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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Friday 22 July, 2011

छत्तीसगढ़ के 16 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे नेशनल ट्रायथलान में

0 तैयारी में जुटे प्रदेश के खिलाड़ी
0 अगस्त के अंतिम सप्ताह में होगी राज्य स्पर्धा
   
सचिव डॉ. विष्णु श्रीवास्तव
रायपुर। ट्रायथलान व एक्वाथलान की नेशनल चैंपियनशिप की मेजबानी मिलने के बाद यहां के खिलाड़ी इसकी तैयारी में जुट गए हैं।   नवंबर में प्रस्तावित नेशनल चैंपियनशिप के सभी वर्गों में छत्तीसगढ़ के 16 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। प्रदेश टीम का चयन अगस्त के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। राज्य बनने के बाद यहां पहली बार ट्रायथलान व एक्वाथलान की नेशनल चैंपियनशिप होगी। छत्तीसगढ़ ट्रायथलान संघ ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। अभी रायपुर में विभिन्ना वर्गों के करीब 20 खिलाड़ी भाठागांव एनिकट व कचना तालाब में इसकी प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों को संदीप गोविलकर, डॉ. प्रमोद मैने व दिलीप फरिकार अपने स्तर पर प्रशिक्षण दे रहे हैं। रतनपुर में 15, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा में सात-सात, जांजगीर व रायगढ़ में पांच-पांच खिलाड़ी इसकी तैयारी कर रहे हैं। संघ के सचिव डॉ. विष्णु श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रायथलान व एक्वाथलान के सभी चार वर्गों में कुल 16 पुरुष खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इस खेल में प्रदेश की लड़कियों का हिस्सा लेना अभी निश्चित नहीं है, लेकिन कसडोल की दो लड़कियों ने इसमें हिस्सा लेने में रुचि दिखाई है। उन्हें पूरी तरह परखने के बाद ही हिस्सा लेने दिया जाएगा।

साइकिल व कोच उपलब्ध कराना चुनौती
संघ के सचिव डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि इस खेल के लिए खिलाड़ियों को साइकिल और कोच उपलब्ध कराना चुनौती है, क्योंकि यह खेल छत्तीसगढ़ में डेवलप होने की स्थिति में है। अभी खिलाड़ियों के पास रेसिंग के लायक साइकिल नहीं है। यह साइकिल दो-तीन लाख रुपए की होती है। भारत में सामान्य स्तर की साइकिल की कीमत ही 80 से 90 हजार रुपए है। अभी खिलाड़ी सामान्य साइकिल से प्रैक्टिस कर रहे हैं। खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए 10-12 हजार कीमत वाली साइकिल उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। ट्रायथलान को छत्तीसगढ़ विद्युत कंपनी ने गोद लिया है। कंपनी से मिलने वाले अनुदान के लिए प्रदेश संघ प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। इसमें पहली प्राथमिकता खिलाड़ियों को अच्छी रेंज की साइकिल व कोच उपलब्ध कराना है। कोच पर ही महीने में 60 हजार रुपए खर्च आएगा, क्योंकि तीनों खेलों के लिए अलग-अलग कोच रखना पड़ता है। फिर भी बाहर से एक कोच बुलाने पर विचार किया जा रहा है। 

नई राजधानी क्षेत्र उपयुक्त
प्रदेश संघ ट्रायथलान व एक्वाथलान की नेशनल चैंपियनशिप आयोजित कराने के लिए नई राजधानी क्षेत्र में उपयुक्त स्थान देख रहा है, क्योंकि वहां नवनिर्मित चौड़ी सड़कें साइकिलिंग और दौड़ दोनों के लिए उपयुक्त हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास स्थित परसदा डेम को स्वीमिंग के लिए डेवलप किया जा सकता है। इस संबंध में संघ के सचिव डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि वहां इसके आयोजन के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। सिर्फ उसे आयोजन के लायक बनाना होगा। इसके लिए ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, सांसद रमेश बैस, लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत व खेल मंत्री लता उसेंडी से मिलकर सहयोग का आग्रह करेंगे। साथ ही सफल आयोजन के लिए सभी खेल संघों से भी सहयोग लिया जाएगा।


इंफ्रास्ट्रक्चर सामान्य पर गेम खर्चीला
ट्रायथलान में स्वीमिंग, साइकिलिंग और दौड़ के लिए सामान्य इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। इसके बावजूद यह खर्चीला गेम है। खासकर साइकिलिंग बेहद महंगा गेम है। एक साइकिल की कीमत दो से तीन लाख रुपए है। यह भारत में बनती नहीं है। इसे विदेशों से मंगाई जाती है। विदेशों से कल-पुर्जे मंगाकर भारत में बनाई साइकिल की कीमत ही 80 से 90 हजार रुपए है। स्वीमिंग के लिए समान रूप से अच्छी चौड़ाई, लंबाई व गहराई वाले डेम या तालाब की जरूरत होती है, जहां स्वच्छ पानी हो। इसी तरह साइकिलिंग व दौड़ के लिए चौड़ी व साफ-सुथरी सड़क चाहिए।

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