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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Tuesday 27 March, 2012

369 दिनों के बाद आया सचिन का महाशतक


एशिया कप में बंगलादेश के खिलाफ शतकों का शतक पूरा किया.
ढाका (16 march 2012). मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (114) को अपने महाशतक के लिए कुल 369 दिनों का इंतजार करना पड़ा। पिछले साल 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक जमाने के बाद 33 पारियों के बाद यह स्वप्निल शतक आया है। शतकों के महाशतक लगाने वाले सचिन के लिए यह शतक इस मामले में भी खास है क्योंकि अपनी इस महान पारी में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर में 2008 चौके मार लिए हैं। 
आस्ट्रेलिया में खेली गई त्रिकोणीय वनडे सीरीज में सचिन महाशतक का सपना नहीं पूरा कर सके थे। उन्होंने अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए एशिया कप में खेलने की इच्छा जताई थी जिस कारण उन्हें इस टूर्नामेंट के लिए शामिल किया गया। सचिन ने इससे पूर्व बांग्लादेश के खिलाफ 12 वनडे मैच खेले थे लेकिन उसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 82 रन था। इस तरह से उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट में शतक के सूखापन को समाप्त किया।
ऐसा पहली बार हुआ है जब उनका बल्ला पूरे एक साल यानी 365 दिन तक बिना किसी शतक के रहा। तेंदुलकर ने अपना आखिरी शतक विश्व कप 2011 में 12 मार्च को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में लगाया था और इसके बाद वह टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 33 पारियां खेलने के बाद उनका महाशतक आया। इस बीच उन्होंने आठ अर्धशतक जमाए जिनमें से दो बार 90 रन के पार भी पहुंचे। एशिया कप के अपने पहले मैच में भारत ने बड़ी जीत हासिल की थी लेकिन सचिन इस मैच में दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके थे।
मास्टर ब्लास्टर अपने करियर में एक बार 34 अंतरराष्ट्रीय पारियों तक शतक नहीं लगा पाए थे लेकिन तब समय इतना लंबा नहीं खिंचा था। तेंदुलकर ने 26 मई 2007 से चार जनवरी 2008 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34 ऐसी पारियां खेली थी जिनमें वह तिहरे अंक में नहीं पहुंच पाए थे। उन्होंने तब हालांकि 223 दिन के अंदर ये पारियां खेल ली थी। वह तब कई अवसरों पर नर्वस नाइंटीज के शिकार बने और तीन बार तो 99 रन पर आउट हुए थे। तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद अपना पहला शतक जमाने के लिए भी 272 दिन का समय लिया था। पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन ने अपना पहला शतक 14 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में लगाया था।
इसके बाद 1992 में भी 299 दिन तक उनके नाम पर कोई अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज नहीं हो पाया था लेकिन इस बीच बल्लेबाजी के बादशाह ने केवल 11 पारियां ही खेली थी। तेंदुलकर ने वर्तमान दौर से पहले अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए सबसे लंबा समय 1995-96 में लिया था। वह तब 315 दिन तक शतक नहीं लगा पाए थे लेकिन इस बीच भारत ने बहुत कम क्रिकेट खेली थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सचिन ने इस दौरान केवल दस अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली थी। इसके बाद 2004 में भी ऐसा दौर आया था जबकि तेंदुलकर को शतक के लिए 257 दिन तक का इंतजार करना पड़ा था।
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पहले शतक से महाशतक तक का सफरनामा
मीरपुर। महान बल्लेबाल सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में हर उस टीम के खिलाफ सैकड़ा जड़ा है जिसके खिलाफ उन्होंने दस या इससे अधिक मैच खेले लेकिन उन्होंने सर्वाधिक शतक दुनिया की सबसे मजबूत टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाए हैं। 
मास्टर ब्लास्टर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वाधिक 20 शतक लगाए हैं। इनमें से 11 शतक उन्होंने टेस्ट मैच और नौ शतक वनडे मैचों में लगाए हैं। इसके बाद श्रीलंका [17], दक्षिण अफ्रीका [12], इंग्लैंड और न्यूजीलैंड [दोनों 9], जिंबाब्वे [8], वेस्टइंडीज और पाकिस्तान [7], बांग्लादेश [5], केन्या [4] और नामीबिया [1] का नंबर आता है। यह बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैचों में सचिन का पहला शतक है। तेंदुलकर के 100 शतकों में से 42 शतक भारतीय सरजमीं पर बने हैं। उन्होंने 41 शतक विदेशी टीमों की धरती और 17 शतक तटस्थ स्थानों पर बनाए हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में वह अब तक 71 शतक जमा चुके हैं।
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महाशतक से फिर चमका 'ब्रांड' सचिन
नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर के 100वें शतक को लेकर न केवल उनके प्रशंसक, बल्कि वे ब्रांड भी उत्साहित हैं जिनका तेंदुलकर प्रमोशन करते हैं। ऐसे ब्रांडों की कंपनियों ने नए विज्ञापन अभियान शुरू करने की तैयारी भी कर ली है। 
 सचिन तेंदुलकर एडिडास, कोका-कोला, बूस्ट, आईटीसी, रेनाल्ड्स, अवीवा और कैनन सहित 17 ब्रांडों का प्रमोशन करते हैं। तेंदुलकर के अनूठे रिकार्ड को उत्सव के तौर पर मनाने के लिए कोका कोला ने भारत में पहली बार अपने कैन पर तेंदुलकर की तस्वीर छापी है और कंपनी तेंदुलकर के सबसे शानदार शतकों के ब्यौरे वाले नौ कैन जारी भी कर चुकी है। वहीं, एडिडास अप्रैल के पहले सप्ताह में तेंदुलकर के साथ एक नया मार्केटिंग अभियान शुरू करने की तैयारी की है। सचिन तेंदुलकर ने आज ढाका के शेरे बंगला नेशनल स्टेडियम में चल रहे एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ अपना बहुप्रतीक्षित 100वां शतक पूरा किया। 
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कालसर्प ने बनाया सचिन को 'भगवान'

मेरठ। कालसर्प दोष यानी अपशय, दुर्घटना, बीमारी और हानि। आपको जानकार हैरानी होगी कि सचिन तेंदुलकर की कुंडली में काल सर्पयोग है। इसी योग के चलते ग्रहों ने अच्छे समीकरण बनाए और सचिन को क्रिकेट का भगवान बना दिया। यह उन लोगों के लिए सुखद बात है, जिन्होंने ढपोरशंख ज्योतिषियों के फेर में पड़कर अपनी जिंदगी को इतना खौफनाक बना लिया है कि कालसर्प के नाम पर उन्हें अपनी परछाई से भी डर लगता है। जबकि शास्त्रों के मुताबिक यह योग रंक से राजा भी बना देता। 

सचिन की कुंडली में जन्म लग्न तुला राशि और चंद्र राशि धनु है। सारे ग्रह राहु और केतु के परिक्षेत्र में हैं। कालसर्प योग की मौजूदगी में मंगल ग्रह रुचक योग बना रहा है। इस योग का जातक प्रसिद्धि, साहसी और शत्रु को शिकस्त देने वाला होता है। इसके अलावा सचिन की कुंडली में पारिजात योग भी बन रहा है। इन योगों ने सचिन को क्रिकेट का भगवान बना दिया। हालांकि सचिन का चंद्रमा राहु से पीड़ित है, इसलिए वह कप्तानी के मोर्चे पर उतने सफल नहीं रहे। चंद्रमा की महादशा में राहु की अंतरदशा के चलते सचिन की कप्तानी में भारत ने कई मैच खेले। इस दौरान सचिन की बल्लेबाजी में गिरावट आई। और कप्तानी से भी हटना पड़ा।
इनकी कुंडली में भी कालसर्प
दुनिया के कई नामचीन खिलाड़ियों की कुडली में कालसर्प दोष है। इनमें कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, शाहिद आफरीदी जैसे नामचीन क्रिकेटर तो टेनिस स्टार लिएंडर पेस भी हैं।
सूचना का अधिकार है ज्योतिष
सितारों की गतिविधियां और इरादे जानने के लिए सृष्टि के रचनाकार ने इंसान को सूचना का अधिकार यानी ज्योतिष विज्ञान की सुविधा दी है। हाइटेक युग में स्वार्थी ज्योतिषियों ने इस पवित्र विद्या का भी बाजारीकरण कर दिया। कालसर्प योग जैसे डरावने शब्दों की ब्रांडिंग की गई। जबकि सच्चाई यह है कि इस योग के चलते आदमी बुलंदियों को भी छू लेता है।
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रो पड़े थे सचिन के गुरु आचरेकर
सचिन के गुरु रमाकांत आचरेकर सर ने टीवी पर मैच का लिया आनंद.
मुंबई। भारत-बांग्लादेश के बीच शुक्रवार 16 मार्च को खेले गए मैच के दौरान सचिन तेंदुलकर के प्रशंसक सांसें थाम कर महाशतक का इंतजार कर रहे थे। इन प्रशंसकों में शतकों के शहंशाह सचिन के कोच रमाकांत आचरेकर भी शामिल रहे। अपने सबसे प्रिय चेले के महाशतक पर वे अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर सके और उनकी आंखें भर आई।
80 वर्षीय आचरेकर की भीगी आंखें एक साथ बहुत कुछ बयां कर रही थीं। 
उन्होंने बातचीत में बताया, 'मुझे पूरा विश्वास था कि सचिन अपना बहुप्रतीक्षित शतक आज पूरा करेगा और जैसे ही उसने इस जादुई आंकड़े को छूआ पूरे भारत ने राहत की सांस ली।' शरीर के दाएं हिस्से को लकवा मार देने की वजह से आचरेकर ठीक से बोल और चल पाने में असमर्थ हैं। अपने सबसे चहेते शिष्य की बैटिंग देखने के लिए वे सुबह से ही अपने परिवार के साथ सोफे से चिपक गए। जब सचिन 89 पर खेल रहे थे तो उनसे यह पूछने पर कि क्या आज सचिन अपना सौवां शतक पूर कर पाएंगे? इस पर आचरेकर ने बड़े विश्वास के साथ जवाब दिया कि सचिन आज अपना शतक पूरा कर लेगा। जब सचिन रन आउट होते-होते बचे उस वक्त वह काफी मायूस हो गए थे, उनके चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी।
सचिन के शतक पूरा करते ही आचरेकर की आंखें आंसूओं से भर आईं। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों जब सचिन शतक नहीं बना पा रहा था तब मैं काफी डरा रहता था। लेकिन, इस समय सचिन ने उस खुशी को दी है जिसका पूरा देश काफी दिनों से इंतजार कर रहा था। मैं काफी खुश हूं कि उसने ऐसा कर दिखाया। आचरेकर के पोते वैदिक मुरकर ने बताया, 'आज सुबह ही मैंने दादा से सचिन के शतक को लेकर शर्त लगाई थी। मैंने कहा था कि वह अपना शतक पूरा नहीं कर पाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि सचिन अपना शतक आज जरूर पूरा करेगा।' मुरकर ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं शर्त हार गया।
यह हर कोई जानता है कि सचिन अपने गुरु आचरेकर का बहुत सम्मान करते हैं। वे हर दौरे की शुरुआत बिना उनसे आशीर्वाद लिए नहीं करते हैं। दौरे से लौटने के बाद भी उनसे मिलने जरूर आते हैं। खुद आचरेकर को विश्वास नहीं होता कि शिवाजी पार्क में जिस लड़के को वह कोचिंग दिया करते थे वो इन बुलंदियों पर पहुंचेगा। आचरेकर चाहते हैं कि सचिन ईमानदारी से खेलता रहे और नई ऊंचाइयों को छूए।
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महाशतक की खुशी हुई फीकी
बांग्लादेश ने टीम इंडिया को दी पटखनी

मीरपुर।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर (114) के सौंवे अंतरराष्ट्रीय शतक की खुशी उस समय फीकी हो गई जब भारत को एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के रोमांचक मुकाबले में बांग्लादेश से 4 गेंदें शेष रहते 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश की यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है। भारत की बांग्लादेश के खिलाफ यह तीसरी हार है। शकीब अल हसन को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।
बांग्लादेश को हर हाल में जीत की दरकार थी, जिसे उसने शानदार तरीके से हासिल करते हुए फाइनल में पहुँचने की उम्मीदों को जीवित रखा। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 5 विकेट पर 289 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश ने 49.2 ओवर में 5 विकेट खोकर जीत दर्ज कर ली। लक्ष्य का पीछा करने उतरे बांग्लादेशी बल्लेबाजों ने अर्द्धशतकीय पारियाँ खेलते हुए टीम को यादगार जीत दिला दी। नजीमुद्दीन (5) का विकेट सस्तेे में गँवाने के बाद तमिम इकबाल (70) और जहुरूल इस्लाम (53) ने दूसरे विकेट के लिए 113 रन जोड़ते हुए टीम को लक्ष्य की ओर बढ़ाया। इसके बाद नासिर हुसैन (54) और शकीब अल हसन (49) ने उपयोगी पारियाँ खेलीं। अंतिम ओवरों में कप्तान मुश्फिकुर रहीम ने 25 गेंदों पर आक्रामक 46 रन बनाए। मेजबान टीम को जीत के लिए 4 ओवरों में 37 रनों की जरूरत थी। पठान द्वारा फेंके गए 48वंे ओवर में 17 रन बने, जिसमें रहीम के दो छक्के शामिल थे। इसके बाद बांग्लादेश की जीत औपचारिकता रह गई, जिसे उसने आसानी से पा लिया। 
इससे पहले भारतीय पारी पूरी तरह सचिन के इर्द-गिर्द घुमती रही और तमाम प्रशंसकों का लंबा इंतजार अंतत: समाप्त हो गया। सचिन ने पारी के 43वें ओवर में शकीब अल हसन की गेंद पर एक रन लेते हुए अपने शतकों का शतक पूरा कर लिया। उन्होंने शतक पूरा करने में 138 गेंदें लगी, जो संभवत: उनकी वन-डे की धीमी पारियों में से एक है। शतक पूरा करने के बाद उन्होंने अपने हाथ खोले और शहादत हुसैन की गेंद पर लगातार दो चौके लगाए। दूसरे छोर पर उनके साथी सुरेश रैना ने विपक्षी गेंदबाजों की धुनाई करते हुए 38 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेली। सचिन पर शतक का दबाव साफ तौर पर देखा जा सकता था। उन्होंने 80 से 100 तक पहुँचने में 36 गेंदों का सामना किया। कई बार ऐसे मौके भी आए जहाँ तेज रन लिए जा सकते थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया। सचिन अंतत: 47वें ओवर में मशरफे मुर्तजा की गेंद पर विकेट के पीछे मुश्फिकुर रहीम द्वारा लपके गए। उन्होंने 147 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 114 रन बनाए। सचिन और रैना के बीच 86 रनों की साझेदारी हुई।
इससे पहले गौतम गंभीर (11) के जल्द आउट होने के बाद सचिन और विराट कोहली (66) ने पारी को आगे बढ़ाया। हालाँकि कोहली भाग्यशाली रहे और शफीउल इस्लाम की पहली गेंद पर वे साफ पगबाधा आउट थे लेकिन अंपायर पॉल रफेल ने अपील नकार दी। दोनों ने बिना जोखिम उठाए दूसरे विकेट के लिए 148 रन जोड़े। पारी के अंत में कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी ने नाबाद 21 रन बनाए, जिसमें से अंतिम ओवर में 16 रन बने।
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स्कोर बोर्ड
भारत                                                                    रन    गेंद    4    6   
गंभीर बो. इस्लाम                                                  11    16    1    0
तेंडुलकर कै. रहीम बो. मुर्तजा                                114    147    12    1
कोहली बो. रज्जाक                                                66    82    5    0
रैना कै. तमिम बो. मुर्तजा                                       51    38    5    2
धोनी नाबाद                                                          21    11    2    0
रोहित रन आउट                                                    4    6    0    0
जडेजा नाबाद                                                        4    2    0    0
अतिरिक्त : (लेगबाई 6, वाइड 10, नोबॉल 2) 18, कुल : (5 विकेट पर, 50 ओवर में) 289, विकेट पतन : 1-25, 2-173, 3-259, 4-259, 5-267, गेंदबाजी : मुर्तजा 10-1-44-2, इस्लाम 5-0-24-1, शहादत 10-0-81-0, शकीब 10-0-63-0, रज्जाक 10-0-41-1, महमदुल्ला 4-0-24-0, नासिर 1-0-6-0
बांग्लादेश :                                                      
रन    गेंद    4    6
तमिम कै. जड़ेजा बो. प्रवीण                                 70    99    6    0
नजीमुद्दीन कै. रोहित बो. प्रवीण                           5    15    0    0
जहुरूल कै. रोहित बो. जड़ेजा                                53    68    4    1
नासिर कै. रैना बो. प्रवीण                                    54    58    5    0
शकीब स्ट. धोनी बो. अश्विन                              49    31    5    2
मुश्फिकुर नाबाद                                               46    25    3    3
महमदुल्लाह नाबाद                                          4    2    1    0
अतिरिक्त : (लेगबाई 7, वाइड 3, नोबॉल 2) 12, कुल : (5 विकेट पर 49.2 ओवर में) 293, विकेट पतन : 1-15, 2-128, 3-156, 4-224, 5-288, गेंदबाजी : प्रवीण कुमार 10-0-56-3, इरफान पठान 9-0-61-0, अशोक डिंडा 5.2-1-38-0, सुरेश रैना 7-1-30-0, रोहित शर्मा 2-0-13-0, आर. अश्विन 10-0-56-1, रवीन्द्र जड़ेजा 6-0-32-1. 

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'मीडिया' में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 








































































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