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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Sunday 18 December, 2011

संजय के सुझावों का जर्मनी में अमल


0 वाबा मि.व मिस यूनिवर्स बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप के सभी इवेंट में निर्णायक रहे संजय
0 बॉडी बिल्डिंग के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक संजय शर्मा जर्मनी से लौटे
जर्मनी के एल्जी में हुई वाबा मिस्टर एंड मिस यूनिवर्स बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप के दौरान पर्तिभागी.
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक संजय शर्मा जर्मनी में अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने जर्मनी के एल्जी में हुई वाबा मिस्टर एंड मिस यूनिवर्स बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप के सभी इवेंट के निर्णायक बनाए गए। ऐसा पहली बार हुआ है जब वर्ल्ड चैंपियनशिप के सभी इवेंट में श्री शर्मा को 11 सदस्यीय ज्यूरी मेंबर में शामिल किया गया। आयोजकों ने श्री शर्मा को पहली बार मुख्य इवेंट के विजेता को पुरस्कृत करने का मौका भी दिया। वे वहां हुई वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन की वार्षिक बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। 
यूनिवर्स बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर जर्मनी से लौटे श्री शर्मा ने 'नईदुनिया" से चर्चा करते हुए बताया कि भारत से इसमें दिल्ली के चंद्रपाल शर्मा ने मिडिल टाल ग्रुप में हिस्सा लिया और वे इसमें नौवें स्थान पर रहे। श्री शर्मा ने बताया कि इस साल अगस्त में वर्ल्ड फेडरेशन ने उनसे आयोजन के संबंध में सुझाव मांगे थे, जिसे वे ईमेल से भेजा था। उनके द्वारा सुझाए गए कई सुझावों का असर यूनिवर्स स्पर्धा आयोजन के दौरान दिखा। वर्ल्ड फेडरेशन ने आयोजन के दौरान उनको विशेष तवज्जो दी गई। यह उनके लिए खुशी की बात है। उन्होंने बताया कि स्पर्धा के दौरान वर्ल्ड फेडरेशन की वार्षिक बैठक हुई। इसमें अगले दो सालों के खेल कैलेंडर व आयोजन स्थल तय किया गया। बैठक में उन्होंने बॉडी बिल्डिंग को एशिया समेत दक्षिण एशियाई देशों पर फोकस करने व नियमों में शिथिलता लाने का सुझाव दिया, जिसे फेडरेशन ने विचार करने का आश्वासन दिया। 
भारत में मि. शेप में अधिक संभावना
मैं इवेंट के विजेता के साथ संजय शर्मा 
श्री शर्मा ने कहा कि बॉडी बिल्डिंग के मि. शेप (फिटनेस) बॉडी बिल्डिंग वर्ग में भारत में अधिक संभावना है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की शरीर की बनावट ऐसी है, जिसमें इस स्पर्धा में भारतीय बॉडी बिल्डर वर्ल्ड लेवल पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। वर्ल्ड लेवल पर भारतीय बॉडी बिल्डरों के पिछड़ने पर उन्होंने कहा कि यहांॅ के बॉडी बिल्डर प्रोफेशनल नहीं है। इस कारण वे इस पर ध्यान नहीं देते। विदेशों में बॉडी बिल्डर का ध्यान पूरे सालभर सिर्फ अपने मुख्य इवेंट पर फोकस रहता है, जबकि भारतीय बॉडी बिल्डरों में फोकस की कमी रहती है। यहां के बॉडी बिल्डरों का फोकस ही तय नहीं होता है। 

स्पोर्ट्स डोम इंडोर हाल हो सकता है मॉडल
श्री शर्मा ने कहा कि जर्मनी में बड़े स्टेडियमों के अलावा जगह-जगह स्पोर्ट्स डोम इंडोर हाल बने हुए हैं, जो एक तरह से पोर्टेबल व कम लागत से बनी होती है। यह हाल मैदानों पर विभिन्ना आयोजनों के लिए बनाए जाने वाले डोम की तरह होते हैं। वहां खिलाड़ी इसमें सभी तरह के इंडोर गेम्स की रोजाना प्रैक्टिस की जाती है। खेल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी झेल रहे भारत में यह स्पोर्ट्स डोम इंडोर हाल एक बेहतरीन मॉडल बन सकता है। इस डोम के अंदर टेबल टेनिस, बैडमिंटन, लान टेनिस के अलावा हॉकी जैसे खेल भी खेले जा सकते हैं। इसे सिंथेटिक ट्रैक या ग्रासी मैदान सभी तरह से बनाया जा सकता है।

नार्वे के बॉडी बिल्डर चार्ली को छग आमंत्रण
श्री शर्मा ने बताया कि वे नार्वे के बॉडी बिल्डर चार्ली को छत्तीसगढ़ का आने का न्योता दिया है। इसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। यदि राजधानी में फेडरेशन कप का आयोजन होगा तो उन्हें यहां बुलाने पर विचार किया जाएगा। 

विरोध का नायाब तरीका
श्री शर्मा ने बताया कि फ्रैंकफर्ट में उन्होंने वहांॅ के लोगों के सरकार के प्रति विरोध का नायाब तरीका देखा। उन्होंने बताया कि लोग भारत की तरह नारेबाजी करने के बजाय विभिन्ना आकर्षक वेशभूषा व तख्ती लेकर फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट के अंदर बड़ी संख्या में बेहिचक घुस गए, लेकिन उन्हें किसी ने रोका भी नहीं, क्योंकि विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण था। इसमें लोग अपनी फैमिली के साथ हिस्सा लिया। उनकी मांग थी कि रात में वहां पर विमान की आवाजाही न हो। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। मांगों को वहां के एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मान भी ली। वहां के लोगों का इस तरह विरोध जताने का यह तरीका उन्हें बेहद पसंद आया। 
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वर्ल्ड चैम्पियन बनने के लिए दीर्धकालीन योजना एवं कड़ी मेहनत की जरुरत : शर्मा 
प्रोफेशनल इवेंट के विजेता के साथ संजय. 
जर्मनी के अल्जाई शहर के राउड स्पोर्ट्स हाल में आयोजित वाबा मिस्टर एंड मिस यूनिवर्स -२०११ बॉडीबिल्डिंग अन फिटनेस चेम्पियनशिप 3 तथा 4 दिसंबर को संपन्न हुई. इसमें 15 से अधिक देशों के महिला-पुरुष खिलाडियों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में पुरुष के शाट ग्रुप, मिडिल ग्रुप टाल ग्रुप एव मेंन फिटनेस मास्टर जूनियर, एवं महिलाओं के मिस फिटनेस, मिस शेप, मिस माडल, कपल्स एवं प्रोफेशनल स्पर्धा हुई. इस स्पर्धा में ओवरआल चैम्पियन इटली रही. प्रोफेशनल चैम्पियन होल्नर पिटर  हंगरी, टाल क्लास विजेता सेंटियागो आर हरेरा स्पेन तथा ओवरआल चेम्पियन टी स्तेफिनो इटली ने जीता, भारत के खिलाडी चंद्रपाल शर्मा यूपी नॉवे स्थान पर रहे. जर्मनी में आयोजित हुई वाबा यूनिवर्स बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ के प्रथम वीर हनुमान सिंह अवार्डी व शरीर सौष्ठव के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक संजय शर्मा ने भारतीय टीम का बतौर कोच प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ निर्णयन कार्य भी किया। श्री शर्मा इसके पूर्व कई देशों में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निर्णयन कार्य कर चुके हैं। गौरतलब है कि शरीर सौष्ठव के अंतरराष्ट्रीय निर्णायक और छत्तीसगढ़ एमेच्योर शरीर सौष्ठव संघ के सचिव संजय शर्मा का चयन भारतीय बॉडी बिल्डिंग टीम के प्रशिक्षक के लिए किया गया था। श्री शर्मा का चयन इंडियन फिटनेस एंड बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन (नेशनल एमेच्योर शरीर सौष्ठव संघ) द्वारा किया गया। जर्मनी में श्री शर्मा का चयन इस प्रतियोगिता के निर्णयन के लिए भी किया गया।  श्री शर्मा छत्तीसगढ़ एमेच्योर शरीर सौष्ठव संघ के सचिव भी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई शरीर सौष्ठव प्रतियोगिताओं में उनके निर्णयन कार्य के लिए उन्हें राज्य सरकार ने वीर हनुमान सिंह पुरस्कार से सम्मानित किया है। वे यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य के पहले निर्णायक हैं। श्री शर्मा ने बताया की जर्मनी में 4 दिसम्बर को फेडरेशन की बैठक हुई जिसमे श्री शर्मा ने सुझाव दिया की एशिया में शामिल देशों में भी इस तरह की स्पर्धा के आयोजन किया जाय एवं यूथ बॉडी बिल्डर्स के लिए आकर्षक प्रोग्राम बनाया जाय. इसके अलावा डोपिंग पर कड़ी करवाई की जाये. श्री शर्मा ने बताया की वर्ष २०१२ जून में मिस्टर वर्ल्ड इटली में होगी, एवं 2013 में ग्रीस तथा टर्की ने दावेदारी की है. 2012 का मिस्टर वबा यूनिवर्स जर्मनी में ही आयोजित है. इस खेल को जो की विश्व में बहुत लोकप्रिय है तथा देश में भी नवयुवकों में इस खेल को और अधिक प्रोत्साहित करने एवं लोकप्रिय बनाने की जरूरत है. इसे ओल्य्म्पिक, एशियाड से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि हर वर्ग के लोगों को फिटनेस एवं स्वाथ्य के नजरिये से देखा जाना चाहिए.
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एक नजर इधर भी ...


मिश्रित युगल  विजेता के साथ संजय. 

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