तरह अंडर-16 टीम भी एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनकर सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली, जबकि अंडर-19 टीम उपविजेता होने से प्लेट ग्रुप में पहुंचने से चूक गई।  अंडर-22 टीम के प्लेट ग्रुप में पहुंचने से बरसों से बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता के लिए तरस रहे प्रदेश क्रिकेट के लिए यह खुशी होने वाली बात है। अब यहां के खिलाड़ियों को बोर्ड के बड़े टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा। 

2013 से पहले भी मिल सकती पूर्ण मान्यता
छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई से नियमानुसार 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना है, लेकिन पिछले तीन सालों के प्रदर्शन को देखते हुए इससे पहले भी बोर्ड छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे का कहना है कि 2008 में छत्तीसगढ़ को एसोसिएट मान्यता मिली थी। पाँच साल बाद पूर्ण मान्यता देने का नियम है। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ को 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना तय है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के कार्यकलापों से काफी संतुष्ट है। बोर्ड पदाधिकारियों ने कई बार तारीफ भी की है। यहां अब बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर व मैदान डेवलप हो चुके हैं। खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। इसको देखते हुए बीसीसीआई पाँच साल पूरा होने से पहले भी छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है, लेकिन यह सिर्फ बोर्ड पर निर्भर करता है।

रणजी अभी दूर
पूर्ण मान्यता मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ को रणजी मैच के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। रणजी ट्राफी के लिए क्वालीफाई करने से पहले प्रदेश टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचकर बेहतर प्रदर्शन करना होगा। एलीट ग्रुप में टीम के प्रदर्शन के आधार पर ही रणजी ट्राफी की अनुमति मिलेगी। एलीट ग्रुप में पहुंचने के लिए प्रदेश टीम को प्लेट ग्रुप में अपने वर्ग में शीर्ष पर पहुंचना होगा, तभी वह एलीट ग्रुप के लिए क्वालीफाई कर सकेगी।

जुलाई में लगेगा फिटनेस कैंप
प्रदेश के क्रिकेटरों के लिए दो माह का फिटनेस कैंप लगेगा। कैंप रायपुर में जुलाई से सितंबर तक चलेगा। इसमें प्रदेश के खिलाड़ियों को एनसीए के ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। श्री दवे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक अन्य एसोसिएट मान्यता प्राप्त राज्यों के खिलाड़ियों से बेहतर रहा है, लेकिन आगे प्लेट ग्रुप में उन्हें नेशनल लेवल पर मजबूत टीम के साथ खेलना पड़ेगा, इसलिए अभी से इसकी तैयारी करने के लिए फिटनेस कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है। खिलाड़ियों की सबसे ज्यादा कमजोरी फिटनेस की होती है। इसमें खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए एनसीए से फिटनेस ट्रेनर बुलाया जाएगा, लेकिन अभी निर्णय नहीं लिया गया है।