पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली का दावा, इस बार वर्ल्ड कप खिताब का प्रबल दावेदार है भारत
रायपुर. पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली की भी दिली इच्छा है कि टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड कप जीतकर सचिन का सपना जरूर पूरा करे। उन्होंने कहा कि इस बार भारत वर्ल्ड कप खिताब के 99 प्रतिशत दावेदार है, जबकि एक फीसदी का दावा बाहरी टीम कर सकती है।
कांबली ने कहा कि टीम इंडिया का चयन काफी हद तक संतुलित है, लेकिन भारतीय महाद्वीप की पिच को देखते हुए एक लेफ्त आर्म स्पिनर को जगह मिलनी चाहिए थी, क्योंकि इस महाद्वीप में होने वाले वर्ल्ड कप में स्पिनर बड़ा रोल प्ले करेगा। सुरेश अग्रवाल मेमोरियल कार्पोरेट क्रिकेट चैंपियनशिप के समापन समारोह में हिस्सा लेने रायपुर आए श्री कांबली शनिवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। 1996 वर्ल्ड कप खेल चुके कांबली ने कहा कि धोनी व अन्य खिलाड़ियों को अभी काफी अभ्यास करना पड़ेगा। सभी देशवासियों की आशाएं उन पर टिकी हुई हैं। घरेलू मैदान होने से खिलाड़ियों पर बेहद प्रेशर होता है, क्योंकि वे खुद वर्ल्ड कप खेल चुके हैं और इस प्रेशर से वे वाकिफ हैं। जब लोग अपनी होम टीम को सपोर्ट करते हैं, खिलाड़ियों के अंदर संयम और आत्मविश्वास आता है, लेकिन धैर्य के साथ खेलना होता है। इस बार भारत का वर्ल्ड कप जीतना न सिर्फ सचिन का ही सपना है, बल्कि पूरे भारतवासियों का भी सपना है। यह टीम इंडिया के लिए एक सुनहरा मौका है। अभी लोहा गर्म और टीम इंडिया को जोश के साथ खेलते हुए हथौड़ा मारना होगा।
धोनी को बचना होगा इंज्युरी से
टीम के प्रदर्शन के बारे में श्री कांबली ने कहा कि टीम इंडिया काफी हद तक संतुलित है और टीम के संतुलन के लिए खासकर कैप्टन धोनी को इंज्युरी से बचना होगा। सभी लोगों की कामना हैं कि वे वर्ल्ड कप में पूरी तरह फिट रहेंगे, क्योंकि उनके इंज्युरी होने पर इसका प्रभाव पूरी टीम के प्रदर्शन पर पड़ेगा। उन्होंने टीम में एक विकेटकीपर के चयन पर टीम के प्रदर्शन पर किसी तरह के प्रभाव पड़ने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी भारत ने सिर्फ एक विकेटकीपर के बूते ही वर्ल्ड कप खेला है। यह कोई नई बात नहीं है।
स्टेमिना,फिटनेस से प्रभावित होता है खेल
श्री कांबली ने कहा कि खिलाड़ियों की स्टेमिना व फिटनेस से खेल जरूर प्रभावित होता है, लेकिन स्टेमिना खिलाड़ियों के ऊपर निर्भर करता है। क्रिकेट में हार-जीत होती रहती है। 1996 वर्ल्ड कप के लीग मैच में हमने लगातार दो मैच श्रीलंका व आस्टेÑलिया से हारे। उसके बाद कमबैक करते हुए अगला मैच जीत लिया। यह वर्ल्ड कप है और खिलाड़ियों को पता रहता है कि उन्हें फिटनेस रहना है। फिटनेस एक बहुत बड़ा मामला है। खिलाड़ी फिट रहने पर ही वे अधिक समय सरवाइव कर पाएंगे।
सौरव का आईपीएल न खेलना दुख की बात
श्री कांबली ने आईपीएल में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का आईपीएल-4 में नहीं खेलने पर निराशा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी टीम द्वारा सीनियर खिलाड़ी सौरव गांगुली की बोली नहीं लगाना दुख की बात है। वे एक सफलतम कप्तान रहे हैं। उन्होंने आईसीसी द्वारा ईडन गार्डन को वर्ल्ड कप मैच से बाहर करने के बारे में कहा कि इसकी तैयारी पूर्व निर्धारित समय पर हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कोलकाता के क्रिकेटप्रेमियों को इससे जरूर दुख होगा। उन्होंने खिलाड़ियों की नाइट पार्टी के बारे में कहा कि आईपीएल में भले ही नाइट पार्टी व शो हो लेकिन यह वर्ल्ड कप है और खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर स्टारडम के प्रभाव से इनकार करते हुए कहा कि यह सिर्फ खिलाड़ियों पर निर्भर करता है। कांबली ने कहा कि इसका बेहतर उदाहरण सचिन तेंदुलकर जो इतना स्टारडम के बावजूद लगातार 20 साल से धैर्य के साथ खेल रहे हैं। चाहे खिलाड़ी कितना भी बड़ा हो जाए, उसे खेल और क्रिकेट को कभी नहीं भूलना चाहिए।
दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
मैच फिक्सिंग के बारे में श्री कांबली ने कहा कि इससे खेल जेंटलमैन क्रिकेट काफी बदनाम हुआ है और इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। किसी भी सटोरिए का उनसे संपर्क किए जाने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि वे हमेशा दिल से क्रिकेट खेले और देश व देशवासियों के लिए खेले। शुरू से उनका एक सपना था कि वे टीम इंडिया के लिए खेले और वह पूरा हो गया। उन्होंने कई टीवी शो में काम किया, लेकिन क्रिकेट नहीं खेलने पर ही किया। अब उनकी इच्छा अंतरिक्ष में क्रिकेट खेलने की है।
उनके चयन में हुआ पक्षपात
श्री कांबली ने वर्ल्डकप टीम को संतुलित बताया, लेकिन उन्होंने बेबाकी से स्वीकार किया कि उनके चयन में जरूर पक्षपात हुआ। उन्होंने कहा कि लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद कई बार उनका टीम इंडिया में चयन नहीं हो सका और हर बार उन्होंने इसका विरोध करने बजाय हमेशा अपने प्रदर्शन से जवाब दिया। उन्होंने कभी भी चयनकर्ताओं से इसका कारण नहीं पूछा। चयनकर्ता उन्हें ड्राप करते गए और वे हमेशा प्रदर्शन के दम पर वापसी करते रहे। उन्होंने नौ बार कमबैक किया। इसका खुलासा उन्होंने हाल ही में अपनी बायोग्राफी में किया है।
खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त करते कांबली |
रायपुर. पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली की भी दिली इच्छा है कि टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड कप जीतकर सचिन का सपना जरूर पूरा करे। उन्होंने कहा कि इस बार भारत वर्ल्ड कप खिताब के 99 प्रतिशत दावेदार है, जबकि एक फीसदी का दावा बाहरी टीम कर सकती है।
कांबली ने कहा कि टीम इंडिया का चयन काफी हद तक संतुलित है, लेकिन भारतीय महाद्वीप की पिच को देखते हुए एक लेफ्त आर्म स्पिनर को जगह मिलनी चाहिए थी, क्योंकि इस महाद्वीप में होने वाले वर्ल्ड कप में स्पिनर बड़ा रोल प्ले करेगा। सुरेश अग्रवाल मेमोरियल कार्पोरेट क्रिकेट चैंपियनशिप के समापन समारोह में हिस्सा लेने रायपुर आए श्री कांबली शनिवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। 1996 वर्ल्ड कप खेल चुके कांबली ने कहा कि धोनी व अन्य खिलाड़ियों को अभी काफी अभ्यास करना पड़ेगा। सभी देशवासियों की आशाएं उन पर टिकी हुई हैं। घरेलू मैदान होने से खिलाड़ियों पर बेहद प्रेशर होता है, क्योंकि वे खुद वर्ल्ड कप खेल चुके हैं और इस प्रेशर से वे वाकिफ हैं। जब लोग अपनी होम टीम को सपोर्ट करते हैं, खिलाड़ियों के अंदर संयम और आत्मविश्वास आता है, लेकिन धैर्य के साथ खेलना होता है। इस बार भारत का वर्ल्ड कप जीतना न सिर्फ सचिन का ही सपना है, बल्कि पूरे भारतवासियों का भी सपना है। यह टीम इंडिया के लिए एक सुनहरा मौका है। अभी लोहा गर्म और टीम इंडिया को जोश के साथ खेलते हुए हथौड़ा मारना होगा।
धोनी को बचना होगा इंज्युरी से
टीम के प्रदर्शन के बारे में श्री कांबली ने कहा कि टीम इंडिया काफी हद तक संतुलित है और टीम के संतुलन के लिए खासकर कैप्टन धोनी को इंज्युरी से बचना होगा। सभी लोगों की कामना हैं कि वे वर्ल्ड कप में पूरी तरह फिट रहेंगे, क्योंकि उनके इंज्युरी होने पर इसका प्रभाव पूरी टीम के प्रदर्शन पर पड़ेगा। उन्होंने टीम में एक विकेटकीपर के चयन पर टीम के प्रदर्शन पर किसी तरह के प्रभाव पड़ने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी भारत ने सिर्फ एक विकेटकीपर के बूते ही वर्ल्ड कप खेला है। यह कोई नई बात नहीं है।
स्टेमिना,फिटनेस से प्रभावित होता है खेल
श्री कांबली ने कहा कि खिलाड़ियों की स्टेमिना व फिटनेस से खेल जरूर प्रभावित होता है, लेकिन स्टेमिना खिलाड़ियों के ऊपर निर्भर करता है। क्रिकेट में हार-जीत होती रहती है। 1996 वर्ल्ड कप के लीग मैच में हमने लगातार दो मैच श्रीलंका व आस्टेÑलिया से हारे। उसके बाद कमबैक करते हुए अगला मैच जीत लिया। यह वर्ल्ड कप है और खिलाड़ियों को पता रहता है कि उन्हें फिटनेस रहना है। फिटनेस एक बहुत बड़ा मामला है। खिलाड़ी फिट रहने पर ही वे अधिक समय सरवाइव कर पाएंगे।
सौरव का आईपीएल न खेलना दुख की बात
श्री कांबली ने आईपीएल में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का आईपीएल-4 में नहीं खेलने पर निराशा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी टीम द्वारा सीनियर खिलाड़ी सौरव गांगुली की बोली नहीं लगाना दुख की बात है। वे एक सफलतम कप्तान रहे हैं। उन्होंने आईसीसी द्वारा ईडन गार्डन को वर्ल्ड कप मैच से बाहर करने के बारे में कहा कि इसकी तैयारी पूर्व निर्धारित समय पर हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कोलकाता के क्रिकेटप्रेमियों को इससे जरूर दुख होगा। उन्होंने खिलाड़ियों की नाइट पार्टी के बारे में कहा कि आईपीएल में भले ही नाइट पार्टी व शो हो लेकिन यह वर्ल्ड कप है और खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर स्टारडम के प्रभाव से इनकार करते हुए कहा कि यह सिर्फ खिलाड़ियों पर निर्भर करता है। कांबली ने कहा कि इसका बेहतर उदाहरण सचिन तेंदुलकर जो इतना स्टारडम के बावजूद लगातार 20 साल से धैर्य के साथ खेल रहे हैं। चाहे खिलाड़ी कितना भी बड़ा हो जाए, उसे खेल और क्रिकेट को कभी नहीं भूलना चाहिए।
दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
मैच फिक्सिंग के बारे में श्री कांबली ने कहा कि इससे खेल जेंटलमैन क्रिकेट काफी बदनाम हुआ है और इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। किसी भी सटोरिए का उनसे संपर्क किए जाने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि वे हमेशा दिल से क्रिकेट खेले और देश व देशवासियों के लिए खेले। शुरू से उनका एक सपना था कि वे टीम इंडिया के लिए खेले और वह पूरा हो गया। उन्होंने कई टीवी शो में काम किया, लेकिन क्रिकेट नहीं खेलने पर ही किया। अब उनकी इच्छा अंतरिक्ष में क्रिकेट खेलने की है।
उनके चयन में हुआ पक्षपात
श्री कांबली ने वर्ल्डकप टीम को संतुलित बताया, लेकिन उन्होंने बेबाकी से स्वीकार किया कि उनके चयन में जरूर पक्षपात हुआ। उन्होंने कहा कि लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद कई बार उनका टीम इंडिया में चयन नहीं हो सका और हर बार उन्होंने इसका विरोध करने बजाय हमेशा अपने प्रदर्शन से जवाब दिया। उन्होंने कभी भी चयनकर्ताओं से इसका कारण नहीं पूछा। चयनकर्ता उन्हें ड्राप करते गए और वे हमेशा प्रदर्शन के दम पर वापसी करते रहे। उन्होंने नौ बार कमबैक किया। इसका खुलासा उन्होंने हाल ही में अपनी बायोग्राफी में किया है।
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