साल का पहला खिताब ‘सुपर मॉम’ के नाम, युगल में ब्रायन बंधु जीते
मेलबोर्न. पहले सेट में जिस तरह ली ना ने तेज तर्रार और सधी हुई शुरुआत की थी, उसे देख एक पल के लिए भी ऐसा नहीं लग नहीं रहा था कि क्लिस्टर्स वापसी कर पाएंगी। फिर भी क्लिस्टर्स ने शानदार वापसी करते हुए पहला सिंगल्स ग्रैंड स्लैम खिताब जीत ही लिया।
यह खिताब तब और पक्का हो गया जब नौवीं वरीय चीनी खिलाड़ी 28 बरस की ली ना ने तीसरी वरीय बेल्जियम की किम क्लिस्टर्स को पहले ही सेट में 3-6 से मात दे दी। इस सेट में ली का खेल एकतरफा रहा। उनकी अचूक सर्विस और सटीक फोरहैंड का मानो क्लिस्टर्स के पास कोई तोड़ नहीं दिख रहा था। ऐसा लगा कि तीन बार की अमेरिकी ओपेन चैंपियन और एक बच्चे की मां बेल्जियम की यह खिलाड़ी ली के शानदार खेल के सामने अपना मनोबल और लय गंवा चुकी है। लेकिन अनुभव भारी पड़ा।
क्लिस्टर्स ने दूसरे सेट में कमाल की वापसी की। पहले सेट की अपेक्षा अब उनके शॉट और सर्विस ठीक निशाने पर लगते दिखे। क्लिस्टर्स के इस तरह वापसी करने से ली को झटका जरूर लगा क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पहला सेट 3-6 से गंवाने के बाद क्लिस्टर्स इस तरह धार और रफ्तार पकड़ लेंगी। ली ने फाइनल मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा भी था कि 'जीतेगी वही, जो शुरुआत बेहतर करेगा', और बेहतर शुरुआत करने के बाद वह शायद निश्चिंत हो चुकी थीं कि अगला सेट भी आसानी से जीतकर वह इतिहास रच देंगी। संन्यास के बाद वापसी करने वाली क्लिस्टर्स ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का एक बार फिर अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अगले दोनों सेट 6-3, 6-3 से अपने नाम करने के साथ ही आॅस्ट्रेलियाई ओपेन का महिला सिंगल्स खिताब भी अपने नाम कर लिया। 2004 में वह यहां फाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन खिताब से दूर रहीं। तीन अमेरिकी ओपेन खिताब के बाद यह उनका पहला आॅस्ट्रेलियाई ओपेन खिताब और कुल चौथा ग्रैंड स्लैम खिताब है। आने वाली ताजा डब्ल्यूटीए रैंकिंग में क्लिस्टर्स तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगी। पिछले दो खिताब अमेरिका की सेरेना विलियम्स के नाम रहे थे, जिन्होंने इस बार टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया। वहीं, आस्ट्रेलियाई ओपन टाइटल जीतने के बाद क्लिस्टर्स ने कहा, 'अब मुझे एक नया नाम भी मिल गया है। अब आप मुझे आॅसी किम भी बुला सकते हैं क्योंकि मैंने यह टाइटल हासिल कर लिया है।' जीत से बेहद खुश नजर आ रही क्लिस्टर्स ने ट्रॉफी लेते समय कहा, 'मैं अभी भी हिली हुई हूं। ली ना वाकई बहुत ही कठिन प्रतिद्वंद्वी है। उसने मुझे शुरुआत में यह अहसास करा दिया था कि मेरा रास्ता आसान नहीं है। मैं सचमुच बैकफुट पर चली गई थी, लेकिन मैंने भी बढ़िया वापसी की। पहले सेट में मैं निराशा में डूब गई थी जबकि दूसरे सेट में यही निराशा उसके चेहरे पर झलकने लगी थी। मुझे खुशी है कि अंत में मैं जीत हासिल करने में सफल रही।'
पेस और भूपति का सपना चकनाचूर
मेलबोर्न. लिएंडर पेस और महेश भूपति की 'इंडियन एक्सप्रेस' जोड़ी को शनिवार को मेलबर्न पार्क में पुरुष युगल स्पर्धा में माइक और बॉब ब्रायन से हार का मुंह देखना पड़ा जिससे उनका आस्ट्रेलियाई ओपन ट्राफी जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया। ब्रायन बंधुओं ने इस तरह खिताबों की हैट्रिक भी पूरी की।
तीसरी वरीय भारतीय जोड़ी ने नौ साल बाद एक साथ खेलने का फैसला किया था और उनका लक्ष्य अपना करियर स्लैम पूरा करना था। लेकिन अमेरिका की शीर्ष वरीय जोड़ी ने एक घंटे से ज्यादा चले मुकाबले में ली-हैश को शिकस्त देकर उनका सपना तोड़ दिया। पेस-भूपति यह खिताब दूसरी बार जीतने से चूक गए। इससे पहले दोनों भारतीय 1999 में फाइनल में पहुंचे थे। ब्रायन बंधुओं की यह पांचवीं आस्ट्रेलियाई ओपन ट्राफी है। दोनों खिलाड़ी अलग-अलग जोड़ीदारों के साथ यहां फाइनल में पहुंच लेकिन कोई भी खिलाड़ी अपना करियर स्लैम पूरा नहीं कर सका है। ोस ने चेक गणराज्य के मार्टिन डैम के साथ 2006 में फाइनल में जगह बनाई थी जबकि भूपति 2009 में बहामास के मार्क नोल्स के साथ उप विजेता रहे थे। इस भारतीय जोड़ी ने 2011 में शानदार शुरुआत की थी और इस महीने चेन्नई ओपन जीता था। पेस और भूपति ने अपना अंतिम ग्रैंड स्लैम 2002 में खेला था, जिसमें वे दूसरे राउंड में हार गए थे। भूपति ने कहा कि वह बचे हुए सत्र में पेस के साथ खेलना जारी रखेंगे। फाइनल में ब्रायन बंधुओं ने दबदबा बनाए रखा और सहज गल्तियों में भी उन्होंने काफी सतकर्ता बरती। हालांकि पहले गेम में अगर भारतीय जोड़ी ब्रेक प्वाइंट बनाने में सफल रहती तो परिणाम कुछ भी हो सकता था।
मेलबोर्न. पहले सेट में जिस तरह ली ना ने तेज तर्रार और सधी हुई शुरुआत की थी, उसे देख एक पल के लिए भी ऐसा नहीं लग नहीं रहा था कि क्लिस्टर्स वापसी कर पाएंगी। फिर भी क्लिस्टर्स ने शानदार वापसी करते हुए पहला सिंगल्स ग्रैंड स्लैम खिताब जीत ही लिया।
यह खिताब तब और पक्का हो गया जब नौवीं वरीय चीनी खिलाड़ी 28 बरस की ली ना ने तीसरी वरीय बेल्जियम की किम क्लिस्टर्स को पहले ही सेट में 3-6 से मात दे दी। इस सेट में ली का खेल एकतरफा रहा। उनकी अचूक सर्विस और सटीक फोरहैंड का मानो क्लिस्टर्स के पास कोई तोड़ नहीं दिख रहा था। ऐसा लगा कि तीन बार की अमेरिकी ओपेन चैंपियन और एक बच्चे की मां बेल्जियम की यह खिलाड़ी ली के शानदार खेल के सामने अपना मनोबल और लय गंवा चुकी है। लेकिन अनुभव भारी पड़ा।
क्लिस्टर्स ने दूसरे सेट में कमाल की वापसी की। पहले सेट की अपेक्षा अब उनके शॉट और सर्विस ठीक निशाने पर लगते दिखे। क्लिस्टर्स के इस तरह वापसी करने से ली को झटका जरूर लगा क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पहला सेट 3-6 से गंवाने के बाद क्लिस्टर्स इस तरह धार और रफ्तार पकड़ लेंगी। ली ने फाइनल मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा भी था कि 'जीतेगी वही, जो शुरुआत बेहतर करेगा', और बेहतर शुरुआत करने के बाद वह शायद निश्चिंत हो चुकी थीं कि अगला सेट भी आसानी से जीतकर वह इतिहास रच देंगी। संन्यास के बाद वापसी करने वाली क्लिस्टर्स ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का एक बार फिर अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अगले दोनों सेट 6-3, 6-3 से अपने नाम करने के साथ ही आॅस्ट्रेलियाई ओपेन का महिला सिंगल्स खिताब भी अपने नाम कर लिया। 2004 में वह यहां फाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन खिताब से दूर रहीं। तीन अमेरिकी ओपेन खिताब के बाद यह उनका पहला आॅस्ट्रेलियाई ओपेन खिताब और कुल चौथा ग्रैंड स्लैम खिताब है। आने वाली ताजा डब्ल्यूटीए रैंकिंग में क्लिस्टर्स तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच जाएंगी। पिछले दो खिताब अमेरिका की सेरेना विलियम्स के नाम रहे थे, जिन्होंने इस बार टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया। वहीं, आस्ट्रेलियाई ओपन टाइटल जीतने के बाद क्लिस्टर्स ने कहा, 'अब मुझे एक नया नाम भी मिल गया है। अब आप मुझे आॅसी किम भी बुला सकते हैं क्योंकि मैंने यह टाइटल हासिल कर लिया है।' जीत से बेहद खुश नजर आ रही क्लिस्टर्स ने ट्रॉफी लेते समय कहा, 'मैं अभी भी हिली हुई हूं। ली ना वाकई बहुत ही कठिन प्रतिद्वंद्वी है। उसने मुझे शुरुआत में यह अहसास करा दिया था कि मेरा रास्ता आसान नहीं है। मैं सचमुच बैकफुट पर चली गई थी, लेकिन मैंने भी बढ़िया वापसी की। पहले सेट में मैं निराशा में डूब गई थी जबकि दूसरे सेट में यही निराशा उसके चेहरे पर झलकने लगी थी। मुझे खुशी है कि अंत में मैं जीत हासिल करने में सफल रही।'
पेस और भूपति का सपना चकनाचूर
मेलबोर्न. लिएंडर पेस और महेश भूपति की 'इंडियन एक्सप्रेस' जोड़ी को शनिवार को मेलबर्न पार्क में पुरुष युगल स्पर्धा में माइक और बॉब ब्रायन से हार का मुंह देखना पड़ा जिससे उनका आस्ट्रेलियाई ओपन ट्राफी जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया। ब्रायन बंधुओं ने इस तरह खिताबों की हैट्रिक भी पूरी की।
तीसरी वरीय भारतीय जोड़ी ने नौ साल बाद एक साथ खेलने का फैसला किया था और उनका लक्ष्य अपना करियर स्लैम पूरा करना था। लेकिन अमेरिका की शीर्ष वरीय जोड़ी ने एक घंटे से ज्यादा चले मुकाबले में ली-हैश को शिकस्त देकर उनका सपना तोड़ दिया। पेस-भूपति यह खिताब दूसरी बार जीतने से चूक गए। इससे पहले दोनों भारतीय 1999 में फाइनल में पहुंचे थे। ब्रायन बंधुओं की यह पांचवीं आस्ट्रेलियाई ओपन ट्राफी है। दोनों खिलाड़ी अलग-अलग जोड़ीदारों के साथ यहां फाइनल में पहुंच लेकिन कोई भी खिलाड़ी अपना करियर स्लैम पूरा नहीं कर सका है। ोस ने चेक गणराज्य के मार्टिन डैम के साथ 2006 में फाइनल में जगह बनाई थी जबकि भूपति 2009 में बहामास के मार्क नोल्स के साथ उप विजेता रहे थे। इस भारतीय जोड़ी ने 2011 में शानदार शुरुआत की थी और इस महीने चेन्नई ओपन जीता था। पेस और भूपति ने अपना अंतिम ग्रैंड स्लैम 2002 में खेला था, जिसमें वे दूसरे राउंड में हार गए थे। भूपति ने कहा कि वह बचे हुए सत्र में पेस के साथ खेलना जारी रखेंगे। फाइनल में ब्रायन बंधुओं ने दबदबा बनाए रखा और सहज गल्तियों में भी उन्होंने काफी सतकर्ता बरती। हालांकि पहले गेम में अगर भारतीय जोड़ी ब्रेक प्वाइंट बनाने में सफल रहती तो परिणाम कुछ भी हो सकता था।
No comments:
Post a Comment