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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Wednesday 30 November, 2011

एक अरब के स्टेडियम को लगी दीमक

0 उद्घाटन के तीन साल बाद भी अधूरा
0 पैवेलियन के कांच व टाइल्स टूट-फूट रहे
0 मैदान व पिच पर जगह-जगह दीमक
0 स्टेडियम लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर पर अधूरे काम शुरू नहीं
 

शंकर चंद्राकर
रायपुर। नई राजधानी की शान व एक अरब रुपए से भी अधिक की लागत से बने प्रदेश के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को दीमक खा रही है। उद्घाटन के तीन साल बाद भी स्टेडियम अभी तक अधूरा ही है। अभी भी इसमें एसी, जनरेटर, कार्पोरेट बाक्स, कुर्सी लगाने समेत कई काम बचे हुए हैं। स्टेडियम के मैदान व पिच पर जगह-जगह दीमक की बांबी बन गई है। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने स्टेडियम को लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर कर दिया है, लेकिन बाकी बचे कामों पर विभाग अभी तक ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में यहाँ अंतरराष्ट्रीय मैच के बारे में सोचना अभी सपना ही है।
उद्घाटन के बाद इन तीन सालों में स्टेडियम में अभी तक तकरीबन 200 मैच खेले जा चुके हैं। इनमें छत्तीसगढ़ और कनाडा के बीच खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच, विभिन्ना आयु वर्ग के बीसीसीआई एसोसिएट ट्राफी व घरेलू मैच शामिल हैं। स्टेडियम के ग्राउंड व पिच के रखरखाव की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ ने ली है। क्रिकेट संघ ने अपने खर्चे पर वहां छह कर्मचारी नियुक्त किया है, जो किसी तरह ग्राउंड का मेटेनेंस करते हैं। इसके बावजूद मैदान की हालत खराब है। दीमक ने पिच को भी नहीं छोड़ा है।
ग्राउंडमैन का कहना है कि अभी मैच नहीं होने के कारण पानी का छिड़काव नहीं किया गया, इस कारण कई जगह पर दीमक लग गई है। अब जहां-जहां दीमक लगी है, वहां पर नई मिट्टी डालकर कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। मैच के अनुसार पिच का मेंटेनेंस किया जाता है। चूंकि यहां पर नौ पिच हैं, जिस पर मैच होना होता है, उसी पिच पर ध्यान दिया जाता है। इस कारण अन्य पिच पर कहीं-कहीं दीमक लग गई है। उसे ठीक कर लिया जाएगा। 
पैवेलियन के कांच टूटे
मैदान के अलावा पैवेलियन के सामने और प्रवेश द्वार पर लगे कीमती कांच टूट गए हैं। इसके अलावा पैवेलियन के सामने कई जगहों पर टाइल्स भी उखड़ चुकी है। पैवेलियन में लगी कुर्सी भी कई जगह उखड़ गई है। यही हाल अन्य जगहों पर भी है।





एसी, कुर्सी व जनरेटर का काम बचा
स्टेडियम में अभी एयरकंडीशन, कुर्सी लगाने, जनरेटर का काम बचा है। कार्पोरेट बाक्स भी अधूरा है। मेंटेनेंस के अभाव में स्टेडियम के दर्शक दीर्घा समेत अन्य स्थानों पर कचरे का ढेर है। इसके अलावा पैवेलियन में मीडिया गैलरी, अंपायर, डोप रुम समेत अन्य बेसिक सुविधाएं डेवलप करना बाकी है।
आगे का काम पीडब्ल्यूडी के जिम्मे
इस संबंध छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे का कहना है कि ग्राउंड मेंटेनेंस की जिम्मेदारी क्रिकेट संघ ने ली है। वहां छह कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। प्रदेश संघ हर माह कर्मचारियों के वेतन व ग्राउंड के मेंटेनेंस पर करीब 50 हजार रुपए खर्च कर रहा है। स्टेडियम का जो भी अधूरा काम है, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी विभाग की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्टेडियम के अधूरे काम के लिए पांच करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया है। इसके लिए विभाग ने संघ से जरूरी काम करवाने के लिए सूची मांगी थी। संघ ने उसकी सूची भी पीडब्ल्यूडी विभाग को दे दी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
स्टेडियम पूरा हो तो जगेगी उम्मीद
श्री दवे ने कहा कि प्रदेश संघ को 2013 में बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता मिलना तय है। यदि इसके पूर्व ही स्टेडियम का अधूरा काम पूरा हो जाता है तो बोर्ड से यहां रणजी, दिलीप ट्राफी जैसे महत्वपूर्ण घरेलू टूर्नामेंट के सेमीफाइनल-फाइनल मैच मांगने का प्रयास किया जाएगा। प्रथम श्रेणी मैच के लिए भी स्टेडियम की सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप होना जरूरी है। संघ अपनी ओर से पूरी तरह तैयार है।



एक साल में पूरा हो जाएगा काम
'काम शुरू हो गया हो गया है। खेल विभाग के निर्देशानुसार काम किया जाएगा। स्टेडियम के सभी अधूरे कार्य एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है। जैसे-जैसे शासन से पैसा स्वीकृत होगा, वैसे ही काम होता जाएगा। अभी स्टेडियम के चारों ओर सड़क बनाने का काम चल रहा है।"
- बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री लोक निर्माण विभाग।
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स्टेडियम एक नजर
स्थित : ग्राम परसदा, नई राजधानी क्षेत्र।
क्षेत्रफल : 50 एकड़।
उद्घाटन : 11 सितंबर, 2008 को।
इनफील्ड ग्राउंड : 90 गज यार्ड, जो आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न स्टेडियम के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम।
अनुमानित लागत : 98.45 करोड़ रुपए। अभी करोड़ों के काम बाकी।
दर्शक क्षमता : 60 हजार से अधिक।
पार्किंग व्यवस्था : 6000 चारपहिया वाहन, अलग से मोटरसाइकिल व साइकिल स्टैंड।
परिवहन व्यवस्था : हावड़ा-मुंबई राष्ट्रीय मार्ग क्र.-6,
रायपुर-भुवनेश्वर-पुरी रेलमार्ग, माना विमानतल, स्टेडियम के पास हेलीपैड।
पिच : 9 मैच पिच, 3 अभ्यास पिच।
सिंचाई व्यवस्था : स्वचलित स्प्रिंकलर।
कार्पोरेट बाक्स : 40 बाक्स।
स्कोरबोर्ड : इलेक्ट्रानिक लाइट।
फ्लड लाइट : 6 हाई मास्क लाइट।
म्यूजियम : क्रिकेट म्यूजियम बनाया जाएगा। म्यूजियम में छत्तीसगढ़ की
संस्कृति की झलक दिखेगी, लेकिन अभी  बना नहीं।
टिकट प्लाजा : 11 प्लाजा।
रेस्टोरेंट : एक पांच सितारा स्तर की सर्वसुविधायुक्त रेस्टोरेंट की व्यवस्था।
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पूरी स्टोरी एक नज़र ......


Monday 28 November, 2011

मणिपुर के महेश व नंदा जूनियर ट्रायथलॉन चैंपियन


0 20वीं नेशनल ट्रायथलॉन चैंपियनशिप शुरू 0 सब-जूनियर एक्वाथलॉन में कर्नाटक के सुहास व मीनल विजेता



रायपुर। 
20वीं नेशनल सब-जूनियर, जूनियर व सीनियर ट्रायथलॉन चैंपियनशिप के जूनियर वर्ग में मणिपुर के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। स्पर्धा के पहले दिन जूनियर ट्रायथलॉन के बालक वर्ग में मणिपुर के एल. महेश सिंह और बालिकाओं में मणिपुर की ही एस. नंदा देवी चैंपियन बनीं। सब-जूनियर एक्वाथलॉन में कर्नाटक के खिलाड़ियों ने बाजी मारी। इसमें बालक वर्ग में सुहास वाय. और बालिकाओं में मीनल बी. शिवप्रकाश विजेता रहीं।


स्पर्धा की शुरुआत जूनियर ट्रायथलॉन से हुई। इसमें खिलाड़ियों ने 750 मीटर तैराकी 20 किमी साइकिलिंग व 5 किमी दौड़ में हिस्सा लिया। तीनों इवेंट के बाद जूनियर ट्रायथलॉन के बालक वर्ग में मणिपुर के एल. महेश सिंह एक घंटा तीन मिनट 48.87 सेकंड का समय लेकर पहले स्थान पर रहे। मणिपुर के ही पेरिश सिंह एक घंटा पांच मिनट 59.30 सेकंड का समय लेकर दूसरे और महाराष्ट्र के अक्षय कदम एक घंटा छह मिनट व 46.65 सेकंड के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इसी तरह बालिका वर्ग में मणिपुर की एस. नंदा देवी एक घंटा 15 मिनट 48.10 सेकंड का समय लेकर प्रथम, महाराष्ट्र की स्वप्नाली यादव एक घंटा 17 मिनट 43.72 सेकंड के साथ द्वितीय व गुजरात की कहर क्रुथिका ए. एक घंटा 21 मिनट 31.21 सेकंड के साथ तृतीय रहीं। 
इसके बाद सब-जूनियर एक्वाथलॉन की स्पर्धा हुई। इसमें खिलाड़ियों ने 350 मीटर तैराकी व 3 किमी दौड़ में हिस्सा लिया। स्पर्धा के बाद सुहास वाय. 15 मिनट 16.93 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। कर्नाटक के ही सूरज कुमार ने 15 मिनट 45.50 सेकंड का समय लेकर रजत पदक जीता। उड़ीसा के रूबेन बिलुंग ने 15 मिनट 46.86 सेकंड के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। बालिका एक्वाथलॉन में कर्नाटक की मीनल बी. शिवप्रकाश ने 18 मिनट 11.40 सेकंड के साथ स्वर्ण व चेतना गौड़ा ने 18 मिनट 14.46 सेकंड का समय लेकर रजत पदक जीता। तमिलनाडु की प्रियंका पुगल अरसु ने 18 मिटन 50.60 सेकंड का समय में स्पर्धा पूरी कर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। 


नेशनल गेम्स को चुनौती की तरह लें 
इसके पूर्व स्पर्धा का उद्घाटन राज्यपाल शेखर दत्त ने झंडी दिखाकर किया। इस मौके पर राज्यपाल श्री दत्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 37वें नेशनल गेम्स प्रस्तावित है, जो इसी जगह होना है। यहां के खिलाड़ियों को इसे चुनौती के रूप में लेना चाहिए। इसकी तैयारी कर ज्यादा मेडल जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ट्रायथलॉन दमखमभरा ओलिंपिक गेम है। इसमें पूरी क्षमता का प्रयोग किया जाता है। राज्यपाल ने कहा कि लोग खेलों को गोद लेकर छत्तीसगढ़ में खेलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने दूसरे राज्यों के कोच व खिलाड़ियों से कहा कि वे यहां आकर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को सिखाएं। उन्हें भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। राज्यपाल ने अभिभावकों से भी कहा कि वे अपने बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि आजकल के ज्यादातर आइकॉन स्पोर्ट्स से ही हैं। समारोह को खेल मंत्री लता उसेंडी, भारतीय ट्रायथलॉन संघ के महासचिव राकेश गुप्ता, छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया व पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन आयोजन सचिव डॉ. विष्णु श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर संसदीय सचिव विजय बघेल, खेल सचिव मनोहर पांडे, खेल संचालक जीपी सिंह, संजय बाजपेयी समेत अन्य पदाधिकारी, खिलाड़ी व बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं मौजूद थे। 

Wednesday 2 November, 2011

रायपुर में टीम इंडिया के "दीवार"

० निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये 
० पूरे समय मीडिया से दूर रहे 
अंतरराष्ट्रिय क्रिकेट स्टेडियम के निरीक्षण के दौरान द्रविड़ का स्वागत करते हुए छग क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया.
रायपुर. टीम इंडिया में "दीवार" के नाम से मशहूर क्रिकेटर राहुल द्रविड़ मंगलवार रात को एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रायपुर पहुंचे. द्रविड़ बुधवार को नई राजधानी स्थित अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निरीक्षण भी किया. इस मौके पर छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने द्रविड़ का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत भी किया. पहली बार रायपुर आये द्रविड़ ने छत्तीसगढ़ जैसे नए राज्य में सर्वसुविधायुक्त अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का होना गौरव की बात कही. उन्होंने उम्मीद जताई की यहाँ शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय मैच भी होंगे. इस दौरान संघ के सचिव राजेश दवे समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. 

वेटल ने जीती इंडियन ग्राँप्रि

रेस के दौरान पहले नंबर पर रेडबुल के रेसर वेटल अपनी कार दौडाते हुए.
0 भारत में पहली बार हुई फॉर्मूला -1 रेस
0 17वें स्थान पर रहे नारायण कार्तिकेयन
0 सहारा फोर्स इंडिया के सुतिल 9वें स्थान पर

ग्रेटर नोएडा।
सबसे युवा डबल विश्व चैंपियन रेडबुल के सेबेस्टियन वेटल ने रविवार को यहाँ पहली इंडियन ग्राँप्रि फॉर्मूला वन रेस जीत ली जबकि ब्रिटेन के जेंसन बटन दूसरे और स्पेन के फर्नांडो अलोंसो तीसरे नंबर पर रहे। चैंपियनशिप में एकमात्र भारतीय रेसर नारायण कार्तिकेयन 17वें स्थान पर रहे जबकि चैंपियनशिप की एकमात्र भारतीय टीम सहारा फोर्स इंडिया के जर्मन रेसर एड्रियन सुतिल 9वें और ब्रिटिश रेसर पॉल डी रेस्टा 13वें स्थान पर रहे।
सर्किट के मुख्य पैवेलियन के पास गुजरता कारों का काफिला
5.14 किमी लंबे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के रेसिंग ट्रैक पर जर्मनी के वेटल ने पोल पोजीशन से शुरुआत कर सबसे तेज समय निकाला। वेटल की इस साल 17 रेसों में यह 11वीं जीत है। वे इंडियन ग्राँप्रि शुरूहोने से पहले ही विश्व चैंपियन बन चुके थे। अब उन्होंने ओवरऑल चैंपियनशिप में अपना स्कोर मजबूत कर लिया है। 60 लैप की कुल 308 किमी लंबी यह रेस वेटल ने एक घंटे 30 मिनट और 35.002 सेकंड में पूरी की। उन्होंने एक मिनट 27.249 सेकंड का सबसे तेज लैपटाइम 60वीं और अंतिम लैप में निकाला।
रेस के दौरान माडलों का भी रहा जलवा.
 इसी के साथ वेटल नाइजल मानसेल के एक सत्र में सर्वाधिक 14 पोल पोजीशन हासिल करने के रिकॉर्ड की भी बराबरी करने से  एक कदम दूर हैं। वेटल इस सत्र 17 में से 13 रेसों में पोल पोजिशन पर रहे हैं।  गौरतलब है कि मानसेल ने यह रिकॉर्ड 16 रेसों में स्थापित किया था। टीम मॅक्लारेन के ब्रिटिश ड्राइवर बटन ने चौथी ग्रिड से शुरुआत करने के बावजूद जबरदस्त तेजी दिखाई और अलोंसो तथा रेडबुल के मार्क वेबर को काफी पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2008 के चैंपियन ब्रिटेन के लुईस हैमिल्टन और फेरारी के ब्राजीली ड्राइवर फिलिप मासा की कारें आपस में टकरा गईं। इन दोनों रेसरों के बीच ट्रैक पर यह छठी टक्कर है। इस कारण ब्राजीली रेसर को पेनल्टी भी दी गई और थोड़ी देर बाद वे कार क्षतिग्रस्त होने के कारण रेस बीच में ही छोड़कर हट गए।
वेटल की विशिष्ट उपलब्धि
ट्राफी के साथ वेटल
सेबेस्टियन वेटल के लिए पहली इंडियन ग्राँप्रि कई मायनों में ऐतिहासिक बन गई। उन्होंनेे इस रेस के पहले विजेता बनने के अलावा एक साथ कई ऐसी उपलब्धियाँ अर्जित की जो वे आज तक एक साथ किसी एक रेस में हासिल नहीं कर पाए थे। यह पहला मौका था जब वेटल ने पोल पोजीशन हासिल की, फास्टेस्ट लैप किया, हर लैप में अग्रणी रहे और इसके साथ ही खिताब भी हासिल किया। यह वेटल का इस वर्ष का 11वाँ खिताब है। अब वे एक वर्ष में सबसे ज्यादा रेस जीतने के माइकल शूमाकर के रिकॉर्ड की बराबरी से 2 जीत दूर हैंै। शूमाकर ने 2004 में 13 रेस जीती थीं।



इंडियन ग्राँप्रि के परिणाम
क्रम          ड्राइवर                                          टीम
1              सेबेस्टियन वेटल                             रेड बुल
2               जेंसन बटन                                   मॅक्लारेन
3               फर्नांडो अलोंसो                               फेरारी
4                मार्क बेबर                                    रेड बुल
5                माइकल शूमाकर                        मर्सिडीज
6                निको रॉसबर्ग                              मर्सिडीज
7                लुईस हैमिल्टन                           मॅक्लारेन
8                 जैमी अल्गुसुआरी                      टोरो रोसो
9                 एड्रियन सुतिल                          सहारा फोर्स इंडिया
10              सर्जियो पेरेज                              सॉबर
11               विताली पेत्रोव                            रेनाल्ट
12               ब्रुनो सेना                                   रेनाल्ट
13               पॉल डी रेस्टा                            सहारा फोर्स इंडिया
14                हेइकी कोवालाइन                     लोटस
15                रूबेंस बेरिचेलो                         विलियम्स
16                 जेरोम डी एम्ब्रोसियो                वर्जिन
17                  नारायण कार्तिकेयन               हिस्पेनिया
18                 डेनियल रिकॉर्डो                      हिस्पेनिया
19                यार्नो ट्रूली                                 लोटस
20                फेलिप मासा                           फेरारी
21                सेबेस्टियन बुएमी                    टोरो रोसो
22               पास्टर माल्डोनाडो                    विलियम्स
23                 टिमो ग्लॉक                            वर्जिन
24                कामुई कोबायाशी                    सॉबर
नोट : अंतिम पाँच स्थानों पर रहे चालकों ने रेस पूरी नहीं की। मासा ने 32 लैप के बाद रेस छोड़ी। वहीं बुएमी ने 24, पास्टर ने 12, टिमो ने 2 और कोबायाशी ने बिना कोई लैप पूरा किए रेस से हट गए।
ओवरऑल चैंपियनशिप तालिका
क्रम        चालक                               अंक
1             सेबेस्टियन वेटल                374
2              जेंसन बटन                       240
3               फर्नांडो अलोंसो                 227
4              मार्क बेवर                         221
5             लुईस हेमिल्टन                  202
6              फेलिप मासा                     98
7              निको रॉसबर्ग                   75
8              माइकल शूमाकर              70
9              विताली पेत्रोव                   36
10            निक हेडफेल्ड                   34
11            एड्रियन सुतिल                 30
12            कामुई कोबायाशी              27
13             जेमी अल्गुरसुआरी          26
14              पॉल डी रेस्टा                   21
15            सेबेस्टियन बुएमी             15
16            सर्जियो पेरेज                    14
17            रूबेंस बेरिचेलो                   4
18             ब्रूनो सेना                         2
19             पास्टर माल्डोनाडो            1
(अन्य चालक अभी तक अंकों का खाता नहीं खोल पाए हैं)
कंस्ट्रक्टर्स तालिका
क्रम              टीम                                         अंक
1                   रेडबुल-रेनॉल्ट                          595
2                  मैक्लॉरेन-मर्सिडीज                   442
3                   फेरारी                                      325
4                   मर्सिडीज                                  145
5                   रेनॉल्ट                                     72
6                सहारा फोर्स इंडिया-मर्सिडीज       51
7                 सॉबर-फेरारी                               41
8                 एसटीआर-फेरारी                         41
9                 विलियम्स-कॉसवर्थ                      5
10              लोटस-रेनॉल्ट                                0
11              एचआरटी-कॉसवर्थ                         0
12               वर्जिन-कॉसवर्थ                             0
इंडियन ग्राँप्रि जीतने पर गर्व : वेटल
ट्राफी को चुमते हुए वेटल
 जीत के बाद सेबेस्टियन वेटल ने कहा कि उन्हें इंडियन फॉर्मूला-वन ग्राँप्रि का पहला विजेता बनने पर गर्व है। यह रेस बेहद अच्छी रही और उन्हें इसमें बड़ा मजा आया। वेटल ने कहा- जेंसन बटन से कड़ी चुनौती मिली, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इस पहली इंडियन ग्राँप्रि को जीतने में सफल रहाा। सर्किट में यह बेहद जरूरी है कि रेस के अंत तक टायर अच्छी हालत में बने रहें और उस दृष्टि से यह अच्छी रेस रही। मैं जीत के लिए टीम तथा रेनॉल्ट को धन्यवाद देता हूँ।
वेटल ने कहा- मेरे लिए यह मिश्रित भावनाओं वाली जीत है। जहाँ मुझे इंडियन ग्राँप्रि के पहले विजेता होने का गर्व है, वहीं इस बात का दुख है कि पिछले दिनों ही हमने अपने दो साथियों को खोया है। मैं व्यक्तिगत रूप से इंडीकार चालक डैन वेल्डन को नहीं जानता हूँ लेकिन वे मोटरस्पोटर््स में बड़ा नाम हैं। मैं मोटो जीपी चालक मार्को सिमोन्सेली को जानता था और इस दुख के क्षण में मैं दोनों के परिजनों के साथ हूँ। वेटल ने कहा- हम कुछ जोखिम उठाने को तैयार हैं लेकिन हम चाहते हैं कि कोई दुर्घटना न घटे।
भारत महान देश इंडियन ग्राँप्रि के बारे में पूछे जाने पर वेटल ने कहा कि चूँकि पहला मौका था इसलिए आयोजन में कुछ कमियाँ रह गई हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष तक इनको दूर कर लिया जाएगा। बुद्ध इंटरनेशलन सर्किट लाजवाब है और इसके लिए मैं भारतीयों का शुक्रगुजार हूँ। भारत एक महान देश है। यह निश्चित रूप से योरप से अलग है, लेकिन यहाँ के लोग काफी मिलनसार हैं। यहाँ दोस्ती और भावनाओं का काफी महत्व है। हम इनसे काफी कुछ सीख सकते हैं।
यह रेस डेन व मार्को को समर्पित करनी चाहिए : बटन
रेस जितने के बाद जेंसन बटन (बाएं), वेटल और अलोंसो (दायें)
दूसरे स्थान पर रहे जेंसन बटन ने कहा कि यह रेस सच में मिश्रित अनुभवों वाली है। मैं डेन वेल्डेन को अच्छी तरह जानता था। डेन वेल्डेन और मार्को को खोना मोटर स्पोटर््स की बड़ी क्षति है और हमें यह रेस इन दोनों को समर्पित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरा इस सप्ताहांत का यहाँ का अनुभव अच्छा रहा। मेरा मानना है कि प्रत्येक रेसर यहाँ फिर आने के लिए बेताब रहेगा, क्योंकि भारत का यह सर्किट बेहद शानदार है। मुझे यह सर्किट बेहद पसंद आया। भारतीय आवभगत से अभिभूत बटन ने कहा- भारतीय प्रशंसकों ने देश में हमारा भव्य स्वागत किया, मैंने पहले कभी भी एक साथ इतने मुस्कुराते चेहरे नहीं देखे। दर्शकों ने सभी का जबर्दस्त उत्साहवर्धन किया। मैं उम्मीद करता हूँ कि भविष्य में फॉर्मूला-वन भारत में ज्यादा लोकप्रिय होगा और अगले वर्ष हम अधिक संख्या में दर्शक देखेंगे। रेस के बारे में बटन ने कहा- जहाँ तक टीम प्रयास की बात है हमने आज सभी कुछ सही किया। हमारी कार इतनी तेज नहीं थी कि हम रेस जीत सकें। मैंने अच्छी शुरुआत की, पहले लैप में अपने स्थान में सुधार किया और इसके बाद मैंने मार्क को पीछे छोड़ा।
इसके बाद मेरा ध्यान वेटल के करीब पहुँचने पर था, लेकिन यह मुश्किल था। बटन ने कहा-मेरी कार काफी अच्छी थी। इससे पहले कि वेटल प्राइम पर लय हासिल कर पाते मैंने उनसे 2.8 सेकंड का अंतर कम कर लिया, लेकिन यह काफी नहीं था। बावजूद इसके यह हमारे लिए काफी अच्छा परिणाम रहा और मुझे लगता है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
पोडियम पर रहना सुखद अहसास : फर्नांडो अलोंसो
 तीसरे स्थान पर रहने वाले फेरारी के फर्नांडो अलोंसो ने कहा कि भारत में हुई इस पहली फॉर्मूला वन रेस के पोडियम पर रहना सुखद अहसास है और मुझे खुशी है कि मैं एक नई ट्रॉफी घर लेकर लौटूँगा। हालाँकि आज का दिन खास था और मिश्रित अहसास लिए था। पोडियम पर पहुँचने की खुशी कुछ दिन पहले हुए हादसे के गम को कम नहीं कर सकती। हमारे दो विशेष चालक डैन वेल्डन और मार्को सिमोनसेली की दुर्घटना में मौत हो गई थी।  उन्होंने कहा- अब हम अबुधाबी जाएँगे। रेस से पहले मैं फेरारी पार्क जाकर गोल्फ खेलते हुए कुछ रिलेक्स करूँगा। रविवार रात को मैं वहाँ अभी तक हासिल नहीं हुई ट्रॉफी जीतने का प्रयास करूँगा।
चौथे स्थान पर रहे रेड बुल के मार्क वेबर ने कहा कि मैंने बीच रेस में ही स्थान गँवा दिया। इस वर्ष करीब हर बार ऐसा ही हुआ है। मैं गति बना पाने में सफल नहीं रहा हूँ और इसी वजह से मैं अपनी रणनीति पर कायम नहीं रह पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि फर्नांडो अलोंसो से कड़ा संघर्ष हुआ, लेकिन मॅक्लारेन और फेरारी पहले सेक्टर में काफी सशक्त थीं। अब हमें अबुधाबी पर ध्यान केन्द्रीत करना होगा।
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शाही आयोजन पर शाही खर्च

भारत में पहली बार फॉर्मूला-वन रेस आयोजित कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई। खिलाड़ियों के अलावा देशी-विदेशी मेहमानों का विशेष खयाल रखा गया। बदले में आयोजकों की तिजोरी भी खूब भरी।
भारत में फॉर्मूला-वन रेस आयोजित कराने के लंबे समय से प्रयास चल रहे थे। इसके लिए ग्रेटर नोएडा में सेक्टर-25 के पास बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के निर्माण पर करीब 14 सौ से दो हजार करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। जिसके निर्माण के लिए 300 दक्ष इंजीनियरों के अलावा लगभग 5000 श्रमिकों को लगाया गया था। रेस का लुत्फ उठाने के लिए रफ्तार के दीवानों को कम से कम ढाई हजार और ज्यादा से ज्यादा 35 हजार रुपए में टिकट खरीदना पड़ा। फाइनल रेस का लुत्फ उठाने नब्बे हजार से ज्यादा दर्शक पहुँचे। इस आयोजन में प्रतिभाग के लिए एयरटेल सहित विभिन्न् कंपनियों ने करीब 240 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसके अलावा राज्य सरकार को भी मोटा राजस्व मिला।
उधर, समापन समारोह के दौरान विदेशी पॉप सिंगर लेडी गागा के कार्यक्रम की एवज में भी आयोजकों को मोटी रकम मिली है। सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए चार करोड़ रुपए सिर्फ टिकट बेचकर कमाए गए हैं।
दूसरी तरफ बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को लंबे समय तक सहेज कर रखा जाना है। माना जा रहा है कि इस सर्किट पर निकट भविष्य में निरंतर ऐसे आयोजन होते रहेंगे। जिससे जेपी ग्रुप को अपनी प्रॉपर्टी ऊँचे दामों में बेचने का भी मौका मिल जाएगा। एफ-1 रेस में शामिल विभिन्न् टीमों के सदस्यों को ठहराने व खान-पान पर भी मोटी रकम खर्च की गई है। खिलाड़ियों के शाही ठाठ का खयाल रखा गया।
खर्च व आय एक नजर
1. ट्रैक निर्माण की लागत-1400 से 2000 करोड़
2. 2500 रुपए के टिकट से आय-पाँच करोड़ रुपए
3. 6500 रुपए के टिकट से आय-13 करोड़ रुपए
4. 35 हजार के टिकट से आय-70 करोड़ रुपए
5. ऑनलाइन बुकिंग- पाँच करोड़ रुपए
6. कॉरपोरेट बॉक्स से  आय-2 करोड़ रुपए
7. एयरटेल कंपनी का निवेश-240 करोड़ रुपए
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क्रिकेटरों और सितारों का जमावड़ा
रेस को हरी झंडी दिखाते सचिन तेंदुलकर
ग्रेटर नोएडा। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने इंडियन फॉर्मूला-वन ग्राँप्रि में रेस समाप्ति का झंडा लहराकर अपनी उपस्थिति विशेष रूप से दर्ज कराई। सचिन ने रेस प्रारंभ होने के पहले अपने दोस्त और सात बार के फॉर्मूला वन चैंपियन माइकल शूमाकर से मुलाकात भी की।
सचिन ने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में  शूमाकर और उनके टीम प्रिंसिपल रॉस ब्राउन से काफी देर तक चर्चा की। फॉर्मूला वन के कर्ता-धर्ता बर्नी एक्लेस्टोन के आमंत्रण पर सचिन यहाँ अपनी पत्नी अंजलि और बेटी सारा के साथ रेस देखने पहुँचे थे। सर्किट में पहुँचने के बाद सचिन ने बर्नी से भी मुलाकात की और लगभग आधे घंटे तक उनसे बातचीत की। इस दौरान महान रेसर जेकी स्टुअर्ट और बॉलीवुड अभिनेता गुलशन ग्रोवर भी इन दोनों के साथ मौजूद थे।
हरभजन सिंह अपनी महिला मित्र के साथ
सचिन ने बर्नी, शूमाकर और रेस में भाग ले रहीं सभी 12 टीमों के रेसरों तथा अधिकारियों के साथ ग्रैंड स्टैंड के सामने खड़े होकर वेल्डन और सिमोनसोली को श्रद्धांजलि अर्पित की। ब्रिटिश कार रेसर वेल्डन की अमेरिका के लॉस वेगास में इंडीकार रैली के दौरान हुई 15 कारों की टक्कर में मौत हो गई थी जबकि इतालवी बाइक रेसर सिमोनसोली मलेशियन मोटो जीपी टू के दौरान अपनी मोटरसाइकल फिसल जाने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। उनकी मौत के कारण यह रेस रद्द करनी पड़ी थी।
रेस का रोमांच देखने में वीवीआईपी से लेकर खेल तथा फिल्म जगत की हस्तियाँ भी पीछे नहीं रहे। मुख्यमंत्री मायावती ने वेटल को विजेता ट्रॉफी प्रदान की।
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उद्योगपति सिद्धार्थ माल्या 
क्रिकेटरों में सचिन के अलावा कप्तान महेंद्रसिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजनसिंह, विराट कोहली जैसे धुरंधर खिलाड़ियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। बॉलीवुड अभिनेता शाहस्र्ख खान, अर्जुन रामपाल, इमरान खान व गुलशन ग्रोवर ने भी रेस का लुत्फ उठाया। वहीं बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ प्रीति जिंटा व दीपिका पादुकोण भी रेस का गवाह बनीं। इनके अलावा पॉप गायिका लेडी गागा व मशहूर गायक दलेर मेहँदी भी अपने जलवे बिखरने के लिए पहुँचे।
प्रीटी जिंटा रेस के रोमांचक पल को कैमरे में कैद करती हुयीं














अनिल कपूर कुछ इस अंदाज में रेस देखने पहुंचे 














फरदीन खान अपनी पत्नी के साथ