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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Sunday, 13 February 2011

इस बार इनाम में गजब का इजाफा

नई दिल्ली. क्रिकेट विश्व कप वही है लेकिन इसमें मिलने वाली इनामी राशि में गजब का इजाफा होता जा रहा है। इस बीच सभी देशों के बीच रन और विकेट चुराने की जंग में दिलचस्पी बढ़ती चली जा रही है। तभी तो कपिल देव की अगुवाई वाली टीम को विश्व विजेता बनने पर जो इनाम नसीब हुआ था, उसके मुकाबले अब जो टीम फाइनल मैच जीतेगी उसे उस इनामी राशि के नब्बे गुने ज्यादा की रकम दी जाएगी।
सच, क्रिकेट को लेकर लोगों की दीवानगी और इसमें होने वाली धन वर्षा का कोई जवाब नहीं। बहरहाल, कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम 1983 में जब विश्व चैंपियन बनी थी तो उसे केवल 20 हजार पौंड की राशि इनाम के तौर पर दी गई थी। वहीं, यदि वर्ष 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की टीम विश्व कप विजेता बनती है तो उसे इससे लगभग 90 गुणा अधिक पुरस्कार राशि मिलेगी। अंतरराष्टÑीय क्रिकेट परिषद  (आईसीसी) ने 19 फरवरी से दो अप्रैल तक भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में चलने वाले क्रिकेट महाकुंभ के लिए पिछले विश्व कप की तुलना में लगभग दोगुनी पुरस्कार राशि रखी है। इस टूर्नामेंट में चैंपियन बनने वाली टीम को 30 लाख डालर यानी लगभग 18 लाख 74 हजार पौंड या 13 करोड़ 67 लाख रुपए की इनामी राशि मिलेगी। आलम यह है कि इस बार पहले दौर में जीत दर्ज करने वाली टीम को भी 60 हजार डालर यानी लगभग 27 लाख रुपये मिल जाएंगे जो 1987 में पहली बार चैंपियन बनी आस्ट्रेलियाई टीम को मिली 30 हजार पौंड की पुरस्कार राशि से कहीं अधिक है। इस बार जो भी टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी, उसको तीन लाख 70 हजार डालर यानी लगभग एक करोड़ 68 लाख रुपये मिलने तय हैं। इसी तरह से सेमीफाइनल में हारने वाली टीम को 7,50,000 डालर यानी तीन करोड़ 41 लाख रुपये तथा फाइनल में पराजित होने वाली टीम को एक करोड़ 50 हजार डालर यानी छह करोड़ 83 लाख रुपये मिलेंगे। यह रकम पिछले सभी विश्व कप की तुलना में सबसे बड़ी पुरस्कार राशि है। विश्व कप की शुरुआत 1975 में हुई थी और तब चैंपियन बनी वेस्टइंडीज की टीम को 4000 पौंड मिले थे। इसके चार साल बाद कैरेबियाई टीम जब फिर से चैंपियन बनी तो उसके हाथ 10,000 पौंड पुरस्कार राशि हाथ लगी थी। लगातार तीसरी बार यानी 1983 में विजेता को मिलने वाली राशि बढ़ाकर 20 हजार पौंड कर दी गई थी। सौरव गागुली की टीम को 2003 में केवल उप विजेता बनने पर ही आठ लाख डालर मिल गए थे जबकि चैंपियन आस्ट्रेलिया को 20 लाख डालर मिले थे। इसके चार साल बाद वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप में यह राशि बढ़ाकर 22 लाख 40 हजार डालर कर दी गई। रिकी पोंटिंग की टीम पिछली बार भी चैंपियन बनी थी जबकि उप विजेता रही श्रीलंकाई टीम को दस लाख डालर मिले थे। भारतीय टीम 1983 में जब चैंपियन बनी थी तो क्रिकेट बोर्ड के पास भी खिलाड़ियों को देने के लिए पैसा नहीं था। आखिर में पैसा इकट्ठा करने के लिए लता मंगेशकर का कन्सर्ट करवाया गया था जिससे चैंपियन टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक लाख रुपए मिल गया था। अब यदि धौनी की टीम चैंपियन बनती है तो उसके प्रत्येक सदस्य को करोड़ों रुपये मिलना तय है।

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