0 स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ में बसने का किया इरादा
0 रायपुर में देख रहे मकान
0 भविष्य में वे छत्तीसगढ़ की ओर से खेल सकते हैं
0 रायपुर में देख रहे मकान
0 भविष्य में वे छत्तीसगढ़ की ओर से खेल सकते हैं
रायपुर में अपने मामाजी के यहाँ अंतरराष्ट्रीय शूटिंग ख़िलाड़ी ओंकार सिंह |
रायपुर। दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग में तीन स्वर्ण व एक रजत जीतने वाले अंतरराष्ट्रीय शूटर ओंकार सिंह अब रायपुर में अपना आशियाना बनाएंगे। उन्होंने अब स्थायी रूप से छत्तीसगढ़ में बसने का इरादा कर लिया है। इसके लिए वे यहां मकान खरीदना चाहते हैं। इसी सिलसिले में सीमित प्रवास पर अपने मामाजी के यहां रायपुर आए ओंकार ने रविवार को दो-तीन जगह मकान भी देखे। यहां सेटल हो जाने के बाद वे भविष्य में छत्तीसगढ़ की ओर से खेल सकते हैं। मूलत: मध्यप्रदेश के अनूपपुर के रहने वाले ओंकार वर्तमान में नेवी की ओर से खेलते हैं।
रायपुर आये ओंकार सिंह ने विशेष चर्चा करते हुए बताया कि वे दूसरी बार रायपुर आए हैं अभी यहां दो-तीन मकान देखे हैं, लेकिन फाइनल नहीं किया है। पसंद आने पर शीघ्र ही वे यहां मकान खरीद लेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में 30 पदक और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 60 से अधिक पदक जीतने वाले ओंकार इस समय कोयंबटूर में भारतीय नौसेना पोत अग्रणी में चीफ पेटी आफिसर के पद पर कार्यरत हैं।
वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने लंदन जाएंगे
रायपुर में चर्चा करते हुए ओंकार सिंह |
ओलिंपिक में तीन-चार पदक
दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी रहे ओंकार ने कहा कि इस बार लंदन ओलिंपिक में पदकों की संख्या में निश्चित रूप से इजाफा होगा। खासकर शूटिंग में इस बार तीन से चार पदक मिलने की पूरी संभावना है। इसमें पूर्व ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा और रोंजन सोढ़ी से पदक की उम्मीद है। साथ ही गगन नारंग व विजय कुमार की भी तैयारी अच्छी है। उनसे भी पदक की उम्मीद है।
स्पोर्ट्स कल्चर व ग्रास रूट पर सपोर्ट जरूरी
15 वर्ल्ड कप में पदक जीत चुके ओंकार का मानना है कि भारत में स्पोर्ट्स कल्चर व ग्रास रूट में सपोर्ट की कमी है। इसके कारण हम अभी भी ओलिंपिक में पीछे हैं। इसके लिए चीन व रूस की तरह यहां स्पोर्ट्स कल्चर डेवलप करने की जरूरत है। खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए सरकार व अभिभावकों का सपोर्ट बहुत जरूरी है। देश में इकॉनामी के साथ ही स्पोर्ट्स को भी महत्व देना जरूरी है। खेलों को आगे बढ़ाने के लिए कार्पोरेट सेक्टर को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर क्रिकेट की तरह शूटिंग को भी 10 प्रतिशत कार्पोरेट सहयोग मिल जाए तो देश में 10 अभिनव बिंद्रा निकल जाएंगे। इस समय शूटिंग में भारत दुनिया के टॉप टेन में शामिल है। लंदन ओलिंपिक क्वालीफाई के हिसाब से देखें तो भारत सिर्फ अपने पड़ोसी देश चीन व रूस से ही पीछे है।
शूटिंग खर्चीला गेम नहीं
ओंकार ने कहा कि आमतौर में शूटिंग को खर्चीला गेम के तौर पर देखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। आम मध्यमवर्गीय खिलाड़ी भी शूटिंग में आगे बढ़ सकते हैं। वे खुद इसका उदाहरण है, बशर्ते उन्हें घर से पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए। देश में शूटिंग को आगे बढ़ाने व लोकप्रिय बनाने के लिए स्कूल लेवल पर सीमित संसाधनों में भी प्रैैक्टिस रेंज बनाई जा सकती है।
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