कनाडा को 97 रनों से हराया, ब्रैंडन ने लगाया वर्ल्ड कप का पहला शतक
मुंबई. ब्रैंडन मैकुलम (101) के पहले विश्व कप शतक और कप्तान रोस टेलर की 74 रन की विस्फोटक पारी के दम पर न्यूजीलैंड ने कनाडा को आज बेरहमी से 97 रन से रौंदते हुए बड़ी शान के साथ ग्रुप-ए से टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया।
विश्व कप के फाइनल के मेजबान स्थल वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये पहले मैच में न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में छह विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद कनाडा के सराहनीय संघर्ष को अंतत: नौ विकेट पर 261 रन के स्कोर पर रोक दिया। कीवी टीम की पांच मैचों में यह चौथी जीत है और आठ अंकों के साथ ग्रुप-ए में चोटी पर पहुंच गया है। श्रीलंका सात अंकों के साथ ग्रुप में दूसरे और पाकिस्तान छह अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। कनाडा को पांच मैचों में अपनी चौथी पराजय झेलनी पड़ गई है। न्यूजीलैंड ने विशाल स्कोर बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित कर लिया था कि कनाडा की टीम उसके आसपास भी न पहुंच पाए।
मैकुलम ने 109 गेंदों में 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 101 रन बनाए जबकि कार्यवाहक कप्तान टेलर ने और भी ज्यादा विस्फोट करते हुए सिर्फ 44 गेंदों में छह चौकों और पांच छक्कों की मदद से 74 रन ठोक डाले। जेम्स फ्रेंकलिन को सिर्फ आखिरी ओवर खेलने को मिला था जिसमें उन्होंने दो चौके और तीन छक्के उडाते हुए 31 रन बटोर डाले। इस ओवर का ही कमाल था कि न्यूजीलैंड का एक झटके में 358 रन पहुंच गया। कनाडा ने हालांकि अपने दो विकेट सिर्फ चार रन पर गंवा दिए थे और हीरल पटेल (31) के आउट होने के बाद उसका स्कोर तीन विकेट पर 50 रन हो गया था। लेकिन कप्तान आशीष बगई (84) और जिमी हंसरा (नाबाद 70) ने चौथे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी कर कनाडा की शर्मनाक हार को सम्मानजनक हार में बदल दिया। बगई ने 87 गेंदों पर 84 रन की अपनी पारी में दस चौके लगाए जबकि हंसरा 105 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 70 रन बनाकर अंत तक डटे रहे। जान डेविसन ने 15 और खुर्रम चौहान ने 22 रन बनाए। न्यूजीलैंड की तरफ से जैकब ओरम ने दस ओवर में 47 रन पर तीन विकेट और काइल मिल्स ने 2.4 ओवर में दो रन पर दो विकेट झटके। टिम साउथी, जेसी राइडर और नाथन मैकुलम को एक-एक विकेट मिला। इससे पहले मैकुलम के शानदार शतक और कप्तान टेलर की 74 रन की धुआंधार पारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने छह विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर बना लिया।
मैकुलम ने 109 गेंदों की अपनी पारी में 12 चौकों और दो छक्के लगाए जबकि टेलर ने मात्र 44 गेंदों में छह चौकों और पांच गगनचुम्बी छक्कों की मदद से ताबडतोड 74 रन बनाए। कनाडा ने टास जीतकर न्यूजीलैंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। कीवी ओपनरों मार्टिन गुप्तिल (17) और मैकुलम ने पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े लेकिन 10वें ओवर में गुप्तिल हरवीर बैदवान की गेंद पर क प्तान आशीष बगई को कैच थमा बैठे। लेकिन इसके बाद मैकुलम और जेसी राइडर (38) ने दूसरे विकेट के लिए 96 रन की मजबूत साझेदारी कर टीम को 149 रन के स्कोर तक पहुंचा दिया। मैकुलम ने इसी बीच 38 गेंदों में नौ चौकों और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया1 लेकिन पारी के 30वें ओवर में राइडर जान डेविसन की गेंद पर हेनरी ओसिंदे के हाथों लपके गए।
इसके बाद चौथे नंबर पर खेलने आए टेलर ने भी शानदार प्रदर्शन किया और कनाडाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। मैकुलम के साथ मिलकर टेलर ने तीसरे विकेट के लिए 69 विकेट की साझेदारी की। लेकिन 37वें ओवर में 185 के स्कोर पर मैकुलम बैदवान का शिकार हो गए। मैकुलम के आउट होने के बाद टेलर भी 41वें ओवर में बालाजी राव की गेंद पर हंसरा को कैच थमा बैठे। टेलर ने 36 गेंदों में तीन चौकों और चार छक्कों की मदद से अपना अर्द्धशतक पूरा किया। इसके बाद जल्द ही नाथन मैकुलम के रूप में 43वें ओवर में 259 के स्कोर पर टीम का पांचवां विकेट भी गिर गया। स्काट स्टाइरिस 35 रन बनाकर बैंदवान का तीसरा शिकार बने। लेकिन इसके बाद टीम का कोई विकेट नहीं गिरा। केन विलियम्सन 34 और जेम्स फ्रेंकलिन 31 रन बनाकर नाबाद रहे। कनाडा की ओर से बैदवान ने 84 रन लुटाकर तीन विकेट और बालाजी राव ने 62 रन देकर दो विकेट लिए जबकि डेविसन को एक विकेट मिला।
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स्कोर कार्ड
न्यूजीलैंड रन गेंद 4 6
गुप्तिल कै बगई बो बैदवान 17 29 3 0
मैक्कुलम कै गुणसेकरा बो बैदवान 101 109 12 2
रायडर कै ओसिंडे बो डेविसन 38 56 3 0
टेलर कै हंसरा बो बालाजी 74 44 6 5
नाथन कै एंड बो बालाजी 10 9 2 0
विलियम्सन नाबाद 34 27 4 0
स्टायरिस कै डेविसन बो बैदवान 35 20 3 2
फ्रैंकलिन नाबाद 31 8 2 3
अतिरिक्त : 18, कुल : 50 ओवर में 6 विकेट पर 358 रन।
विकेटपतन : 1-53 (मार्टिन गुप्तिल, 9.5), 2-149 (जेसी रायडर, 29.2), 3-185 (ब्रेंडन मैक्कुलम, 36.4), 4-254 (रोस टेलर, 40.5), 5-259 (नाथन मैक्कुलम, 42.1), 6-318 (स्काट स्टायरिस, 47.6).
गेंदबाजी : खुर्रम चौहान 7-0-40-0, हेनरी ओसिंडे 7-0-52-0, हरवीर बैदवान 9.1-0-84-3, रिजवान चीमा 4.5-0-64-0, बालाजी राव 10-0-62-2, जान डेविसन 10-1-30-1, जिम्मी हंसरा 2-0-21-0.
कनाडा रन गेंद 4 6
गुणसेकरा कै टेलर बो मिल्स 2 7 0 0
पटेल कै मैक्कुलम बो ओरम 31 35 5 1
सुरकारी कै टेलर बो मिल्स 1 11 0 0
बगई कै मैक्कुलम बो नाथन 84 87 10 0
हंसरा नाबाद 70 105 4 1
रिजवान कै मैक्कुलम बो ओरम 2 4 0 0
डेविसन रनआउट 15 21 2 0
बालाजी कै नाथन बो ओरम 9 9 1 0
बैदवान कै फ्रैंकलिन बो साउथी 8 6 1 0
खुर्रम कै टेलर बो रायडर 22 16 2 1
ओसिंडे नाबाद 0 0 0 0
अतिरिक्त : 17, कुल : 50 ओवर में 9 विकेट पर 261 रन।
विकेटपतन : 1-2 (रुविंदु गुणसेकरा, 2.1), 2-4 (जुबीन सुरकारी, 4.3), 3-50 (हीरल पटेल, 12.3), 4-175 (आशीष बगई, 36.6), 5-179 (रिजवान चीमा, 38.1), 5-185* (जिम्मी हंसरा रिटायर्ड नाबाद, 40.1), 6-205 (बालाजी राव, 42.5), 7-213 (जान डेविसन, 44.1), 8-222 (हरवीर बैदवान, 45.2), 9-261 (खुर्रम चौहान, 49.4). गेंदबाजी : काइल मिल्स 2.4-1-2-2, टिम साउथी 10-1-36-1, जेसी रायडर 1.2-0-15-1, जैकब ओरम 10-1-47-3, जेम्स फ्रैंकलिन 4-0-31-0, नाथन मैक्कुलम 8-0-56-1, स्काट स्टायरिस 10-0-41-0, केन विलियम्सन 4-0-26-0.
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कंगारू भी क्वार्टर फाइनल में
आस्ट्रेलिया ने केन्या को 60 रनों से हराया
बेंगलुरु. आईसीसी विश्व कप-2011 के अंतर्गत रविवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए गु्रप-ए के एक मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने केन्या पर 60 रनों से जीत दर्ज की। जीत के लक्ष्य 325 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करती हुई केन्या की टीम निर्धारित 50 ओवर में छह विकेट पर 264 रन ही बना पाई। कोलिंस ओबुया (98) और जिमी कमांडे (0) नाबाद रहे। वर्ल्डकप में आस्ट्रेलिया की यह चौथी जीत है।
केन्या का पहला विकेट मौरिस ओउमा के रूप में तीसरे ओवर में गिरा। वह चार रन के निजी योग पर ब्रेट ली की गेंद पर हैडिन को कैच थमा बैठे। उस समय टीम का कुल योग 12 रन था। दूसरा विकेट एलेक्स ओबान्दा के रूप में 21 रन के कुल योग पर गिरा। ओबान्दा ने 10 गेंदों में 14 रन बनाए। वह शान टेट की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद डेविड ओबयुआ 12 रन बनाकर रन आउट हो गए। उस समय टीम का कुल योग 46 रन था। 36वें ओवर में तन्मय मिश्रा(72) रन आउट हुए। 48वें ओवर में थॉमस ओडोयो (35) टेट की गेंद पर क्लीन बोल्ड हुए। अंतिम ओवर में आरआर पटेल (6) रन आउट हो गए।
इससे पहले आस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 324 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज ब्रैड हैडिन की 65 रनों की अर्धशतकीय पारी के बाद उपकप्तान माइकल क्लार्क और डेविड हसी ने भी अर्धशतक जड़ आस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। माइकल क्लार्क ने 93, ब्रैड हैडिन ने 65 और माइकल हसी ने 54 रनों का योगदान दिया। आस्ट्रेलिया ने 38 के योग पर पहला विकेट गंवा दिया था लेकिन दूसरे विकेट के लिए कप्तान रिकी पोटिंग और हैडिन ने 89 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन इसके बाद आस्ट्रेलिया ने जल्दी-जल्दी तीन अहम विकेट गंवा दिए। आस्ट्रेलिया की शुरूआत बहुत अच्छी नहीं रही। सलामी बल्लेबाज शेन वाटसन रन गति को तेजी से आगे बढ़ाने के चक्कर में 21 रन के निजी योग पर नेहमिया ओधियाम्बो की गेंद पर मौरिस औमा को कैच थमाकर चलते बने। वाटसन ने 17 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया। इसके बाद हैडिन 79 गेंदों पर नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 65 रन बनाकर चलते बने। अगले ही ओवर में पोंटिंग आउट हो गए। उन्होंने 54 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 36 रन बनाए। अगले ओवर में आस्ट्रेलिया को एक और झटका लगा। विस्फोटक बल्लेबाज क्रेग व्हाइट दो रन बनाकर चलते बने। उन्होंने सिर्फ छह गेंदों का सामना किया। इसके बाद माइकल हसी 72 गेंदों में 54 रन बनाकर आउट हुए। स्टीवन स्मिथ 17 और मिशेल जानसन 12 रन बनाकर नाबाद रहे। केन्या के गेंदबाज नेहमिया ओधियाम्बो को तीन सफलता मिली। जबकि जिम्मी कामान्डे को दो और कोलिन्स ओबयुआ को एक विकेट मिला।
आस्ट्रेलिया अब तक चार मुकाबले जीता
इस विश्व कप में आस्ट्रेलिया ने अब तक चार मुकाबले खेले हैं जिसमें तीन में उसे जीत मिली है जबकि एक मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था। आस्ट्रेलिया ने अपने पहले मुकाबले में जिम्बाब्वे को 91 रनों से हराया था जबकि दूसरे मुकाबले में उसने न्यूजीलैंड को सात विकेट से मात दी थी वहीं श्रीलंका के खिलाफ तीसरा मुकाबला रद्द हो गया था। रविवार को हुए मुकाबले में भी उसने केन्या को मात दी है।
केन्या की लगातार पांचवीं हार
केन्या ने अब तक इस विश्व कप में पांच मुकाबले खेले हैं और सभी मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। केन्या को पहले मुकाबले में न्यूजीलैंड के हाथों 10 विकेट से मात खानी पड़ी थी जबकि दूसरे मुकाबले में उसे पाकिस्तान ने 205 रनों से करारी शिकस्त दी थी। तीसरे मुकाबले में श्रीलंका ने केन्या को नौ विकेट से हराया था जबकि चौथे मुकाबले में कनाडा ने उसे पांच विकेट से पराजित किया था। रविवार को हुए मुकाबले में उसें आस्ट्रेलिया के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा।
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13वीं बार सचिन के शतक के बावजूद हारा भारत
नई दिल्ली. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शतक तो भारत के जीतने के लिए बनाते हैं। लेकिन इसे उनका दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बाकी बल्लेबाजों और गेंदबाजों से सहयोग नहीं मिलने के कारण उनकी शतकीय मेहनत पर पानी फिर जाता है।
सचिन ने शनिवार को नागपुर में दक्षिण अप्रीका के खिलाफ विश्व कप मैच में अपना 48वां वनडे और विश्व कप इतिहास का कुल छठा शतक बनाया। लेकिन भारत यह मैच तीन विकेट से हार गया। शतकों के विश्वरिकार्डधारी और अन्तर्राष्टÑीय क्रिकेट में कुल 99 शतक (टेस्ट 51 और वनडे 48) बना चुके सचिन के लिए वनडे में यह 13वां मौका था जब उनके शतक के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा। मौजूदा टूर्नामेंट में सचिन ने इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ शतक बनाया था लेकिन वह मैच टाई छूट गया था। यानी इस विश्व कप में सचिन के दोनों शतक भारत को जीत नहीं दिला सके हैं। सचिन का यह आंकड़ा भी एक तरह से विश्व रिकार्ड ही कहा जा सकता हेै क्योंकि दूसरे नम्बर पर वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल हैं जिनके नौ शतक उनकी टीम को जीत नहीं दिला पाए हैं। सचिन का यह शतक भारत को जीत नहीं दिला पाया लेकिन उन्होंने इस दौरान कई दिलचस्प आंकड़े बना दिए। सचिन और वीरेन्द्र सहवाग इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों में ओपनिंग साझेदारी में 54 रन ही जुटा पाए थे लेकिन इस बार उन्होंने 142 रन की साझेदारी कर डाली जो भारत के लिए विश्व कप में तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। मास्टर ब्लास्टर विश्व कप में भारत के लिए पांच शतकीय ओपनिंग साझेदारियों में तीन में शामिल है। इस मैच में सचिन, सहवाग और गौतम गंभीर ने 50 से ज्यादा रन बनाए जो विश्व कप मैच में एक पारी में शीर्ष तीन बल्लेबाजों के 50 से ऊपर रन बनाने का तीसरा मौका है। पिछले दो अवसर 1975 के विश्व कप में आए थे। भारत का दूसरा विकेट 267 रन के स्कोर पर गिरने के बाद अंतिम आठ विकेट 29 रन जोड़कर गंवाना एक दिवसीय इतिहास में तीसरा ऐसा मौका है जब किसी टीम ने 29 रन से कम में अपने अंतिम आठ विकेट गंवा दिए। सचिन का विश्व कप में यह छठा और 19 वां फिफ्टी प्लस स्कोर था और दोनों ही विश्व कप में रिकार्ड है। वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2000 (दो हजार) वनडे रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। दक्षिण अफ्रीका चौथी ऐसी टीम है जिसके खिलाफ सचिन ने 2000 वनडे रन पूरे किए हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 3005, पाकिस्तान के खिलाफ 2389 और श्रीलंका के खिलाफ 2965 रन बनाए हैं।
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देश के लिए नहीं भीड़ के लिए खेल
रहे थे बल्लेबाज : धोनी
नागपुर. दक्षिण अफ्रीका के हाथों विश्व कप के ग्रुप बी मैच में तीन विकेट से मिली हार से निराश भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बल्लेबाजों को लताड़ते हुए कहा है कि उन्हें उत्साह में बड़े शाट लगाते हुए यह ध्यान में रखना चाहिए कि वह स्टेडियम में मौजूद भीड के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खेलते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शनिवार को खेले गए मैच में भारतीय टीम के आखिरी नौ विकेट मात्र 29 रन जोडकर गिर गए थे। भारतीय टीम एक समय 40वें ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 267 रनों क ी मजबूत स्थिति में थी लेकिन उसके बाद पूरी पारी 48.4 ओवर में 296 रनों पर सिमट गई थी। धोनी ने मैच के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब आप बडे शाट लगाते हैं तो आप भूल जाते हैं कि आप स्टेडियम में मौजूद भीड़ के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खेल रहे हैं। इसी कारण 20 अतिरिक्त रन बनाने के चक्कर में आप अंत में 40 कम रन बनाकर ही आलआउट हो जाते हैं। धोनी ने कहा कि कभी कभी आपको हर गेंद पर बल्ला घुमाने से बचना होता है। अगर आप आराम से पूरे 50 ओवर खेल पाते हैं तो आप 325 से 330 रन बना सकते हैं। मैंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी के क्रम में परिवर्तन करने की कोशिश की थी पर यह कामयाब नहीं हुई जब उनसे पूछा गया कि क्या आखिरी ओवर में तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को चुनने का फैसला ठीक था तो उन्होंने कहा कि आशीष अब तक के मैचों में मुश्किल समय में टीम के लिए काफी सधे हुए गेंदबाज साबित हुए हैं। लेकिन यह तिकड़म कल के मैच में कामयाब नहीं हुई। धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शून्य पर आउट होने वाले यूसुफ पठान का पक्ष लेते हुए कहा कि यूसुफ ऐसे ही खेलते हैं, या तो वह जल्दी ही आउट हो जाते हैं या फ्रि एक लंबी पारी खेलते हैं। अगर वह दो.तीन ओवर तक टिक जाते हैं तो फिर वह लंबी पारी ही खेलते हैं।
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आखिर अपने रंग में लौट आए हरभजन
नई दिल्ली. भारत दक्षिण अफ्रीका से शनिवार रात विश्वकप ग्रुप-बी मुकाबला तीन विकेट से हार गया लेकिन इस हार में आफस्पिनर हरभजन सिंह का अपनी लय में लौट आना टीम इंडिया का एकमात्र सकारात्मक पक्ष रहा।
लंबे समय से अपनी फार्म के लिए संघर्ष कर रहे टीम के शीर्ष स्पिनर हरभजन ने मैच में नौ ओवर में 53 रन देकर तीन विकेट हासिल किए और उनकी गेंदबाजी वही धार दिखाई दी जिसके लिए वह जाने जाते हैं। हालांकि मैच की समाप्ति पर इस बात का अफसोस रह गया कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतिम ओवर हरभजन से क्यों नहीं फिंकवाया। हरभजन के पास एक ओवर बचा हुआ था और जिस तरह की गेंदबाजी इस मैच में उन्होंने की थी उसे देखते हुए वह दक्षिण अफ्रीका को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रन बनाने से रोक सकते थे। लेकिन धोनी के एक गलत फैसले ने भारतीय उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। करीब सवा वर्ष के अंतराल के बाद हरभजन ने एक वनडे में तीन विकेट हासिल किए और साथ ही एकदिवसीय क्रिकेट में 250 विकेट भी पूरे कर लिए1 वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के 22वें और भारत के छठे गेंदबाज बन गए।
इस मैच से पहले हरभजन के खाते में 248 विकेट थे। उन्होंने हाशिम अमला को अपना 249वां और एबी डीविलियर्स को अपना 250वां शिकार बनाया। भारत में वनडे में अब उनसे आगे कपिल देव (253), जहीर खान (264), अजीत आगरकर (288), जवागल श्रीनाथ (315) और अनिल कुंबले (337) हैं।
हरभजन विश्व कप में इस मैच से पहले चार मैचों में सिर्फ दो विकेट ही हासिल कर पाए थे लेकिन उनका अब फार्म में लौट आना भारत के लिए सुखद संकेत है कि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी लीग मैच और फिर नाकआउट क्वार्टरफाइनल में भारतीय गेंदबाजी को मजबूती दे सकते हैं।
हरभजन ने बंगलादेश के खिलाफ उद्घाटन मैच में 41 रन पर एक विकेट लिया था जबकि इंग्लैंड के खिलाफ अगले मैच में वह 58 रन देकर एक विकेट ही हासिल कर पाए थे। हरभजन आयरलैंड और हालैंड जैसी स्पिन को खेलने में कमजोर टीमों के खिलाफ क्रमश: 29 और 31 रन देकर कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए। लेकिन दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ हरभजन ने दिखाया कि वह बड़ी टीमों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। अनिल कुंबले के संन्यास के बाद भारत के शीर्ष स्पिनर बन गए हरभजन ने आखिरी बार एक मैच में तीन विकेट पांच जनवरी 2010 को ढाका में श्रीलंका के खिलाफ लिए थे। लेकिन उसके बाद से 14 मैचों में वह सिर्फ 12 विकेट ही हासिल कर पाए थे। मगर इस सूखे को उन्होंने नागपुर में समाप्त कर दिया।
इस मैच से पूर्व पिछले 14 मैचों में हरभजन का प्रदर्शन 56 रन पर एक विकेट, 41 पर दो, 32 पर एक, 47 पर दो, 30 पर शून्य, 56 पर एक, 32 पर एक, 23 पर दो, 61 पर शून्य, 33 पर शून्य, 41 पर एक, 58 पर एक, 29 पर शून्य और 31 रन पर शून्य विकेट था। हरभजन ने आखिरी बार एक मैच में पांच विकेट 14 सितंबर 2009 को कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ हासिल किए थे। हरभजन के फार्म में लौटने का सीधा सा मतलब है कि दूसरे आफ स्पिनर आर अश्विन को विश्वकप में खेलने का मौका पाने के लिए इंतजार करना पड सकता है।

विश्व कप के फाइनल के मेजबान स्थल वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये पहले मैच में न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में छह विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर खड़ा करने के बाद कनाडा के सराहनीय संघर्ष को अंतत: नौ विकेट पर 261 रन के स्कोर पर रोक दिया। कीवी टीम की पांच मैचों में यह चौथी जीत है और आठ अंकों के साथ ग्रुप-ए में चोटी पर पहुंच गया है। श्रीलंका सात अंकों के साथ ग्रुप में दूसरे और पाकिस्तान छह अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। कनाडा को पांच मैचों में अपनी चौथी पराजय झेलनी पड़ गई है। न्यूजीलैंड ने विशाल स्कोर बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित कर लिया था कि कनाडा की टीम उसके आसपास भी न पहुंच पाए।
मैकुलम ने 109 गेंदों में 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 101 रन बनाए जबकि कार्यवाहक कप्तान टेलर ने और भी ज्यादा विस्फोट करते हुए सिर्फ 44 गेंदों में छह चौकों और पांच छक्कों की मदद से 74 रन ठोक डाले। जेम्स फ्रेंकलिन को सिर्फ आखिरी ओवर खेलने को मिला था जिसमें उन्होंने दो चौके और तीन छक्के उडाते हुए 31 रन बटोर डाले। इस ओवर का ही कमाल था कि न्यूजीलैंड का एक झटके में 358 रन पहुंच गया। कनाडा ने हालांकि अपने दो विकेट सिर्फ चार रन पर गंवा दिए थे और हीरल पटेल (31) के आउट होने के बाद उसका स्कोर तीन विकेट पर 50 रन हो गया था। लेकिन कप्तान आशीष बगई (84) और जिमी हंसरा (नाबाद 70) ने चौथे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी कर कनाडा की शर्मनाक हार को सम्मानजनक हार में बदल दिया। बगई ने 87 गेंदों पर 84 रन की अपनी पारी में दस चौके लगाए जबकि हंसरा 105 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से 70 रन बनाकर अंत तक डटे रहे। जान डेविसन ने 15 और खुर्रम चौहान ने 22 रन बनाए। न्यूजीलैंड की तरफ से जैकब ओरम ने दस ओवर में 47 रन पर तीन विकेट और काइल मिल्स ने 2.4 ओवर में दो रन पर दो विकेट झटके। टिम साउथी, जेसी राइडर और नाथन मैकुलम को एक-एक विकेट मिला। इससे पहले मैकुलम के शानदार शतक और कप्तान टेलर की 74 रन की धुआंधार पारी की बदौलत न्यूजीलैंड ने छह विकेट पर 358 रन का विशाल स्कोर बना लिया।
मैकुलम ने 109 गेंदों की अपनी पारी में 12 चौकों और दो छक्के लगाए जबकि टेलर ने मात्र 44 गेंदों में छह चौकों और पांच गगनचुम्बी छक्कों की मदद से ताबडतोड 74 रन बनाए। कनाडा ने टास जीतकर न्यूजीलैंड को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। कीवी ओपनरों मार्टिन गुप्तिल (17) और मैकुलम ने पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े लेकिन 10वें ओवर में गुप्तिल हरवीर बैदवान की गेंद पर क प्तान आशीष बगई को कैच थमा बैठे। लेकिन इसके बाद मैकुलम और जेसी राइडर (38) ने दूसरे विकेट के लिए 96 रन की मजबूत साझेदारी कर टीम को 149 रन के स्कोर तक पहुंचा दिया। मैकुलम ने इसी बीच 38 गेंदों में नौ चौकों और एक छक्के की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया1 लेकिन पारी के 30वें ओवर में राइडर जान डेविसन की गेंद पर हेनरी ओसिंदे के हाथों लपके गए।
इसके बाद चौथे नंबर पर खेलने आए टेलर ने भी शानदार प्रदर्शन किया और कनाडाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। मैकुलम के साथ मिलकर टेलर ने तीसरे विकेट के लिए 69 विकेट की साझेदारी की। लेकिन 37वें ओवर में 185 के स्कोर पर मैकुलम बैदवान का शिकार हो गए। मैकुलम के आउट होने के बाद टेलर भी 41वें ओवर में बालाजी राव की गेंद पर हंसरा को कैच थमा बैठे। टेलर ने 36 गेंदों में तीन चौकों और चार छक्कों की मदद से अपना अर्द्धशतक पूरा किया। इसके बाद जल्द ही नाथन मैकुलम के रूप में 43वें ओवर में 259 के स्कोर पर टीम का पांचवां विकेट भी गिर गया। स्काट स्टाइरिस 35 रन बनाकर बैंदवान का तीसरा शिकार बने। लेकिन इसके बाद टीम का कोई विकेट नहीं गिरा। केन विलियम्सन 34 और जेम्स फ्रेंकलिन 31 रन बनाकर नाबाद रहे। कनाडा की ओर से बैदवान ने 84 रन लुटाकर तीन विकेट और बालाजी राव ने 62 रन देकर दो विकेट लिए जबकि डेविसन को एक विकेट मिला।
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स्कोर कार्ड
न्यूजीलैंड रन गेंद 4 6
गुप्तिल कै बगई बो बैदवान 17 29 3 0
मैक्कुलम कै गुणसेकरा बो बैदवान 101 109 12 2
रायडर कै ओसिंडे बो डेविसन 38 56 3 0
टेलर कै हंसरा बो बालाजी 74 44 6 5
नाथन कै एंड बो बालाजी 10 9 2 0
विलियम्सन नाबाद 34 27 4 0
स्टायरिस कै डेविसन बो बैदवान 35 20 3 2
फ्रैंकलिन नाबाद 31 8 2 3
अतिरिक्त : 18, कुल : 50 ओवर में 6 विकेट पर 358 रन।
विकेटपतन : 1-53 (मार्टिन गुप्तिल, 9.5), 2-149 (जेसी रायडर, 29.2), 3-185 (ब्रेंडन मैक्कुलम, 36.4), 4-254 (रोस टेलर, 40.5), 5-259 (नाथन मैक्कुलम, 42.1), 6-318 (स्काट स्टायरिस, 47.6).
गेंदबाजी : खुर्रम चौहान 7-0-40-0, हेनरी ओसिंडे 7-0-52-0, हरवीर बैदवान 9.1-0-84-3, रिजवान चीमा 4.5-0-64-0, बालाजी राव 10-0-62-2, जान डेविसन 10-1-30-1, जिम्मी हंसरा 2-0-21-0.
कनाडा रन गेंद 4 6
गुणसेकरा कै टेलर बो मिल्स 2 7 0 0
पटेल कै मैक्कुलम बो ओरम 31 35 5 1
सुरकारी कै टेलर बो मिल्स 1 11 0 0
बगई कै मैक्कुलम बो नाथन 84 87 10 0
हंसरा नाबाद 70 105 4 1
रिजवान कै मैक्कुलम बो ओरम 2 4 0 0
डेविसन रनआउट 15 21 2 0
बालाजी कै नाथन बो ओरम 9 9 1 0
बैदवान कै फ्रैंकलिन बो साउथी 8 6 1 0
खुर्रम कै टेलर बो रायडर 22 16 2 1
ओसिंडे नाबाद 0 0 0 0
अतिरिक्त : 17, कुल : 50 ओवर में 9 विकेट पर 261 रन।
विकेटपतन : 1-2 (रुविंदु गुणसेकरा, 2.1), 2-4 (जुबीन सुरकारी, 4.3), 3-50 (हीरल पटेल, 12.3), 4-175 (आशीष बगई, 36.6), 5-179 (रिजवान चीमा, 38.1), 5-185* (जिम्मी हंसरा रिटायर्ड नाबाद, 40.1), 6-205 (बालाजी राव, 42.5), 7-213 (जान डेविसन, 44.1), 8-222 (हरवीर बैदवान, 45.2), 9-261 (खुर्रम चौहान, 49.4). गेंदबाजी : काइल मिल्स 2.4-1-2-2, टिम साउथी 10-1-36-1, जेसी रायडर 1.2-0-15-1, जैकब ओरम 10-1-47-3, जेम्स फ्रैंकलिन 4-0-31-0, नाथन मैक्कुलम 8-0-56-1, स्काट स्टायरिस 10-0-41-0, केन विलियम्सन 4-0-26-0.
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कंगारू भी क्वार्टर फाइनल में
आस्ट्रेलिया ने केन्या को 60 रनों से हराया
बेंगलुरु. आईसीसी विश्व कप-2011 के अंतर्गत रविवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए गु्रप-ए के एक मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने केन्या पर 60 रनों से जीत दर्ज की। जीत के लक्ष्य 325 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करती हुई केन्या की टीम निर्धारित 50 ओवर में छह विकेट पर 264 रन ही बना पाई। कोलिंस ओबुया (98) और जिमी कमांडे (0) नाबाद रहे। वर्ल्डकप में आस्ट्रेलिया की यह चौथी जीत है।
केन्या का पहला विकेट मौरिस ओउमा के रूप में तीसरे ओवर में गिरा। वह चार रन के निजी योग पर ब्रेट ली की गेंद पर हैडिन को कैच थमा बैठे। उस समय टीम का कुल योग 12 रन था। दूसरा विकेट एलेक्स ओबान्दा के रूप में 21 रन के कुल योग पर गिरा। ओबान्दा ने 10 गेंदों में 14 रन बनाए। वह शान टेट की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद डेविड ओबयुआ 12 रन बनाकर रन आउट हो गए। उस समय टीम का कुल योग 46 रन था। 36वें ओवर में तन्मय मिश्रा(72) रन आउट हुए। 48वें ओवर में थॉमस ओडोयो (35) टेट की गेंद पर क्लीन बोल्ड हुए। अंतिम ओवर में आरआर पटेल (6) रन आउट हो गए।
इससे पहले आस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 324 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज ब्रैड हैडिन की 65 रनों की अर्धशतकीय पारी के बाद उपकप्तान माइकल क्लार्क और डेविड हसी ने भी अर्धशतक जड़ आस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। माइकल क्लार्क ने 93, ब्रैड हैडिन ने 65 और माइकल हसी ने 54 रनों का योगदान दिया। आस्ट्रेलिया ने 38 के योग पर पहला विकेट गंवा दिया था लेकिन दूसरे विकेट के लिए कप्तान रिकी पोटिंग और हैडिन ने 89 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन इसके बाद आस्ट्रेलिया ने जल्दी-जल्दी तीन अहम विकेट गंवा दिए। आस्ट्रेलिया की शुरूआत बहुत अच्छी नहीं रही। सलामी बल्लेबाज शेन वाटसन रन गति को तेजी से आगे बढ़ाने के चक्कर में 21 रन के निजी योग पर नेहमिया ओधियाम्बो की गेंद पर मौरिस औमा को कैच थमाकर चलते बने। वाटसन ने 17 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया। इसके बाद हैडिन 79 गेंदों पर नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 65 रन बनाकर चलते बने। अगले ही ओवर में पोंटिंग आउट हो गए। उन्होंने 54 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 36 रन बनाए। अगले ओवर में आस्ट्रेलिया को एक और झटका लगा। विस्फोटक बल्लेबाज क्रेग व्हाइट दो रन बनाकर चलते बने। उन्होंने सिर्फ छह गेंदों का सामना किया। इसके बाद माइकल हसी 72 गेंदों में 54 रन बनाकर आउट हुए। स्टीवन स्मिथ 17 और मिशेल जानसन 12 रन बनाकर नाबाद रहे। केन्या के गेंदबाज नेहमिया ओधियाम्बो को तीन सफलता मिली। जबकि जिम्मी कामान्डे को दो और कोलिन्स ओबयुआ को एक विकेट मिला।
आस्ट्रेलिया अब तक चार मुकाबले जीता
इस विश्व कप में आस्ट्रेलिया ने अब तक चार मुकाबले खेले हैं जिसमें तीन में उसे जीत मिली है जबकि एक मुकाबला बारिश के कारण रद्द हो गया था। आस्ट्रेलिया ने अपने पहले मुकाबले में जिम्बाब्वे को 91 रनों से हराया था जबकि दूसरे मुकाबले में उसने न्यूजीलैंड को सात विकेट से मात दी थी वहीं श्रीलंका के खिलाफ तीसरा मुकाबला रद्द हो गया था। रविवार को हुए मुकाबले में भी उसने केन्या को मात दी है।
केन्या की लगातार पांचवीं हार
केन्या ने अब तक इस विश्व कप में पांच मुकाबले खेले हैं और सभी मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। केन्या को पहले मुकाबले में न्यूजीलैंड के हाथों 10 विकेट से मात खानी पड़ी थी जबकि दूसरे मुकाबले में उसे पाकिस्तान ने 205 रनों से करारी शिकस्त दी थी। तीसरे मुकाबले में श्रीलंका ने केन्या को नौ विकेट से हराया था जबकि चौथे मुकाबले में कनाडा ने उसे पांच विकेट से पराजित किया था। रविवार को हुए मुकाबले में उसें आस्ट्रेलिया के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा।
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score card
Australia innings (50 overs maximum) | R | M | B | 4s | 6s | SR | ||
SR Watson | c †Ouma b Odhiambo | 21 | 32 | 17 | 3 | 1 | 123.52 | |
BJ Haddin† | c Patel b Kamande | 65 | 109 | 79 | 9 | 1 | 82.27 | |
RT Ponting* | lbw b CO Obuya | 36 | 83 | 54 | 5 | 0 | 66.66 | |
MJ Clarke | c Patel b Odhiambo | 93 | 109 | 80 | 7 | 1 | 116.25 | |
CL White | b Kamande | 2 | 6 | 6 | 0 | 0 | 33.33 | |
MEK Hussey | c DO Obuya b Odhiambo | 54 | 72 | 43 | 4 | 0 | 125.58 | |
SPD Smith | not out | 17 | 32 | 15 | 2 | 0 | 113.33 | |
MG Johnson | not out | 12 | 9 | 7 | 2 | 0 | 171.42 | |
Extras | (b 2, lb 5, w 16, nb 1) | 24 | ||||||
![]() | ||||||||
Total | (6 wickets; 50 overs; 229 mins) | 324 | (6.48 runs per over) |
Did not bat B Lee, JJ Krejza, SW Tait |
Fall of wickets1-38 (Watson, 7.2 ov), 2-127 (Haddin, 24.4 ov), 3-131 (Ponting, 25.4 ov), 4-143 (White, 26.6 ov), 5-257 (Hussey, 43.1 ov), 6-304 (Clarke, 48.1 ov) |
Bowling | O | M | R | W | Econ | |||
TM Odoyo | 10 | 0 | 50 | 0 | 5.00 | (1w) | ||
E Otieno | 8 | 0 | 75 | 0 | 9.37 | |||
NN Odhiambo | 10 | 1 | 57 | 3 | 5.70 | (2w) | ||
JO Ngoche | 8 | 0 | 56 | 0 | 7.00 | (1w) | ||
JK Kamande | 10 | 0 | 46 | 2 | 4.60 | (2w) | ||
CO Obuya | 4 | 0 | 33 | 1 | 8.25 | (1nb, 1w) |
Kenya innings (target: 325 runs from 50 overs) | R | M | B | 4s | 6s | SR | ||
MA Ouma† | c †Haddin b Lee | 4 | 14 | 13 | 0 | 0 | 30.76 | |
AA Obanda | b Tait | 14 | 20 | 10 | 0 | 2 | 140.00 | |
CO Obuya | not out | 98 | 199 | 129 | 9 | 3 | 75.96 | |
DO Obuya | run out (Hussey/†Haddin) | 12 | 27 | 16 | 2 | 0 | 75.00 | |
T Mishra | run out (Clarke) | 72 | 92 | 89 | 8 | 1 | 80.89 | |
TM Odoyo | b Tait | 35 | 59 | 38 | 4 | 1 | 92.10 | |
RR Patel | run out (Krejza/Tait) | 6 | 10 | 7 | 1 | 0 | 85.71 | |
JK Kamande* | not out | 0 | 1 | 0 | 0 | 0 | - | |
Extras | (b 2, lb 6, w 12, nb 3) | 23 | ||||||
![]() | ||||||||
Total | (6 wickets; 50 overs; 214 mins) | 264 | (5.28 runs per over) |
Did not bat NN Odhiambo, E Otieno, JO Ngoche |
Fall of wickets1-12 (Ouma, 2.5 ov), 2-21 (Obanda, 3.6 ov), 3-46 (DO Obuya, 9.4 ov), 4-161 (Mishra, 35.3 ov), 5-247 (Odoyo, 47.3 ov), 6-263 (Patel, 49.4 ov) |
Bowling | O | M | R | W | Econ | |||
B Lee | 8 | 1 | 26 | 1 | 3.25 | |||
SW Tait | 8 | 0 | 49 | 2 | 6.12 | (2nb, 5w) | ||
MG Johnson | 8 | 1 | 40 | 0 | 5.00 | (2w) | ||
SPD Smith | 6 | 0 | 36 | 0 | 6.00 | |||
JJ Krejza | 8 | 0 | 36 | 0 | 4.50 | |||
MJ Clarke | 5 | 0 | 21 | 0 | 4.20 | |||
SR Watson | 7 | 0 | 48 | 0 | 6.85 | (1w) |
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13वीं बार सचिन के शतक के बावजूद हारा भारत
नई दिल्ली. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर शतक तो भारत के जीतने के लिए बनाते हैं। लेकिन इसे उनका दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि बाकी बल्लेबाजों और गेंदबाजों से सहयोग नहीं मिलने के कारण उनकी शतकीय मेहनत पर पानी फिर जाता है।
सचिन ने शनिवार को नागपुर में दक्षिण अप्रीका के खिलाफ विश्व कप मैच में अपना 48वां वनडे और विश्व कप इतिहास का कुल छठा शतक बनाया। लेकिन भारत यह मैच तीन विकेट से हार गया। शतकों के विश्वरिकार्डधारी और अन्तर्राष्टÑीय क्रिकेट में कुल 99 शतक (टेस्ट 51 और वनडे 48) बना चुके सचिन के लिए वनडे में यह 13वां मौका था जब उनके शतक के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा। मौजूदा टूर्नामेंट में सचिन ने इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ शतक बनाया था लेकिन वह मैच टाई छूट गया था। यानी इस विश्व कप में सचिन के दोनों शतक भारत को जीत नहीं दिला सके हैं। सचिन का यह आंकड़ा भी एक तरह से विश्व रिकार्ड ही कहा जा सकता हेै क्योंकि दूसरे नम्बर पर वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल हैं जिनके नौ शतक उनकी टीम को जीत नहीं दिला पाए हैं। सचिन का यह शतक भारत को जीत नहीं दिला पाया लेकिन उन्होंने इस दौरान कई दिलचस्प आंकड़े बना दिए। सचिन और वीरेन्द्र सहवाग इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों में ओपनिंग साझेदारी में 54 रन ही जुटा पाए थे लेकिन इस बार उन्होंने 142 रन की साझेदारी कर डाली जो भारत के लिए विश्व कप में तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। मास्टर ब्लास्टर विश्व कप में भारत के लिए पांच शतकीय ओपनिंग साझेदारियों में तीन में शामिल है। इस मैच में सचिन, सहवाग और गौतम गंभीर ने 50 से ज्यादा रन बनाए जो विश्व कप मैच में एक पारी में शीर्ष तीन बल्लेबाजों के 50 से ऊपर रन बनाने का तीसरा मौका है। पिछले दो अवसर 1975 के विश्व कप में आए थे। भारत का दूसरा विकेट 267 रन के स्कोर पर गिरने के बाद अंतिम आठ विकेट 29 रन जोड़कर गंवाना एक दिवसीय इतिहास में तीसरा ऐसा मौका है जब किसी टीम ने 29 रन से कम में अपने अंतिम आठ विकेट गंवा दिए। सचिन का विश्व कप में यह छठा और 19 वां फिफ्टी प्लस स्कोर था और दोनों ही विश्व कप में रिकार्ड है। वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2000 (दो हजार) वनडे रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। दक्षिण अफ्रीका चौथी ऐसी टीम है जिसके खिलाफ सचिन ने 2000 वनडे रन पूरे किए हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 3005, पाकिस्तान के खिलाफ 2389 और श्रीलंका के खिलाफ 2965 रन बनाए हैं।
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देश के लिए नहीं भीड़ के लिए खेल
रहे थे बल्लेबाज : धोनी
नागपुर. दक्षिण अफ्रीका के हाथों विश्व कप के ग्रुप बी मैच में तीन विकेट से मिली हार से निराश भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बल्लेबाजों को लताड़ते हुए कहा है कि उन्हें उत्साह में बड़े शाट लगाते हुए यह ध्यान में रखना चाहिए कि वह स्टेडियम में मौजूद भीड के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए खेलते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शनिवार को खेले गए मैच में भारतीय टीम के आखिरी नौ विकेट मात्र 29 रन जोडकर गिर गए थे। भारतीय टीम एक समय 40वें ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 267 रनों क ी मजबूत स्थिति में थी लेकिन उसके बाद पूरी पारी 48.4 ओवर में 296 रनों पर सिमट गई थी। धोनी ने मैच के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब आप बडे शाट लगाते हैं तो आप भूल जाते हैं कि आप स्टेडियम में मौजूद भीड़ के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खेल रहे हैं। इसी कारण 20 अतिरिक्त रन बनाने के चक्कर में आप अंत में 40 कम रन बनाकर ही आलआउट हो जाते हैं। धोनी ने कहा कि कभी कभी आपको हर गेंद पर बल्ला घुमाने से बचना होता है। अगर आप आराम से पूरे 50 ओवर खेल पाते हैं तो आप 325 से 330 रन बना सकते हैं। मैंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी के क्रम में परिवर्तन करने की कोशिश की थी पर यह कामयाब नहीं हुई जब उनसे पूछा गया कि क्या आखिरी ओवर में तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को चुनने का फैसला ठीक था तो उन्होंने कहा कि आशीष अब तक के मैचों में मुश्किल समय में टीम के लिए काफी सधे हुए गेंदबाज साबित हुए हैं। लेकिन यह तिकड़म कल के मैच में कामयाब नहीं हुई। धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शून्य पर आउट होने वाले यूसुफ पठान का पक्ष लेते हुए कहा कि यूसुफ ऐसे ही खेलते हैं, या तो वह जल्दी ही आउट हो जाते हैं या फ्रि एक लंबी पारी खेलते हैं। अगर वह दो.तीन ओवर तक टिक जाते हैं तो फिर वह लंबी पारी ही खेलते हैं।
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आखिर अपने रंग में लौट आए हरभजन
नई दिल्ली. भारत दक्षिण अफ्रीका से शनिवार रात विश्वकप ग्रुप-बी मुकाबला तीन विकेट से हार गया लेकिन इस हार में आफस्पिनर हरभजन सिंह का अपनी लय में लौट आना टीम इंडिया का एकमात्र सकारात्मक पक्ष रहा।
लंबे समय से अपनी फार्म के लिए संघर्ष कर रहे टीम के शीर्ष स्पिनर हरभजन ने मैच में नौ ओवर में 53 रन देकर तीन विकेट हासिल किए और उनकी गेंदबाजी वही धार दिखाई दी जिसके लिए वह जाने जाते हैं। हालांकि मैच की समाप्ति पर इस बात का अफसोस रह गया कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतिम ओवर हरभजन से क्यों नहीं फिंकवाया। हरभजन के पास एक ओवर बचा हुआ था और जिस तरह की गेंदबाजी इस मैच में उन्होंने की थी उसे देखते हुए वह दक्षिण अफ्रीका को अंतिम ओवर में जीत के लिए 13 रन बनाने से रोक सकते थे। लेकिन धोनी के एक गलत फैसले ने भारतीय उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। करीब सवा वर्ष के अंतराल के बाद हरभजन ने एक वनडे में तीन विकेट हासिल किए और साथ ही एकदिवसीय क्रिकेट में 250 विकेट भी पूरे कर लिए1 वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के 22वें और भारत के छठे गेंदबाज बन गए।
इस मैच से पहले हरभजन के खाते में 248 विकेट थे। उन्होंने हाशिम अमला को अपना 249वां और एबी डीविलियर्स को अपना 250वां शिकार बनाया। भारत में वनडे में अब उनसे आगे कपिल देव (253), जहीर खान (264), अजीत आगरकर (288), जवागल श्रीनाथ (315) और अनिल कुंबले (337) हैं।
हरभजन विश्व कप में इस मैच से पहले चार मैचों में सिर्फ दो विकेट ही हासिल कर पाए थे लेकिन उनका अब फार्म में लौट आना भारत के लिए सुखद संकेत है कि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी लीग मैच और फिर नाकआउट क्वार्टरफाइनल में भारतीय गेंदबाजी को मजबूती दे सकते हैं।
हरभजन ने बंगलादेश के खिलाफ उद्घाटन मैच में 41 रन पर एक विकेट लिया था जबकि इंग्लैंड के खिलाफ अगले मैच में वह 58 रन देकर एक विकेट ही हासिल कर पाए थे। हरभजन आयरलैंड और हालैंड जैसी स्पिन को खेलने में कमजोर टीमों के खिलाफ क्रमश: 29 और 31 रन देकर कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए। लेकिन दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ हरभजन ने दिखाया कि वह बड़ी टीमों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। अनिल कुंबले के संन्यास के बाद भारत के शीर्ष स्पिनर बन गए हरभजन ने आखिरी बार एक मैच में तीन विकेट पांच जनवरी 2010 को ढाका में श्रीलंका के खिलाफ लिए थे। लेकिन उसके बाद से 14 मैचों में वह सिर्फ 12 विकेट ही हासिल कर पाए थे। मगर इस सूखे को उन्होंने नागपुर में समाप्त कर दिया।
इस मैच से पूर्व पिछले 14 मैचों में हरभजन का प्रदर्शन 56 रन पर एक विकेट, 41 पर दो, 32 पर एक, 47 पर दो, 30 पर शून्य, 56 पर एक, 32 पर एक, 23 पर दो, 61 पर शून्य, 33 पर शून्य, 41 पर एक, 58 पर एक, 29 पर शून्य और 31 रन पर शून्य विकेट था। हरभजन ने आखिरी बार एक मैच में पांच विकेट 14 सितंबर 2009 को कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ हासिल किए थे। हरभजन के फार्म में लौटने का सीधा सा मतलब है कि दूसरे आफ स्पिनर आर अश्विन को विश्वकप में खेलने का मौका पाने के लिए इंतजार करना पड सकता है।
शुभागमन...!
ReplyDeleteकामना है कि आप ब्लागलेखन के इस क्षेत्र में अधिकतम उंचाईयां हासिल कर सकें । अपने इस प्रयास में सफलता के लिये आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या उसी अनुपात में बढ सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको 'नजरिया' ब्लाग की लिंक नीचे दे रहा हूँ, किसी भी नये हिन्दीभाषी ब्लागर्स के लिये इस ब्लाग पर आपको जितनी अधिक व प्रमाणिक जानकारी इसके अब तक के लेखों में एक ही स्थान पर मिल सकती है उतनी अन्यत्र शायद कहीं नहीं । प्रमाण के लिये आप नीचे की लिंक पर मौजूद इस ब्लाग के दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का माउस क्लिक द्वारा चटका लगाकर अवलोकन अवश्य करें, इसपर अपनी टिप्पणीरुपी राय भी दें और आगे भी स्वयं के ब्लाग के लिये उपयोगी अन्य जानकारियों के लिये इसे फालो भी करें । आपको निश्चय ही अच्छे परिणाम मिलेंगे । पुनः शुभकामनाओं सहित...
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