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रेस के दौरान पहले नंबर पर रेडबुल के रेसर वेटल अपनी कार दौडाते हुए. |
0 17वें स्थान पर रहे नारायण कार्तिकेयन
0 सहारा फोर्स इंडिया के सुतिल 9वें स्थान पर
ग्रेटर नोएडा। सबसे युवा डबल विश्व चैंपियन रेडबुल के सेबेस्टियन वेटल ने रविवार को यहाँ पहली इंडियन ग्राँप्रि फॉर्मूला वन रेस जीत ली जबकि ब्रिटेन के जेंसन बटन दूसरे और स्पेन के फर्नांडो अलोंसो तीसरे नंबर पर रहे। चैंपियनशिप में एकमात्र भारतीय रेसर नारायण कार्तिकेयन 17वें स्थान पर रहे जबकि चैंपियनशिप की एकमात्र भारतीय टीम सहारा फोर्स इंडिया के जर्मन रेसर एड्रियन सुतिल 9वें और ब्रिटिश रेसर पॉल डी रेस्टा 13वें स्थान पर रहे।
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सर्किट के मुख्य पैवेलियन के पास गुजरता कारों का काफिला |
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रेस के दौरान माडलों का भी रहा जलवा. |
वेटल की विशिष्ट उपलब्धि
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ट्राफी के साथ वेटल |
इंडियन ग्राँप्रि के परिणाम
क्रम ड्राइवर टीम
1 सेबेस्टियन वेटल रेड बुल
2 जेंसन बटन मॅक्लारेन
3 फर्नांडो अलोंसो फेरारी
4 मार्क बेबर रेड बुल
5 माइकल शूमाकर मर्सिडीज
6 निको रॉसबर्ग मर्सिडीज
7 लुईस हैमिल्टन मॅक्लारेन
8 जैमी अल्गुसुआरी टोरो रोसो
9 एड्रियन सुतिल सहारा फोर्स इंडिया
10 सर्जियो पेरेज सॉबर
11 विताली पेत्रोव रेनाल्ट
12 ब्रुनो सेना रेनाल्ट
13 पॉल डी रेस्टा सहारा फोर्स इंडिया
14 हेइकी कोवालाइन लोटस
15 रूबेंस बेरिचेलो विलियम्स
16 जेरोम डी एम्ब्रोसियो वर्जिन
17 नारायण कार्तिकेयन हिस्पेनिया
18 डेनियल रिकॉर्डो हिस्पेनिया
19 यार्नो ट्रूली लोटस
20 फेलिप मासा फेरारी
21 सेबेस्टियन बुएमी टोरो रोसो
22 पास्टर माल्डोनाडो विलियम्स
23 टिमो ग्लॉक वर्जिन
24 कामुई कोबायाशी सॉबर
नोट : अंतिम पाँच स्थानों पर रहे चालकों ने रेस पूरी नहीं की। मासा ने 32 लैप के बाद रेस छोड़ी। वहीं बुएमी ने 24, पास्टर ने 12, टिमो ने 2 और कोबायाशी ने बिना कोई लैप पूरा किए रेस से हट गए।
ओवरऑल चैंपियनशिप तालिका
क्रम चालक अंक
1 सेबेस्टियन वेटल 374
2 जेंसन बटन 240
3 फर्नांडो अलोंसो 227
4 मार्क बेवर 221
5 लुईस हेमिल्टन 202
6 फेलिप मासा 98
7 निको रॉसबर्ग 75
8 माइकल शूमाकर 70
9 विताली पेत्रोव 36
10 निक हेडफेल्ड 34
11 एड्रियन सुतिल 30
12 कामुई कोबायाशी 27
13 जेमी अल्गुरसुआरी 26
14 पॉल डी रेस्टा 21
15 सेबेस्टियन बुएमी 15
16 सर्जियो पेरेज 14
17 रूबेंस बेरिचेलो 4
18 ब्रूनो सेना 2
19 पास्टर माल्डोनाडो 1
(अन्य चालक अभी तक अंकों का खाता नहीं खोल पाए हैं)
कंस्ट्रक्टर्स तालिका
क्रम टीम अंक
1 रेडबुल-रेनॉल्ट 595
2 मैक्लॉरेन-मर्सिडीज 442
3 फेरारी 325
4 मर्सिडीज 145
5 रेनॉल्ट 72
6 सहारा फोर्स इंडिया-मर्सिडीज 51
7 सॉबर-फेरारी 41
8 एसटीआर-फेरारी 41
9 विलियम्स-कॉसवर्थ 5
10 लोटस-रेनॉल्ट 0
11 एचआरटी-कॉसवर्थ 0
12 वर्जिन-कॉसवर्थ 0
इंडियन ग्राँप्रि जीतने पर गर्व : वेटल
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ट्राफी को चुमते हुए वेटल |
वेटल ने कहा- मेरे लिए यह मिश्रित भावनाओं वाली जीत है। जहाँ मुझे इंडियन ग्राँप्रि के पहले विजेता होने का गर्व है, वहीं इस बात का दुख है कि पिछले दिनों ही हमने अपने दो साथियों को खोया है। मैं व्यक्तिगत रूप से इंडीकार चालक डैन वेल्डन को नहीं जानता हूँ लेकिन वे मोटरस्पोटर््स में बड़ा नाम हैं। मैं मोटो जीपी चालक मार्को सिमोन्सेली को जानता था और इस दुख के क्षण में मैं दोनों के परिजनों के साथ हूँ। वेटल ने कहा- हम कुछ जोखिम उठाने को तैयार हैं लेकिन हम चाहते हैं कि कोई दुर्घटना न घटे।
भारत महान देश : इंडियन ग्राँप्रि के बारे में पूछे जाने पर वेटल ने कहा कि चूँकि पहला मौका था इसलिए आयोजन में कुछ कमियाँ रह गई हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष तक इनको दूर कर लिया जाएगा। बुद्ध इंटरनेशलन सर्किट लाजवाब है और इसके लिए मैं भारतीयों का शुक्रगुजार हूँ। भारत एक महान देश है। यह निश्चित रूप से योरप से अलग है, लेकिन यहाँ के लोग काफी मिलनसार हैं। यहाँ दोस्ती और भावनाओं का काफी महत्व है। हम इनसे काफी कुछ सीख सकते हैं।
यह रेस डेन व मार्को को समर्पित करनी चाहिए : बटन
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रेस जितने के बाद जेंसन बटन (बाएं), वेटल और अलोंसो (दायें) |
उन्होंने कहा कि मेरा इस सप्ताहांत का यहाँ का अनुभव अच्छा रहा। मेरा मानना है कि प्रत्येक रेसर यहाँ फिर आने के लिए बेताब रहेगा, क्योंकि भारत का यह सर्किट बेहद शानदार है। मुझे यह सर्किट बेहद पसंद आया। भारतीय आवभगत से अभिभूत बटन ने कहा- भारतीय प्रशंसकों ने देश में हमारा भव्य स्वागत किया, मैंने पहले कभी भी एक साथ इतने मुस्कुराते चेहरे नहीं देखे। दर्शकों ने सभी का जबर्दस्त उत्साहवर्धन किया। मैं उम्मीद करता हूँ कि भविष्य में फॉर्मूला-वन भारत में ज्यादा लोकप्रिय होगा और अगले वर्ष हम अधिक संख्या में दर्शक देखेंगे। रेस के बारे में बटन ने कहा- जहाँ तक टीम प्रयास की बात है हमने आज सभी कुछ सही किया। हमारी कार इतनी तेज नहीं थी कि हम रेस जीत सकें। मैंने अच्छी शुरुआत की, पहले लैप में अपने स्थान में सुधार किया और इसके बाद मैंने मार्क को पीछे छोड़ा।
इसके बाद मेरा ध्यान वेटल के करीब पहुँचने पर था, लेकिन यह मुश्किल था। बटन ने कहा-मेरी कार काफी अच्छी थी। इससे पहले कि वेटल प्राइम पर लय हासिल कर पाते मैंने उनसे 2.8 सेकंड का अंतर कम कर लिया, लेकिन यह काफी नहीं था। बावजूद इसके यह हमारे लिए काफी अच्छा परिणाम रहा और मुझे लगता है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
पोडियम पर रहना सुखद अहसास : फर्नांडो अलोंसो
तीसरे स्थान पर रहने वाले फेरारी के फर्नांडो अलोंसो ने कहा कि भारत में हुई इस पहली फॉर्मूला वन रेस के पोडियम पर रहना सुखद अहसास है और मुझे खुशी है कि मैं एक नई ट्रॉफी घर लेकर लौटूँगा। हालाँकि आज का दिन खास था और मिश्रित अहसास लिए था। पोडियम पर पहुँचने की खुशी कुछ दिन पहले हुए हादसे के गम को कम नहीं कर सकती। हमारे दो विशेष चालक डैन वेल्डन और मार्को सिमोनसेली की दुर्घटना में मौत हो गई थी। उन्होंने कहा- अब हम अबुधाबी जाएँगे। रेस से पहले मैं फेरारी पार्क जाकर गोल्फ खेलते हुए कुछ रिलेक्स करूँगा। रविवार रात को मैं वहाँ अभी तक हासिल नहीं हुई ट्रॉफी जीतने का प्रयास करूँगा।
चौथे स्थान पर रहे रेड बुल के मार्क वेबर ने कहा कि मैंने बीच रेस में ही स्थान गँवा दिया। इस वर्ष करीब हर बार ऐसा ही हुआ है। मैं गति बना पाने में सफल नहीं रहा हूँ और इसी वजह से मैं अपनी रणनीति पर कायम नहीं रह पा रहा हूँ। उन्होंने कहा कि फर्नांडो अलोंसो से कड़ा संघर्ष हुआ, लेकिन मॅक्लारेन और फेरारी पहले सेक्टर में काफी सशक्त थीं। अब हमें अबुधाबी पर ध्यान केन्द्रीत करना होगा।
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शाही आयोजन पर शाही खर्च
भारत में पहली बार फॉर्मूला-वन रेस आयोजित कराने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई। खिलाड़ियों के अलावा देशी-विदेशी मेहमानों का विशेष खयाल रखा गया। बदले में आयोजकों की तिजोरी भी खूब भरी।
भारत में फॉर्मूला-वन रेस आयोजित कराने के लंबे समय से प्रयास चल रहे थे। इसके लिए ग्रेटर नोएडा में सेक्टर-25 के पास बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के निर्माण पर करीब 14 सौ से दो हजार करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। जिसके निर्माण के लिए 300 दक्ष इंजीनियरों के अलावा लगभग 5000 श्रमिकों को लगाया गया था। रेस का लुत्फ उठाने के लिए रफ्तार के दीवानों को कम से कम ढाई हजार और ज्यादा से ज्यादा 35 हजार रुपए में टिकट खरीदना पड़ा। फाइनल रेस का लुत्फ उठाने नब्बे हजार से ज्यादा दर्शक पहुँचे। इस आयोजन में प्रतिभाग के लिए एयरटेल सहित विभिन्न् कंपनियों ने करीब 240 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसके अलावा राज्य सरकार को भी मोटा राजस्व मिला।
उधर, समापन समारोह के दौरान विदेशी पॉप सिंगर लेडी गागा के कार्यक्रम की एवज में भी आयोजकों को मोटी रकम मिली है। सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए चार करोड़ रुपए सिर्फ टिकट बेचकर कमाए गए हैं।
दूसरी तरफ बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को लंबे समय तक सहेज कर रखा जाना है। माना जा रहा है कि इस सर्किट पर निकट भविष्य में निरंतर ऐसे आयोजन होते रहेंगे। जिससे जेपी ग्रुप को अपनी प्रॉपर्टी ऊँचे दामों में बेचने का भी मौका मिल जाएगा। एफ-1 रेस में शामिल विभिन्न् टीमों के सदस्यों को ठहराने व खान-पान पर भी मोटी रकम खर्च की गई है। खिलाड़ियों के शाही ठाठ का खयाल रखा गया।
खर्च व आय एक नजर
1. ट्रैक निर्माण की लागत-1400 से 2000 करोड़
2. 2500 रुपए के टिकट से आय-पाँच करोड़ रुपए
3. 6500 रुपए के टिकट से आय-13 करोड़ रुपए
4. 35 हजार के टिकट से आय-70 करोड़ रुपए
5. ऑनलाइन बुकिंग- पाँच करोड़ रुपए
6. कॉरपोरेट बॉक्स से आय-2 करोड़ रुपए
7. एयरटेल कंपनी का निवेश-240 करोड़ रुपए
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क्रिकेटरों और सितारों का जमावड़ा
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रेस को हरी झंडी दिखाते सचिन तेंदुलकर |
सचिन ने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में शूमाकर और उनके टीम प्रिंसिपल रॉस ब्राउन से काफी देर तक चर्चा की। फॉर्मूला वन के कर्ता-धर्ता बर्नी एक्लेस्टोन के आमंत्रण पर सचिन यहाँ अपनी पत्नी अंजलि और बेटी सारा के साथ रेस देखने पहुँचे थे। सर्किट में पहुँचने के बाद सचिन ने बर्नी से भी मुलाकात की और लगभग आधे घंटे तक उनसे बातचीत की। इस दौरान महान रेसर जेकी स्टुअर्ट और बॉलीवुड अभिनेता गुलशन ग्रोवर भी इन दोनों के साथ मौजूद थे।
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हरभजन सिंह अपनी महिला मित्र के साथ |
रेस का रोमांच देखने में वीवीआईपी से लेकर खेल तथा फिल्म जगत की हस्तियाँ भी पीछे नहीं रहे। मुख्यमंत्री मायावती ने वेटल को विजेता ट्रॉफी प्रदान की।
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अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उद्योगपति सिद्धार्थ माल्या |
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प्रीटी जिंटा रेस के रोमांचक पल को कैमरे में कैद करती हुयीं |
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अनिल कपूर कुछ इस अंदाज में रेस देखने पहुंचे |
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फरदीन खान अपनी पत्नी के साथ |
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