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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Sunday 9 January, 2011

पेस-भूपति चेन्नई ओपन युगल चैंपियन

चेन्नई. लिएंडर पेस और महेश भूपति की विश्व प्रसिद्ध जोड़ी ने अपना पुराना जादू कोर्ट पर बिखेरते हुए आज रात अमेरिका के डेविड मार्टिन और हालैंड के रोबिन हास को तीन सेटों के संघर्ष में 6-2, 6-7, 10-7 से हराकर चेन्नई ओपन टेनिस टूर्नामेंट का युगल खिताब जीत लिया।
 पेस-भूपति ने इस शानदार जीत से दिखाया कि राजधानी एक्सप्रेस लम्बे अंतराल के बाद पटरी पर लौट चुकी है और दुनिया पर फिर से अपना दबदबा बनाने के लिए तैयार है। भारतीय जोड़ी ने यह मुकाबला एक घंटे 45 मिनट में जीता।  इससे पहले तीसरी वरीयता प्राप्त स्विटजरलैंड के स्टेनिस्लास सवावरिका ने बेल्जियम के जेवियर मालिसे को तीन सेटों के कड़े संघर्ष में 7-5, 4-6, 6-1 से हराकर एकल खिताब जीत लिया। वावरिका ने नुगमबक्कम स्टेडियम के सेंटर कोर्ट पर दो घंटे 14 मिनट तक चला यह मुकाबला जीतकर पहली बार चेन्नई ओपन खिताब अपने नाम कर लिया। वावरिका ने इस तरह नए साल की शुरुआत खिताबी जीत के साथ की। शीर्ष वरीयता प्राप्त पेस और भूपति ने चेन्नई ओपन में पांचवी बार खिताब जीता और देश के एकमात्र एटीपी टूर्नामेंट में तिरंगा बुलंद रखा।  लम्बे अंतराल के बाद फिर से जोडी बनाकर खेल रहे पेस भूपति ने दिखाया कि उनका पुराना जादू और तालमेल बरकरार है। भारतीय जोड़ी ने पहला सेट बातों-बातों में 6-2 से जीत लिया। लेकिन हास और मार्टिन ने दूसरा सेट टाई ब्रेक में 7-3 से जीतकर मैच में 1-1 की बराबरी कर ली।  सुपर टाई ब्रेक में भारतीय जोड़ी ने 10-7 से जीत हासिल कर खिताब अपने नाम कर लिया। भूपति ने जैसे ही विजयी अंक लिया, पेस कूदकर उनकी गोदी में चढ़ गए।  उस समय पूरा स्टेडियम अपने इन दो महान खिलाड़ियों की सफलता में खुशी से झूम रहा था।

वावरिंका को एकल खिताब
इससे पूर्व एकल फाइनल में भी जोरदार मुकाबला हुआ। वावरिंका गत वर्ष मारिन सिलिच से हारकर उपविजेता रहे थे। लेकिन इस बार उन्होंने खिताबी मंजिल पूरी कर ली। विश्व के 21वें नम्बर के खिलाड़ी वावरिंका और 60वें नम्बर के खिलाडी मालिसे के बीच पहले दो सेट में कड़ा संघर्ष हुआ।  वावरिंका ने पहला सेट 7-5 से जीतने के बाद दूसरा सेट 4-6 से गंवा दिया। लेकिन टेनिस दिग्गज रोजर फेडरर के पूर्व युगल जोड़ीदार वावरिंका ने निर्णायक सेट में अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाते हुए इस सेट को पूरी तरह एकतरफा बना दिया।  मालिसे ने मैच में हालांकि अच्छी शुरुआत की और पहले ही गेम में वावरिंका की सर्विस तोड़ दी, लेकिन वावरिंका ने आठवें और 12वें गेम में सर्विस ब्रेक हासिल करते हुए पहला सेट एक घंटे तीन मिनट में निपटा दिया।
वर्ष 2007 में यहां चैम्पियन रहे मालिसे ने पहला सेट हारने के बाद दूसरे सेट में अपना खेल सुधारा और तीसरे गेम में वावरिंका की सर्विस तोड दी। वावरिंका ने स्कोर 4-5 किया लेकिन मालिसे ने दसवें गेम में शून्य पर अपनी सर्विस बरकरार रखते हुए मैच में 1-1 की बराबरी कर ली।  निर्णायक सेट में मालिसे आश्चर्यजनक रुप से वावरिंका के सामने समर्पण कर बैठे। वावरिंका ने दूसरे गेम में प्रतिद्वंद्वी की सर्विस तोड़ी और जल्द ही 4-1 की बढ़त बना ली। मालिसे ने पांचवें गेम में भी अपनी सर्विस गंवाई।  वावरिंका ने जल्द ही 6-1 से यह सेट जीतकर मैच समाप्त कर दिया और खिताब अपने नाम कर लिया1 वावरिंका को इस जीत से 68850 डालर की पुरस्कार राशि मिली जबकि मालिसे को 36250 डालर से संतोष करना पड़ा।

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