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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Friday 31 December, 2010

साल के सबसे बड़े दो खेल खलनायक

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के निलंबित आयुक्त ललित मोदी और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी बीते वर्ष भारतीय खेलों के सबसे बड़े खलनायक के तौर पर उभरकर सामने आए।
मोदी और कलमाड़ी ने हालांकि क्रमश: आईपीएल और राष्ट्रमंडल खेलों के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण ये दोनों खेल प्रशासक रातोंरात नायक से खलनायक बन गए।  आईपीएल के तीसरे संस्करण के समाप्त होने की रात ही मोदी को उनके पद से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ करोडों रूपए के गबन का पिटारा खोल दिया गया।  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मोदी के खिलाफ एकतरफा मोर्चा खोलते हुए उन्हें चारों तरफ से घेर दिया जिसके बाद मोदी को विदेश में शरण लेनी पडी और वह अब तक भारत नहीं लौटे हैं। मोदी को निलंबित करने के बाद से ही बीसीसीआई आईपीएल की फ्रेंचाईजी टीमों और निलंबित आयुक्त के मुद्दों को लेकर लगातार अदालत में उलझी रही है। मोदी का मामला जहां सालभर से चल रहा है वहीं अक्टूबर में राष्ट्रमंडल खेलों के समापन के बाद कलमाडी भी भ्रष्टाचार के चौतरफा आरोपों के घेरे में आ गए और उनके कुछ करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया. कलमाडी के दिल्ली और पुणे स्थित आवासों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं और उनसे नए साल में पूछताछ की जानी है। कलमाड़ी ने खेलों से पहले और खेलों के दौरान हालांकि के सभी आरोपों का खंडन किया था लेकिन खेलों की समाप्ति के बाद वे बच नहीं पाए और उनकी कांग्रेस पार्टी ने भी उनसे किनारा कर लिया है। नए वर्ष में मोदी और कलमाड़ी दोनों के ही खिलाफ फैसले होने हैं और क्या वे इन आरोपों से बच पाते हैं या उन्हें कोई सजा होती है इस पर सभी खेलप्रेमियों की निगाहें लगी रहेंगी।

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