प्रदेश की अंडर-22 टीम बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में जगह बनाई
अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलेगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रिकेट ने बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता हासिल करने की दिशा में एक और छलांग लगा दी है। प्रदेश की अंडर-22 टीम अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। इस तरह अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली है।
छत्तीसगढ़ को अभी बीसीसीआई से एसोसिएट मान्यता मिली हुई है। इस कारण प्रदेश टीम को बोर्ड के प्लेट ग्रुप में खेलने की पात्रता नहीं थी, लेकिन बीसीसीआई की घोषणा के मुताबिक इस साल एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनने के बाद छत्तीसगढ़ टीम ने प्लेट ग्रुप में जगह बना ली। इसी तरह अंडर-16 टीम भी एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनकर सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली, जबकि अंडर-19 टीम उपविजेता होने से प्लेट ग्रुप में पहुंचने से चूक गई। अंडर-22 टीम के प्लेट ग्रुप में पहुंचने से बरसों से बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता के लिए तरस रहे प्रदेश क्रिकेट के लिए यह खुशी होने वाली बात है। अब यहां के खिलाड़ियों को बोर्ड के बड़े टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा।
2013 से पहले भी मिल सकती पूर्ण मान्यता
छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई से नियमानुसार 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना है, लेकिन पिछले तीन सालों के प्रदर्शन को देखते हुए इससे पहले भी बोर्ड छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे का कहना है कि 2008 में छत्तीसगढ़ को एसोसिएट मान्यता मिली थी। पाँच साल बाद पूर्ण मान्यता देने का नियम है। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ को 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना तय है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के कार्यकलापों से काफी संतुष्ट है। बोर्ड पदाधिकारियों ने कई बार तारीफ भी की है। यहां अब बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर व मैदान डेवलप हो चुके हैं। खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। इसको देखते हुए बीसीसीआई पाँच साल पूरा होने से पहले भी छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है, लेकिन यह सिर्फ बोर्ड पर निर्भर करता है।
रणजी अभी दूर
पूर्ण मान्यता मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ को रणजी मैच के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। रणजी ट्राफी के लिए क्वालीफाई करने से पहले प्रदेश टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचकर बेहतर प्रदर्शन करना होगा। एलीट ग्रुप में टीम के प्रदर्शन के आधार पर ही रणजी ट्राफी की अनुमति मिलेगी। एलीट ग्रुप में पहुंचने के लिए प्रदेश टीम को प्लेट ग्रुप में अपने वर्ग में शीर्ष पर पहुंचना होगा, तभी वह एलीट ग्रुप के लिए क्वालीफाई कर सकेगी।
जुलाई में लगेगा फिटनेस कैंप
प्रदेश के क्रिकेटरों के लिए दो माह का फिटनेस कैंप लगेगा। कैंप रायपुर में जुलाई से सितंबर तक चलेगा। इसमें प्रदेश के खिलाड़ियों को एनसीए के ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। श्री दवे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक अन्य एसोसिएट मान्यता प्राप्त राज्यों के खिलाड़ियों से बेहतर रहा है, लेकिन आगे प्लेट ग्रुप में उन्हें नेशनल लेवल पर मजबूत टीम के साथ खेलना पड़ेगा, इसलिए अभी से इसकी तैयारी करने के लिए फिटनेस कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है। खिलाड़ियों की सबसे ज्यादा कमजोरी फिटनेस की होती है। इसमें खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए एनसीए से फिटनेस ट्रेनर बुलाया जाएगा, लेकिन अभी निर्णय नहीं लिया गया है।
अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलेगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रिकेट ने बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता हासिल करने की दिशा में एक और छलांग लगा दी है। प्रदेश की अंडर-22 टीम अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए बीसीसीआई के प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। इस तरह अंडर-16 टीम भी अब बोर्ड के सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली है।
छत्तीसगढ़ को अभी बीसीसीआई से एसोसिएट मान्यता मिली हुई है। इस कारण प्रदेश टीम को बोर्ड के प्लेट ग्रुप में खेलने की पात्रता नहीं थी, लेकिन बीसीसीआई की घोषणा के मुताबिक इस साल एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनने के बाद छत्तीसगढ़ टीम ने प्लेट ग्रुप में जगह बना ली। इसी तरह अंडर-16 टीम भी एसोसिएट ट्राफी चैंपियनशिप में विजेता बनकर सेंट्रल जोन से खेलने की पात्रता हासिल कर ली, जबकि अंडर-19 टीम उपविजेता होने से प्लेट ग्रुप में पहुंचने से चूक गई। अंडर-22 टीम के प्लेट ग्रुप में पहुंचने से बरसों से बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता के लिए तरस रहे प्रदेश क्रिकेट के लिए यह खुशी होने वाली बात है। अब यहां के खिलाड़ियों को बोर्ड के बड़े टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलेगा।
2013 से पहले भी मिल सकती पूर्ण मान्यता
छत्तीसगढ़ को बीसीसीआई से नियमानुसार 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना है, लेकिन पिछले तीन सालों के प्रदर्शन को देखते हुए इससे पहले भी बोर्ड छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के सचिव राजेश दवे का कहना है कि 2008 में छत्तीसगढ़ को एसोसिएट मान्यता मिली थी। पाँच साल बाद पूर्ण मान्यता देने का नियम है। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ को 2013 में पूर्ण मान्यता मिलना तय है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के कार्यकलापों से काफी संतुष्ट है। बोर्ड पदाधिकारियों ने कई बार तारीफ भी की है। यहां अब बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर व मैदान डेवलप हो चुके हैं। खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। इसको देखते हुए बीसीसीआई पाँच साल पूरा होने से पहले भी छत्तीसगढ़ को पूर्ण मान्यता दे सकता है, लेकिन यह सिर्फ बोर्ड पर निर्भर करता है।
रणजी अभी दूर
पूर्ण मान्यता मिलने के बाद भी छत्तीसगढ़ को रणजी मैच के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। रणजी ट्राफी के लिए क्वालीफाई करने से पहले प्रदेश टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचकर बेहतर प्रदर्शन करना होगा। एलीट ग्रुप में टीम के प्रदर्शन के आधार पर ही रणजी ट्राफी की अनुमति मिलेगी। एलीट ग्रुप में पहुंचने के लिए प्रदेश टीम को प्लेट ग्रुप में अपने वर्ग में शीर्ष पर पहुंचना होगा, तभी वह एलीट ग्रुप के लिए क्वालीफाई कर सकेगी।
जुलाई में लगेगा फिटनेस कैंप
प्रदेश के क्रिकेटरों के लिए दो माह का फिटनेस कैंप लगेगा। कैंप रायपुर में जुलाई से सितंबर तक चलेगा। इसमें प्रदेश के खिलाड़ियों को एनसीए के ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। श्री दवे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब तक अन्य एसोसिएट मान्यता प्राप्त राज्यों के खिलाड़ियों से बेहतर रहा है, लेकिन आगे प्लेट ग्रुप में उन्हें नेशनल लेवल पर मजबूत टीम के साथ खेलना पड़ेगा, इसलिए अभी से इसकी तैयारी करने के लिए फिटनेस कैंप लगाने का निर्णय लिया गया है। खिलाड़ियों की सबसे ज्यादा कमजोरी फिटनेस की होती है। इसमें खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए एनसीए से फिटनेस ट्रेनर बुलाया जाएगा, लेकिन अभी निर्णय नहीं लिया गया है।
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