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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Tuesday 25 January, 2011

लक्ष्मण, सुशील समेत सात खिलाड़ियों को पद्मश्री

नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को घोषित पद्म पुरस्कारों में क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण के अलावा विश्व चैंपियन पहलवान सुशील कुमार, निशानेबाज गगन नारंग, भारोत्तोलक कुजांरानी देवी और राष्टÑमंडल खेलों की चैंपियन डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पुनिया को अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है।
देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान के लिए इस बार सात खिलाड़ियों को चुना गया है। पैराजम्पर शीतल महाजन और पवर्तारोही हरभजन सिंह भी पद्मश्री से सम्मानित खिलाड़ियों में शामिल हैं। पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सोने का तमगा जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी जबकि कुंजारानी देवी पिछले लगभग दो दशक से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक बटोरने में सफल रही हैं। भारतीय क्रिकेट के चोटी के बल्लेबाजों में शुमार 36 वर्षीय लक्ष्मण ने अब तक 120 टेस्ट मैचों में 47.32 की औसत 7903 रन बनाए हैं जिसमें 16 शतक और 49 अर्धशतक शामिल हैं। इस हैदराबादी बल्लेबाज ने अपने लगभग 15 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान कई अवसरों पर संयम और जुझारूपन का जोरदार नमूना पेश करके टीम को संकट से उबारा। लक्ष्मण ने पद्मश्री से सम्मानित किए जाने को बड़ा सम्मान करार दिया।
लक्ष्मण पद्मश्री से सम्मानित होने वाले 11वें क्रिकेटर हैं। उनसे पहले सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और महेंद्र सिंह धौनी को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। तेंदुलकर को पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।  लक्ष्मण ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में कोलकाता में 281 रन की बेजोड़ पारी खेली थी जिसकी मदद से भारत ने फालोआन के बावजूद जीत दर्ज की थी। उनकी इस पारी को विजडन ने 100 साल की सर्वश्रेष्ठ पारियों में छठे नंबर पर रखा था। पिछले एक साल में लक्ष्मण ने कई बेजोड़ पारियां खेली। श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में उनकी नाबाद 103 रन की पारी की बदौलत भारत मैच जीतकर सीरीज बराबर कराने में सफल रहा था। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में पीठ दर्द के बावजूद नाबाद 73 रन की मैच विजेता पारी खेली थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में दूसरे टेस्ट में उन्होंने फिर से संकट में 96 रन बनाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। अपने करियर में 86 वनडे मैच खेलने वाले लक्ष्मण को 2001 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सुशील 2008 में बीजिंग ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर सुर्खियों में आए थे। वह केडी जाधव (1952) के बाद ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले पहले पहलवान हैं। इसके बाद उन्होंने 2010 में मास्को में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और फिर दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में सोने के तमगे हासिल किए। सुशील को इससे पहले अर्जुन पुरस्कार और 2009 में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। निशानेबाज गगन नारंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम कर चुके हैं। वह दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के नायक थे जिसमें उन्होंने चार स्वर्ण पदक जीते थे। कृष्णा पूनिया इन्हीं खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में सोने का तमगा जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी जबकि कुंजारानी देवी पिछले लगभग दो दशक से राष्टÑीय और अंतरराष्टÑीय स्तर पर पदक बटोरने में सफल रही हैं।

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