0 भारतीय टेनिस सनसनी ने कहा
इंदौर। भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने कहा कि भारतीय महिला टेनिस का भविष्य कुछ खास नहीं है। उन्हें अभी ऐसी कोई खिलाड़ी नजर नहीं आ रही है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सके।
सानिया ने इंदौर टेनिस क्लब (आईटीसी) में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पुरुष टेनिस में अभी लिएंडर पेस तथा महेश भूपति बेहतर खेल रहे हैं और रोहन बोपन्नाा तथा सोमदेव देवबर्मन ने अपनी पहचान बना ली है। लेकिन भारतीय महिला टेनिस का परिदृश्य अच्छा नहीं है, उन्हें ऐसी एक भी खिलाड़ी नजर नहीं आ रही है जो निकट भविष्य में देश के लिए सफलताएँ बटोर सकें। वे चाहती हैं कि उनके संन्यास लेने के पहले कोई भारतीय महिला अंतरराष्ट्रीय सर्किट पर स्वयं को स्थापित कर ले। पद्मश्री से सम्मानित सानिया ने कहा कि घुटने की चोट की वजह से विम्बल्डन के एकल वर्ग में उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ था, लेकिन अब वे उस चोट से उबर चुकी हैं। बुधवार से वे अभ्यास प्रारंभ कर रही हैं और 24 से वॉशिंगटन में होने वाले टूर्नामेंट से टेनिस कोर्ट पर वापसी करेंगी। अर्जुन अवॉर्डी सानिया ने स्वीकारा कि युगल वर्ग में रूसी खिलाड़ी एलेना वेस्नीना के साथ उनकी जोड़ी संयोग से बनी थी, लेकिन यह जोड़ी बेहतर परिणाम दे रही है और उन्हें उम्मीद हैं कि वे शीघ्र ही ग्रैंड स्लैम खिताब भी हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा - जब फरवरी में हमारी जोड़ी बनी तब हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि इसी वर्ष हम विश्व रैंकिंग में दूसरे क्रम पर पहुँच जाएँगे। वेस्नीना एक जोरदार खिलाड़ी हैं और हम एक-दूसरे को बेहतर तरीके से प्रेरित करती हैं।
निराशा नहीं, लेकिन दुख
सानिया ने कहा कि इस बात की कोई निराशा नहीं है कि वे पिछले वर्ष नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन वे दुखी जरूर हैं। उन्हें दुख इस बात का है कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए थे और वे खिताब के नजदीक पहुँचकर भी उसे प्राप्त नहीं कर पाईं। मैं आज भी उस मैच का वीडियो देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूँ।
डोपिंग के दोषियों को मिले कड़ी सजासानिया ने कहा कि यदि कोई खिलाड़ी डोपिंग का दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन इससे पहले हमें उसकी दोनों रिपोटर््स आने का इंतजार करना चाहिए। पिछले दिनों डोपिंग की वजह से जो कुछ भी हुआ उससे पूरा देश दुखी है। ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी सानिया ने कहा कि वैसे तो हर उपलब्धि खास होती है, लेकिन उनके लिए हर वो उपलब्धि महत्वपूर्ण है जो उन्होंने देश के लिए अर्जित की है। इस कड़ी में पहला पदक उन्होंने 2002 के बुसान एशियाई खेलों में मिश्रित युगल वर्ग में जीता था। सानिया इसके बाद दोहा (2006) और ग्वांगझू (2010) एशियाड तथा कॉमनवेल्थ गेम्स में कई पदक जीत चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि सानिया और महेश भूपति ने 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीता था।
लंदन में जोड़ीदार चयनकर्ता तय करेंगे
भारतीय खिलाड़ी मिश्रित युगल वर्ग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसके मद्देनजर अगले वर्ष लंदन ओलिम्पिक में सानिया का जोड़ीदार कौन होगा, यह पूछे जाने पर सानिया ने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है यह तो चयनकर्ताओं को तय करना है। वैसे भारत के पास लिएंडर पेस, महेश भूपति और रोहन बोपन्ना के रूप में तीन बेहतर खिलाड़ी मौजूद हैं।
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