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"खेल सिर्फ चरित्र का निर्माण ही नहीं करते हैं, वे इसे प्रकट भी करते हैं." (“Sports do not build character. They reveal it.”) shankar.chandraker@gmail.com ................................................................................................................................................. Raipur(Chhattigarh) India

Monday 28 February, 2011

विश्व कप : रोच की हैट्रिक, विंडीज की बड़ी जीत

वेस्टइंडीज ने नीदरलैंड को एकतरफा 215 रन से हराया, गेल व पोलार्ड ने ठोंके अर्धशतक 
क्रिस गेल
नई दिल्ली. सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल (80) की जूझारू और कीरोन पोलार्ड (60) की धमाकेदार पारी के बाद तेज गेंदबाज केमोर रोच (27/6) के टूर्नामेंट की पहली हैट्रिक के दम पर वेस्टइंडीज ने शुरुआती हार का गम भुलाते हुए विश्व कप के ग्रुप-बी के एक मुकाबले में नीदरलैंड को 215 रनों से हराकर बड़ी जीत हासिल कर लिया है।
वेस्टइंडीज के तीन बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाया। गेल और पोलार्ड के अर्धशतकों के अलावा डेवोन स्मिथ (53) और रामनरेश सरवन (49) ने भी अच्छी पारी खेली जिसके दम पर कैरेबियाई टीम ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 330 रन बनाए। जवाब में टाम कूपर ने एकल साहसिक पारी खेलते हुए नीदरलैंड्स का स्कोर सौ के पार पहुंचाया। लेकिन रोच के छह विकेटों के आगे पूरी डच टीम 31.3 ओवर में 115 रन बनाकर आल आउट हो गई। कूपर 67 गेंदों में पचासा लगाने वाले 72 गेंदों में 55 रन बनाकर नाबाद रहे। वेस्टइंडीज की दो मैचों में यह पहली जीत है जबकि नीदरलैंड्स अपना दोनों मैच हारा है।
बड़े लक्ष्य के आगे डच टीम को इस बार बहुत ही खराब शुरुआत मिली। मात्र 36 रन के स्कोर पर उसके शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद गेंदबाजों ने भी कसी हुई गेंदबाजी की और विपक्षी बल्लेबाजों को जमने का मौका नहीं दिया। रोच ने पारी के दूसरे ओवर में वेस्ले बारेसी (0) को गेल के हाथों कैच कराकर डच टीम को पहला झटका दिया। इसके बाद तेज गेंदबाज सुलेमान बेन ने एलेक्सी कर्वेजी (14) को स्टंप कराकर जल्द ही दूसरा झटका दिया। पिछले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार शतकीय पारी खेलने वाले रेयान टेन डोएश्चेट (7) आज अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दुहरा सके। बेन की गेंद पर पगबाधा होने पर डजटेच ने अंपायर की फैसले की रिव्यू भी कराया पर सफलता नहीं मिली और आउट हो गए।
बेस ज्युडेरेंट (1), टीम डी ग्रूथ (1) भी तुरंत चलते बने। टाम कूपर दूसरे छोर पर टिके रहे और एक-एक कर रन बनाते हुए टीम की शर्मनाक स्थिति से बाहर ले जाने में जुटे रहे। कूपर ने कप्तान पीटर बेरोन (10) के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 20 रन जोड़ने के बाद बेरोन भी विपक्षी कप्तान डेरेन सैमी की गेंद पर कैच आउट हो गए। कूपर को मुदस्सर बुखारी (24) का बढ़िया साथ मिला और दोनों ने सातवें विकेट के लिए 57 रन की साझेदारी कर टीम का स्कोर सौ रन के पा पहुंचा दिया। मैच का समापन उम्मीद के मुताबिक हो रहा था कि रोच ने अंतिम तीन विकेट लगातार तीन गेंदों पर लेकर टूर्नामेंट की पहली हैट्रिक अपने नाम कर लिया।
रोच ने पीटर सीलार (1), लूट्स (1) और बर्नार्ड वेस्टडीक (0) को आउट कर मैच समाप्त किया।
इससे पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण मिलने के बाद कैरेबियाई बल्लेबाजों ने सधी हुई शुरुआत की। स्मिथ और गेल ने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए 16.3 ओवर में 100 रन जोड़ दिए। 45 गेंदों में पचासा पूरे करने वाले स्मिथ 53 रन बनाकर बर्नार्ड लुट्स की गेंद पर बारेसी लारा लपके गए। स्मिथ के आउट होने के बाद गेल ने डेरेन ब्रावो के साथ पारी को आगे बढ़ाया और दूसरे विकेट के लिए 68 रन और जोड़े। ब्रावो 38 गेंदों में 30 रन बनाकर पीटर सीलार की गेंद पर करवेजी के हाथों लपके गए। पिछले मैच में असफल रहे रामनरेश सरवन (49) ने आज बेहतरीन पारी खेली और टीम के स्कोर को तेजी से आगे बढ़ाया।
टीम का तीसरा विकेट गेल के रूप में गिरा। हालांकि गेल ने आज विस्फोटक बल्लेबाजी नहीं की और डजटेच की गेंद पर आउट होने से पूर्व 110 गेंदों में सात चौके व दो छक्के के दम पर 80 रन बनाए। कैरेबियाई पारी की खासियत पोलार्ड की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी रही जिन्होंने मात्र 27 गेंदों में पांच चौकों व चार छक्कों के साथ 60 रन ठोक दिए। शीर्ष बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद कप्तान सैमी (6), शिवनारायन चंद्रपाल (4) और डेवोन थामस (13) बड़ी पारी नहीं खेल सके। डच टीम की ओर से सीलार ने 45 रन देकर तीन विकेट चटकाए।
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 स्कोर कार्ड
वेस्टइंडीज                                                   रन    गेंद    4    6
स्मिथ कै बैरेसी बो लूट्स                                53    51    9    0
गेल कै कर्वेजी बो टेन डोएश्चेट                         80    110    7    2
ब्रावो कै कर्वेजी बो सीलर                                30    38    1    2
सरवन पगबाधा बो वेस्तदिज्क                      49    42    7    1
पोलार्ड कै डोएश्चेट बो बुखारी                         60    27    5    4
सैमी कै कर्वेजी बो सीलर                              6    6    1    0
चंद्रपाल बो सीलर                                        4    6    0    0
थामस पगबाधा बो बुखारी                          13    13    1    0
मिलर नाबाद                                             11    7    2    0
बेन नाबाद                                                3    1    0    0
अतिरिक्त : 21, कुल : 50 ओवर में 8 विकेट पर 330 रन।
विकेटपतन : 1-100 (डेवोन स्मिथ, 16.3), 2-168 (डैरेन ब्रावो, 31.2), 3-196 (क्रिस गेल, 36.2), 4-261 (रामनरेश सरवन, 42.1), 5-278 (डैरेन सैमी, 43.4), 6-290 (चंद्रपाल, 45.4), 7-312 (कीरोन पोलार्ड, 47.5), 8-326 (डेवोन थामस, 49.4).
गेंदबाजी : मुदस्सर बुखारी 10-1-65-2, बेरेंड वेस्तदिज्क 7-0-56-1, रेयान टेन डोएश्चेट 10-0-77-1, बर्नार्ड लूट्स 7-0-44-1, टाम कूपर 6-0-37-0, पीटर सीलर 10-1-45-3.
नीदरलैंड                                           रन    गेंद    4    6
कर्वेजी स्टंप्स थामस बो बेन                14    20    2    0
बैरेसी कै गेल बो रोच                           0    5    0    0
कूपर नाबाद                                       55    72    9    0
डोएश्चेट पगबाधा बो बेन                     7    6    1    0
जुएडेरेंट बो रोच                                 1    4    0    0
ग्रूथ पगबाधा बो बेन                          1    5    0    0
बोरेन कै पोलार्ड बो सैमी                   10    28    1    0
बुखारी बो रोच                                  24    42    2    0
सीलर पगबाधा बो रोच                     1    5    0    0
लूट्स पगबाधा बो   रोच                   0    1    0    0
वेस्तदिज्क बो रोच                          0    1    0    0
अतिरिक्त : 2, कुल :  31.3 ओवर में 115 रन (आलआउट)। 
विकेटपतन : 1-2 (बैरेसी, 1.4), 2-26 (कर्वेजी, 6.4), 3-34 (रेयान टेन डोएश्चेट, 8.1), 4-35 (जुएडेरेंट, 9.3), 5-36 (ग्रूथ, 10.2), 6-56 (बोरेन, 18.2), 7-113 (मुदस्सर बुखारी, 29.4), 8-115 (पीटर सीलर, 31.1), 9-115 (लूट्स, 31.2), 10-115 (वेस्तदिज्क, 31.3). 
गेंदबाजी : सुलेमान बेन 8-1-28-3, क्रेमर रोच 8.3-0-26-6, निकिता मिलर 7-0-23-0, डैरेन सैमी 7-0-33-1, कीरोन 1-0-2-0.
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जिम्बाब्वे ने कनाडा को 175 रन से रौंदा
तातेंदा ताएबू
नागपुर. तातेंदा ताएबू (98) और क्रेग इरविन (85) की 181 रनों की मजबूत साझेदारी की बदौलत जिम्बाब्वे ने आज यहां विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए विश्वकप के ग्रुप ए मैच मे कनाडा को 175 रनों रौंद दिया।
 टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम ने  ताएबू और इरविन ने तीसरे विकेट के लिए 181 रन की बड़ी साझेदारी के दम पर 298 रनों का मजबूत स्कोर खडा कर दिया। मैन आफ द मैच रहे ताएबू ने 99 गेंदों  मे नौ चौकों की मदद से 98 रन की बेहतरीन पारी खेली जबकि इरविन ने भी 81 गेंदों में छह चौकों और दो छक्कों की मदद से 85 रन बनाए।  299 के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कनाडाई टीम का कोई भी खिलाडी जिम्बाब्वे के गेंदबाजों के सामने नहीं टिक पाया और पूरी टीम 123 के स्कोर पर आउट हो गई। कनाडाई टीम की शुरूआत बेहद खराब रही। पारी के दूसरे ही ओवर में ओपनर जान डेविसन रे प्राइस की गेंद पर बिना खाता खेले ही बोल्ड हो गए1 विश्वकप में पर्दापण करने वाले नितीश कुमार भी मात्र एक रन पांचवें ओवर की तीसरी गेंद पर बनाकर प्राइस की गेंद का शिकार हो गए। टीम ने अगली ही गेंद में आशीष बगई (शून्य) का विकेट भी खो दिया। हालांकि इसके बाद रुविंदु गुणशेखरा (24) और जिम्मी हंसरा  (20) ने  टीम को संभालने की कोशिश की और चौथे विकेट के लिए 43 रन की साझेदारी की। लेकिन 50 के टीम स्कोर पर हंसरा भी उत्सेया की गेंद
का शिकार हो गए और उसके बाद गुणशेखरा भी इसी टीम स्कोर पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। टीम ने 23वें ओवर रिजवान चीमा (14) के रूप में छठा विकेट भी गंवा दिया। इसके बाद टाएसन गार्डन सात और खुर्रम चौहान आठ रन बनाकर पवेलियन लौट गए। कनाडा की ओर से जुबिन सुरकारी ने सर्वाधिक 26 रन बनाए। वह 122 रन के टीम स्कोर पर ग्रेग लैंब की गेंद पर आउट हो गए। टीम स्कोर में अभी एक ही रन और जुडा था कि बालाजी राव ( एक) भी ग्रीम क्रेमर की गेंद का शिकार हो गए और टीम की पारी मात्र 123 रनों में सिमट कर रह गई। हरवीर बैदवान 13  रन बनाकर नाबाद रहे।  जिम्बाब्वे की ओर से प्राइस ने 16 रन पर तीन विकेट और क्रेमर ने 31 रन पर तीन विकेट लिए जबकि प्रास्पर उत्सेया  ने 24 रन और लैंब ने 29 रन पर दो दो विकेट चटकाए।
 इससे पहले बल्लेबाजी करने उतरी जिम्बाब्वे की शुरूआत भी बेहद खराब रही और पहले ओवर की पहली ही गेंद पर ब्रेंडन टेलर (शून्य) के रूप में उसका पहला विकेट गिर गया1 इसके बाद चार्ल्स कोवेंट्री (चार) भी चौथे ही ओवर में हरवीर बैदवा की गेंद पर पगबाधा हो गए। लेकिन इसके बाद ताएबू और इरविन ने तीसरे विकेट के लिए जबरदस्त साझेदारी कर क नाडाई गेंदबाजों की हालत पतली कर दी। इरविन 32वें ओवर में 188 रन के टीम स्कोर पर बालाजी राव की गेंद का शिकार हो गए। इसके बाद जल्द ही टीम ने एल्टन चिगुम्बरा (पांच) के रूप में अपना चौथा विकेट भी गंवा दिया।  बालाजी ने 34वें ओवर में इरविन का विकेट लेकर उनके शतक बनाने के उम्मीदों को तोड दिया। इरविन शतक से मात्र दो रन दूर थे। इसके बाद जिम्बाब्वे की कोई भी खिलाडी क्रीज पर नहीं टिक पाया।
 लैंब 11 रन बनाकर छठे विकेट के रूप में बालाजी की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद सीन विलियम्स 30, उत्सेया  22 और  क्रेमर 26 रन बनाकर पैवेलियन लौट गए जबकि  प्राइस 10 और क्रिस एमपोफू तीन रन बनाकर नाबाद रहे। कनाडा की ओर से बालाजी ने 57 रन देकर सर्वाधिक चार विकेट लिए। खुर्रम चौहान और बैदवां ने दो दो तथा रिजवान चीमा ने एक विकेट झटका।
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स्कोर कार्ड
जिम्बाब्वे                                              रन    गेंद    4    6
टेलर पगबाधा बो चौहान                          0    1    0    0
कोवेंट्री पगबाधा बो बैदवान                      4    10    0    0
ताएबू कै डैविसन बो बालाजी                  98    99    9    0
इरविन कै बगई बो बालाजी                    85    81    6    2
चिगुम्बुरा कै बगई बो चीमा                     5    8    1    0
विलियम्स कै बगई बो बालाजी              30    25    3    0
लंब बो बालाजी                                    11    13    1    0
उत्सेया कै हंसरा बो चौहान                   22    29    2    0
क्रेमर बो बैदवान                                  26    23    2    0
प्रिंस नाबाद                                        10    6    2    0
म्पोफु नाबाद                                      3    5    0    0
अतिरिक्त : 4, कुल : 50 ओवर में 9 विकेट पर 298 रन।
विकेटपतन : 1-0 (टेलर, 0.1), 2-7 (चार्ल्स कोवेंट्री, 3.3), 3-188 (इरविन, 31.2), 4-193 (चिगुम्बुरा, 32.4), 5-201 (ताएबू, 33.6), 6-219 (लंब, 37.4), 7-240 (विलियम्स, 41.4), 8-281 (प्रास्पर उत्सेया, 7.4), 9-284 (क्रेमर, 48.2).
गेंदबाजी : खुर्रम चौहान 10-0-44-2, हरवीर बैदवान 9-0-47-2, जिम्मी हंसरा 4-0-41-0, रिजवान चीमा 9-0-51-1, बालाजी राव 10-0-57-4, जान डैविसन 8-0-56-0.
कनाडा                                        रन    गेंद    4    6
डैविसन बो प्राइस                         0    8    0    0
नीतिश कै एंड बो प्राइस                1    10    0    0
गुणसेकरा बो लंब                       24    64    2    0
बगई कै विलियम्स बो प्राइस       0    1    0    0
हंसरा स्टंप्स ताएबू बो उत्सेया     20    41    1    1
चीमा कै क्रेमर बो उत्सेया          14    10    2    1
सुरकारी स्टंप्स तायबू बो लंब     26    48    2    0
गोर्डन पगबाधा बो क्रेमर            7    20    1    0
चौहान पगबाधा बो क्रेमर           8    22    1    0
बैदवान नाबाद                          13    23    1    0
बालाजी बो क्रेमर                      1    6    0    ०
 अतिरिक्त : 9, कुल :  42.1 ओवर में 123 रन (आलआउट)।
विकेटपतन : 1-1 (जान डैविसन, 1.3), 2-7 (नीतिश कुमार, 5.3), 3-7 (आशीष बगई, 5.4), 4-50 (जिम्मी हंसरा, 20.3), 5-50 (गुणसेकरा, 21.1), 6-66 (रिजवान चीमा, 22.5), 7-78 (गोर्डन, 26.6), 8-97 (खुर्रम चौहान, 34.3), 9-122 (सुरकारी, 41.1), 10-123 (बालाजी राव, 42.1).
गेंदबाजी : क्रिस म्पोफु 5-1-12-0, रे प्राइस 8-4-16-3, प्रास्पर उत्सेया 7-0-24-2, ग्रेग लंब 8-0-29-2, ग्रीम क्रेमर 9.1-1-31-3, सीन विलियम्स 5-0-11-0.
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नीतीश बने विश्व कप में पदार्पण करने
वाले सबसे युवा खिलाड़ी
नीतीश कुमार
 नागपुर. 16 वर्षीय स्कूली छात्र नीतीश कुमार जिम्बाब्वे के खिलाफ सोमवार को कनाडा की ओर से ग्रुप मैच में खेलने के साथ ही विश्व कप में पर्दापण करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय मूल के नितीश विश्व कप के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी 40 वर्षीय जान डेविसन के साथ पारी की शुरुआत करेंगे जो अपना तीसरा विश्व कप खेल रहे हैं। अपने साथी खिलाड़ी पर भरोसा जताते हुए डेविसन ने कहा कि पहली बार जब मैंने  नितीश को देखा तो वह महज छह वर्ष के थे और यह दस साल पुरानी बात है। मैं एक छह वर्ष के बच्चे का उसके शाट्स के ऊपर नियंत्रण देखकर दंग रह गया। उस छोटी सी उम्र में भी वह पुल शाट्स लगा सकते थे और मुझे यह बात बहुत पसंद आई। नीतीश ने अफगानिस्तान के खिलाफ पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। वह अब तक कनाडा के लिए पांच एक दिवसीय अंतर्राष्टÑीय मैच खेल चुके हैं।  नितीश को ‘तेंदुलकर’ के उपनाम से जाना जाता है। नीतीश का जन्म सचिन तेंदुलकर के 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में पर्दापण करने के लगभग साढ़े चार वर्ष बाद यानी 1994 में उनका जन्म हुआ था। नितीश से पूर्व विश्व कप में पर्दापण करने वाला सबसे युवा खिलाड़ी आयरलैंड के  जार्ज डोकरैल थे। उस समय उनकी उम्र 18 वर्ष और 213 दिन थी।
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रैंकिंग में सचिन संग बढ़े सहवाग
दुबई. टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर विश्व कप के पहले दो मैच में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर आईसीसी वनडे बल्लेबाजी रैंकिंग में क्रमश: पाचवें और दसवें स्थान पर पहुंच गए हैं।
बांग्लादेश के खिलाफ उद्घाटन मैच में 175 रन की जोरदार पारी खेलने वाले सहवाग ताजा रैंकिंग में छह पायदान ऊपर चढ़ गए हैं, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ 120 रन बनाने वाले तेंदुलकर को पाच पायदान का फायदा हुआ है। भारतीय गेंदबाज भले ही अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के कारण आलोचना झेल रहे हों, लेकिन जहीर खान नौ पायदान ऊपर चढ़कर 14वें, हरभजन सिंह चार स्थान ऊपर 16वें और मुनफ पटेल 11 स्थान की छलाग लगाकर 22वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
भारत के खिलाफ 158 रन की बेहतरीन पारी खेलने वाले इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस को इस पारी से आठ पायदान का फायदा हुआ है। अब वे 13वें स्थान पर काबिज हैं, जो अन्य बल्लेबाज इस सूची में आगे बढ़े हैं, उनमें तमीम इकबाल 23वें (तीन पायदान ऊपर), मिसबाह उल हक 32वें (12 पायदान ऊपर), यूनिस खान 44वें (चार पायदान ऊपर) और केविन ओ ब्रायन 52वें (चार पायदान ऊपर) स्थान पर काबिज हैं।
 इस सूची में आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वाटसन, दक्षिण अफ्रीका के जेपी डुमिनी, नीदरलैंड्स के रियान टेन डजटेक और दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन सभी ने व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल कर ली है। वाटसन चार पायदान ऊपर चढ़कर अपने करियर में पहली बार चोटी के दस बल्लेबाजों में शामिल हो गए हैं। वहीं, डुमिनी दो स्थान ऊपर चढ़ गए हैं और अब वे अपने कप्तान ग्रीम स्मिथ और वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के साथ संयुक्त 15वें स्थान पर हैं। टेन डजटेक 12 स्थान से 20वें नंबर पर पहुंच गए हैं। गेंदबाजी में स्टेन चार स्थान ऊपर चौथी पायदान पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा विराट कोहली (तीसरे), कुमार संगकारा (आठवें) और गौतम गंभीर (10व) तीनों एक-एक पायदान नीचे खिसक गए हैं। जैक्स कालिस छह स्थान नीचे 14वें, गेल पाच पायदान नीचे 15वें और रिकी पोंटिंग छह पायदान खिसक कर 19वें स्थान पर खिसक गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला और एबी डीविलियर्स बल्लेबाजी सूची में पहले दो स्थान पर काबिज हो गए हैं।
स्टेन के अलावा आस्ट्रेलिया के मिशेल जानसन 12 पायदान की छलाग लगाकर पाचवें स्थान पर काबिज हो गए हैं। उन्होंने पहले दो मैच में आठ विकेट चटकाए हैं। पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी भी 12 पायदान आगे 11वें स्थान पर पहुंच गए हैं। आस्ट्रेलिया के शाट टैट आठ पायदान की छलाग लगाकर 29वें, इंग्लैंड के टिम ब्रेसनन 11 पायदान ऊपर 30वें तथा पाकिस्तान के शोएब अख्तर सात पायदान ऊपर 37वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन पहले दो मैच में लचर प्रदर्शन के कारण 12 स्थान नीचे 24वें स्थान पर खिसक गए हैं। गेंदबाजी में न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी शीर्ष पर हैं। उनके बाद दक्षिण अफ्रीका के मोर्ने मोर्कल और जिंबाब्वे रेमंड प्राइस का नंबर आता है। आलराउंडर की रैंकिंग में टेन डजटेक चार पायदान ऊपर पाचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। इस सूची में बाग्लादेश के कप्तान साकिब अल हसन शीर्ष पर काबिज हैं।

200 खिलाड़ी, 18 खेल और सात पदक

बिना अधोसंरचनाओं के पदकों
की भरमार संभव नहीं
सभी फोटो : दिनेश यदु
कमलेश गोगिया
रायपुर. झारखंड के 34वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की झोली में भले ही पिछले नेशनल गेम्स के मुकाबले एक पदक ज्यादा मिला हो लेकिन यह पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। खेल विशेषज्ञों की मानें तो बिना अधोसंरचनाओं के पदक तालिका में दहाई और तिहाई का आंकड़ा हासिल नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की भागीदारी और परिणाम पर एक विशेष रिपोर्ट।
34वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की भागीदारी के पूर्व छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने अपने निवास में खिलाड़ियों को किट वितरण करते समय इस बात की उम्मीद जताई थी कि छत्तीसगढ़ पिछले नेशनल गेम्स से कहीं ज्यादा पदक हासिल करेगा और वे पदक लेकर लौटने वाले खिलाड़ियों का सम्मान भी करेंगे। इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी मुख्यमंत्री डा. सिंह की उम्मीदों पर खरे उतरे क्योंकि पिछले नेशनल गेम्स से ज्यादा ही पदक मिले हैं। लेकिन एक मात्र ज्यादा पदक से संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान भी यही मानते हैं कि हमें ज्यादा पदक मिल सकते थे लेकिन हम हासिल नहीं कर सके। लेकिन बिना किसी विशेष सुविधाओं के छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने सात पदक हासिल कर राज्य के लिए संतोषजनक प्रदर्शन किया है। बहरहाल झारखंड नेशन्Þाल गेम्स में छत्तीसगढ़ ने 18 खेलों में शिरकत की जिनमें पदक सिर्फ पांच खेलों में ही मिल सके। मजेदार बात तो यह भी है कि जिन पांच खेलों में पदक मिले उनमें भी कुछ खेलों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर की अधोसंरचना राज्य में नहीं है। राज्य को झारखंड नेशनल गेम्स में कराते, शूटिंग, बास्केटबाल, हैंडबाल और कुश्ती में पदक मिला है जबकि स्क्वैश, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, क्याकिंग एंड केनोइंग, तीरंदाजी, फेंसिंग, तैराकी, ट्रायथलान, एथलेटिक्स, बाक्सिंग, जिम्नास्टिक, वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में हमें पदक नहीं मिल सका। इनमें भी वेटलिफ्टिंग में छत्तीसगढ़ को आठवां पदक अनिता शिंदे दिला सकती थीं लेकिन वे मात्र तीन किलो बाडी वेट में पीछे रह गईं वरन कांस्य पदक तय था। छत्तीसगढ़ को बास्केटबाल और हैंडबाल में पदक की उम्मीदें तो टीम की घोषणा के समय से ही थीं। इन दोनों खेलों में छत्तीसगढ़ के पास राष्ट्रीय मापदंड के इनडोर स्टेडियम नहीं हैं लेकिन खिलाड़ियों के सालभर एक ही स्थान पर नियमित अभ्यास करने की वजह से ही पूरे देश में दबदबा बना हुआ है। कराते में अंबर सिंह भाद्वाज से पदक की उम्मीदें थीं क्योंकि वे काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं।
कई खेलों में छत्तीसगढ़ ने पहली बार हिस्सा लिया जिसकी वजह से पदक  तक नहीं पहुंच सके। राज्य निर्माण के पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ को पहली बार टेबल टेनिस में नेशनल गेम्स की पात्रता मिली लेकिन टेटे खिलाड़ी पदक की दौड़ से शुरुआती दौर में ही बाहर हो गए। हालांकि राज्य के खिलाड़ियों ने काफी प्रयास भी किया। इसी तरह स्क्वैश और ट्रायथलान जैसे खेलों में भी छत्तीसगढ़ ने पहली बार हिस्सा लिया लेकिन राज्य में इन खेलों की बेहतर अधोसंरचनाएं नहीं है जिसकी वजह से बेहतर परिणाम नहीं निकला। रुस्तम दिला सकते थे गोल्ड मेडल
वेटलिफ्टिंग में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व एक मात्र महिला वर्ग में अनिता शिंदे ने किया। दल्ली राजहरा की अनिता शिंदे ने जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। छत्तीसगढ़ वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव सुकलाल जंघेल और टीम के कोच शहीद राजीव पांडे अवार्डी तेजा सिंह साहू कहते हैं कि यदि रुस्तम सारंग छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते तो हमें स्वर्ण पदक हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता था। गौरतलब है कि राजधानी के अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग ने 2007 में असम के 33वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के लिए रजत पदक हासिल किया था और नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ को यह उपलब्धि दिलाने वाले रुस्तम पहले व एकमात्र खिलाड़ी हैं। रुस्तम ने हाल ही में कामनवेल्थ गेम्स में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन वे कांस्य के लिए मात्र एक पदक से वंचित रह गए थे। झारखंड नेशनल गेम्स के पूर्व हाथ में चोट की वजह से रुस्तम ने नेशनल गेम्स में भाग लेने असमर्थता व्यक्त की थी। इसके अलावा रुस्तम ने यह भी कहा था कि यदि उनके पिता को नेशनल गेम्स के लिए टीम का कोच बनाना था। रुस्तम की इस मांग पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ ने उनके पिता बुधराम सारंग को कोच नियुक्त किया लेकिन फिर भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया।

रेलवे के तीरंदाज भी नहीं दिला सके पदक
34वें राष्ट्रीय खेलों में आरचरी के मुकाबले जमशेदपुर की टाटा आरचरी एकेडमी में खेले गए। छत्तीसगढ़ के कुल 11 खिलाड़ियों ने इंडियन राउंड, कंपाउंड ओर रिकर्ब में जौहर दिखाया। पहली बार छत्तीसगढ़ की टीम में रेलवे के तीन खिलाड़ियों को शामिल किया गया जिनमें शिवनाथ नागेशिया, सेकरा बासरो और बी प्रणिता शामिल थीं। इन तीनों खिलाड़ियों से नेशनल गेम्स मे ंपदक की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इन उम्मीदों पर पानी फिर गया। खिलाड़ी उतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके जितने की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि 34वें नेशनल गेम्स में दीपिका कुमारी, डोला बेनर्जी और राहुल बेनर्जी जैसे अंतरराष्ट्रीय   तीरंदाज भी पदक हासिल करने से वंचित रह गए।

इन खेलों में मिला छत्तीसगढ़ को पदक
कराते :       (अंबर सिंह भाद्वाज को 84 किलोग्राम का स्वर्ण पदक)
शूटिंग : (कैप्टन पीपी सिंग, बाबा पीएस बेदी, मेराज अहमद खान को दो स्वर्ण      एक कांस्य पदक)
बास्केटबाल : (महिला वर्ग में रजत पदक)
 कुश्ती : (सीआईएसएफ के आनंद ने कांस्य पदक हासिल किया)
हैंडबाल : (महिला टीम को स्वर्ण पदक)
इन खेलों में मिली निराशा
वेटलिफ्टिंग, शूटिंग, खो-खो, क्याकिंग एंड केनोइंग, आरचरी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, फेंसिंग, तैराकी, स्क्वैश, ट्रायथलान, एथलेटिक्स, बाक्सिंग, जूडो।

केरल के लिए अभी से करनी होंगी तैयारियां
केरल में 35वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी से तैयारियां प्रारंभ करनी होंगी क्योंकि नेशनल गेम्स से पहले सीनियर नेशनल में अंतिम आठ में पहुंचकर पात्रता हासिल करनी होगी। राज्य ओलंपिक संघ के सचिव से लेकर राज्य के तमाम खेल संघों के पदाधिकारी और खेल विशेषज्ञ इस बात पर ज्यादा जोर देते हैं कि पदक के लिए दीर्धकालीन खेल परियोजनाओं को प्रारंभ करना होगा जिससे समय आने पर बेहतर परिणाम मिल सके। केरल में 2012 में 35वें राष्ट्रीय खेल होने हैं और इसके लिए समय कम बचा है। हालांकि बिना किसी विशेष अधोसंरचनाओं के राज्य को नेशनल गेम्स में सात पदक मिलना काफी महत्वपूर्ण है।
खेल विशेषज्ञों की मानें तो जिन  खेलों में पदक मिले उनकी अधोसंरचना पहले से मौजूद रहतीं तो रजत और कांस्य की बजाए हम स्वर्ण तक पहुंच सकते थे। राज्य में बास्केटबाल और हैंडबाल के इनडोर स्टेडियम नहीं हैं लेकिन आउटडोर में ही बेहतर अभ्यास के बूते खिलाड़ी पदक हासिल कर रहे हैं। व्यक्तिगत खेलों कराते के आधुनिक उपकरण मौजूद नहीं लेकिन कराते का स्वर्ण पदक मिल गया। शूटिंग में सर्वाधिक तीन पदक मिलने का श्रेय जिंदल स्टील लिमिटेड को जाता है जिसके खिलाड़ी रायगढ़ की शूटिंग रेंज में नियमित अभ्यास करते हैं। जाहिर है कि जिन खेलों की बेहतर सुविधाएं हैं उनमें पदक की संभावनाएं बनी रहती हैं और खिलाड़ी पदक भी हासिल कर रहे हैं। वेटलिफ्टिंग में मात्र कुछ कमियों की वजह से कांस्य पदक से चूकीं अनिता शिंदे और शहीद राजीव पांडे अवार्डी तेजा सिंह साहू कहते हैं कि हमें उन राज्यों की खेल परंपराओं का अनुसरण करना चाहिए जहां खेल खत्म होने के दूसरे दिन से अगले पदक की तैयारियां प्रारंभ कर दी जाती हैं। श्री साहू के मुताबिक केरल के लिए हमें आज से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए।

Sunday 27 February, 2011

विश्व कप : भारत और इंग्लैंड ने खेला सांसें थाम देने वाला टाई

 दोनों टीमों को एक-एक अंक, सचिन व स्ट्रास का शतक
बेंगलुरु. विश्व कप में इससे ज्यादा रोमांचक मैच कोई और नहीं हो सकता था। सांसें रुकी हुर्इं थीं, धड़कनें तेज चल रहीं थीं और हर हाथ दुआ में उठे हुए थे लेकिन भारत और इंग्लैंड के बीच कोई टीम जीत नहीं पाई और दोनों के बीच विश्व कप का अब तक का सर्वश्रेष्ठ मुकाबला आज रात टाई के रूप में समाप्त हो गया। भारत ने 49.5 ओवर में 338 रन बनाए तो इंग्लैंड ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 338 रन बनाए। इंग्लैंड को जीत के मुहाने तक ले जाने वाले स्ट्रास मैन आफ द मैच रहे।
एंड्रयू स्ट्रास
इंग्लैंड एक समय कप्तान एंड्रयू स्ट्रास (158) के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी से आसान जीत की तरफ बढ़ रहा था लेकिन तभी मैच ने पलटा खाया और बल्लेबाजी पावरप्ले में इंग्लैंड ने चार विकेट गंवा दिए। तब एक समय लगने लगा कि भारत जीत जाएगा। आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जीत के लिए 14 रन चाहिए थे। इंग्लैंड ने इस ओवर में 13 रन बटोरे और मैच अंतत: टाई हो गया। दोनों टीमों को यह मैच टाई होने से एक-एक अंक मिला।
 भारत को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने विस्फोटक अंदाज में खेलते हुए विश्वकप का रिकार्ड पांचवां और अपना कुल 47वां शतक बनाते हुए  338 रन के विशाल स्कोर पर पहुंचाया था। मगर इंग्लैंड ने स्ट्रास के लाजवाब शतक से भारत को करारा जवाब दिया और बडेÞ स्कोरों वाला यह मैच आखिर अपने सही परिणाम यानी टाई पर पहुंचकर समाप्त हो गया। सचिन ने खचाखच भरे एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 115 गेंदों में दस चौकों और पांच छक्कों की मदद से 120 रन की तूफानी पारी खेलकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सचिन का विश्व कप में यह रिकार्ड पांचवां शतक था। इस शतक के साथ ही उन्होंने आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और उनके हमवतन मार्क वा तथा पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली को पीछे छोड़ दिया जिनके नाम चार चार शतक हैं। मास्टर ब्लास्टर ने वीरेंद्र सहवाग (35) के साथ पहले विकेट के लिए 46  रन, गौतम गंभीर (51) के साथ दूसरे विकेट के लिए 134 रन और युवराज सिंह (58) के साथ तीसरे विकेट के लिए 56 रन जोडेÞ।  सहवाग ने सिर्फ 26 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 35 रन की तूफानी पारी खेली। गंभीर ने 61 गेंदों में पांच चौकों की मदद से 51 रन,  फार्म में लौटे युवराज ने 50 गेंदों में नौ चौकों की मदद से 58 रन और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 25 गेंदों में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 31 रन बनाए।
 यूसुफ पठान ने 14 रन की अपनी संक्षिप्त पारी में एक चौका और एक छक्का ठोका। इंग्लैंड की तरफ से टिम ब्रेसनेन ने बेहतरीन गेंदबाजी की और 10 ओवर में 48 रन देकर पांच खिलाड़ियों को आउट किया जबकि उसके नंबर एक गेंदबाज जेम्स एंडरसन की तबियत से धुनाई हुई और उन्होंने 9.5 ओवर में 91 रन लुटाकर एक विकेट हासिल किया।
इंग्लैंड ने विशाल लक्ष्य के सामने विश्वसनीय शुरुआत करते हुए 9.3 ओवर में 68 रन जोड़ डाले। स्ट्रास और केविन पीटरसन ने अपनी टीम को अच्छा आधार दिया। हालांकि पीटरसन मुनाफ पटेल की गेंद पर उन्हें ही कैच थमा बैठे। पीटरसन ने 22 गेंदों में पांच चौकों की मदद से तेज तर्रार 31 रन बनाए। स्ट्रास इसके बाद जोनाथन ट्राट (16) के साथ इंग्लैंड के स्कोर को 111 तक ले गए। ट्राट लेग स्पिनर पीयूष चावला की एक गुगली को समझ नहीं आए और विकेट के सामने पगबाधा हो गए।  लेकिन इसके बाद स्ट्रास और बेल ने मजबूत साझेदारी कर इंग्लैंड को लक्ष्य की तरफ बढ़ाना जारी रखा। स्ट्रास ने अपना अर्धशतक 50 गेंदों में छह चौकों की मदद से पूरा किया। इंग्लैंड के कप्तान ने विश्वकप का अपना पहला, भारत के खिलाफ पहला और अपना छठा शतक 99 गेंदों में 13 चौकों की मदद से पूरा कर लिया।  इस साझेदारी के दौरान भारतीय गेंदबाजी बेहद कमजोर नजर आई और क्षेत्ररक्षकों ने कैच टपकाने के साथ साथ खराब फील्डिंग करते हुए दोनों बल्लेबाजों को आसानी से रन बनाने के मौके दे दिए। हालांकि बेल को 25वें ओवर में उस समय रैफरल का फायदा मिला जब भारतीय खिलाड़ियों की पगबाधा की अपील तीसरे अंपायर ने भी ठुकरा दी। हालांकि रीप्ले से साफ जाहिर था कि युवराज सिंह की गेंद स्टंप्स को हिट कर रही है। दोनों बल्लेबाज टीम के स्कोर को 281 तक पहुंचा चुके थे। भारत की स्थिति नाजुक लग रही थी कि तभी इंग्लैंड ने बल्लेबाजी पावर प्ले लिया और इसी के साथ जैसे चमत्कार हो गया। जहीर ने 43वें ओवर की चौथी गेंद पर बेल को कोहली के हाथों कैच करा दिया और अगली ही गेंद पर स्ट्रास को पगबाधा कर दिया।   इंग्लैंड ने इस फैसले पर रैफरल मांगा मगर अंपायर ने पगबाधा का फैसला बरकरार रखा। स्ट्रास 145 गेंदों पर 18 चौकों और एक छक्के की मदद से 158 रन की अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलकर पवेलियन लौट गए। बेल ने 71 गेंदों पर 69 रन की अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया। इन दो विकेटों के साथ मैच में जैसे नाटकीय परिवर्तन आ गया और दर्शकों का जोश उफान मारने लगा। जहीर ने अपने अगले ही ओवर में पाल कोलिंगवुड (एक) को बोल्ड कर दिया। मैट प्रायर (चार) ने हरभजन की गेंद को उठाकर मारने की कोशिश की लेकिन वह ऊंचा कैच उछाल बैठे और स्थानापन्न खिलाड़ी सुरेश रैना ने आसानी से गेंद को लपक लिया। इंग्लैंड ने बल्लेबाजी पावरप्ले में 25 रन   जोडकर चार विकेट गंवा दिए।  मुनाफ ने जल्द ही माइकल यार्डी (13) को सहवाग के हाथों कैच करा दिया। इंग्लैंड का सातवां विकेट 307 के स्कोर पर गिर गया। चावला ने 49वें ओवर में दो छक्के खाने के बाद आखिरी गेंद पर टिम ब्रेसनेन (14) को बोल्ड कर दिया। आखिरी ओवर में इंग्लैंड को जीत के लिए 14 रन की जरूरत थी। अहमद शहजाद ने इस ओवर में एक छक्का मारा और इंग्लैंड को जीत के करीब ला दिया। आखिरी गेंद पर इंग्लैंड को दो रन चाहिए थे लेकिन एक रन बना और मैच टाई हो गया।  भारत की तरफ से जहीर ने 64 रन पर तीन विकेट,  मुनाफ ने 70 रन पर दो विकेट, चावला ने 71 रन पर दो विकेट और हरभजन ने 58 रन पर एक विकेट लिया।
 इससे पहले भारतीय पारी को विस्फोटक आगाज तो सहवाग ने दिया लेकिन उसे अंजाम तक सचिन ने पहुंचाया। पहले विकेट की 46 रन की साझेदारी के दौरान सचिन खामोश रहकर वीरू के बल्ले से निकल रहे चौकों का नजारा देखते रहे।  लेकिन उनके आउट होने के बाद सचिन ने रन बनाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली।  मास्टर ब्लास्टर ने पाल कालिंगवुड की गेंदों पर दो छक्के और इंग्लैंड के स्टार आफस्पिनर ग्रीम स्वान की गेंदों पर तीन छक्के जडेÞ। सचिन जब एक छोर से गेंदबाजों की धुनाई कर रहे थे तो गंभीर ने भी  उनका बखूबी साथ निभाते हुए पांच चौके जडेÞ।  ऐसे समय में युवराज भी कैसे पीछे रहते। उन्होंने भी सचिन के शाटों की बहती गंगा में हाथ धोते हुए फार्म में वापसी की और नौ चौकों के सहारे अर्धशतक जड़ा।  अपनी लाजवाब पारी खेलकर सचिन जब पवेलियन लौट रहे थे तो स्टेडियम में सभी दर्शक और ड्रेसिंग रूम में सभी भारतीय खिलाड़ी खड़े होकर तालियां बजाते हुए क्रिकेट के इस  बेताज बादशाह का स्वागत कर रहे थे। मास्टर ब्लास्टर का विकेट 236 के स्कोर पर गिरा जिसके बाद युवराज और धोनी ने पांचवें विकेट के लिए ताबडतोड अंदाज में 69 रन जोडेÞ। भारत ने जल्दी जल्दी रन बटोरने की कोशिश में आखिरी पांच ओवरों में अपने शेष सातों बल्लेबाजों को गंवा दिया।
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आखिरी ओवर का रोमांच
49.1 ओवर में मुनाफ पटेल की गेंद पर ग्रीम स्वान ने आफ साइड में शाट लगाकर दो रन लिये।
49.2 ओवर में स्वान ने धीमी गेंद पर शाट  लगाकर एक रन चुराया।
49.3 ओवर में मुनाफ की खराब गेंद पर शाहजाद ने छक्का जड़ा।
49.4 ओवर में शाहजाद ने बाय से एक रन लिया।
49.5 ओवर में स्वान ने गेंद को बाउंड्री की ओर भेजा लेकिन दो रन लेने में सफल हुए।
49.6 ओवर में स्वान ने एक रन लेकर मैच टाई कर दिया। 

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महाशतक से अब दो कदम दूर सचिन
शतकीय अभिवादन करते सचिन
बेंगलुरु. शतकों और रिकार्डों के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर आज विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे का अपना 47वां और विश्व कप का रिकार्ड पांचवां शतक बना दिया1 अपने इस शतक के साथ सचिन अब अंतरराष् क्रिकेट में शतकों का महाशतक बनाने से सिर्फ दो कदम दूर रह गए हैं।
 सचिन ने इंग्लैंड के खिलाफ मात्र 115 गेंदों में 10 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 120 रन बनाए जो उनका 47वां वनडे शतक था। सचिन अपने 446वें वनडे में इस मुकाम पर पहुंचे हैं। टेस्ट और वनडे दोनों तरह की क्रिकेट में सर्वाधिक शतकों का रिकार्ड अपने नाम रखने वाले सचिन के अब कुल 98 शतक हो गए हैं। मास्टर ब्लास्टर के नाम 177 टेस्ट मैचों में 51 शतक हैं। मास्टर ब्लास्टर ने विश्वकप में अपना यह पांचवां शतक बनाया है और विश्व कप में सर्वाधिक शतक बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। सचिन  ने अपना शतक ताबडतोड अंदाज में खेलते हुए मात्र 103 गेंदों में पूरा किया था। बांग्लादेश के खिलाफ उद्घाटन मैच में सचिन सिर्फ 28 रन बनाकर रनआउट हो गए थे लेकिन उस मैच की सारी कसर उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ निकाल दी।  एकदिवसीय इतिहास में दोहरा शतक बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज सचिन ने गत वर्ष से लेकर अब तक ज्यादा वनडे नहीं खेले थे। पिछले वर्ष उन्होंने शुरू में दो वनडे खेले थे और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल की एकदिवसीय श्रृंखला में वह सिर्फ दो मैच खेलने के बाद चोट के कारण स्वदेश लौट आए थे। अब तक कोई विश्व कप नहीं जीत पाए सचिन का एकमात्र सपना देश के लिए एक विश्वकप जीतना है। उन्होंने अपने 47वें शतक से एक बार फिर यह बता दिया है कि उनके अंदर रनों की भूख अभी थमी नहीं है। अप्रैल में 38 वर्ष के होने जा रहे सचिन आज भी उसी अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे हैं जिस अंदाज में वह अपसे कई वर्ष पहले किया करते थे1 विश्वकप के ब्रांड एम्बेसेडर सचिन के इस धमाकेदार शतक ने विश्वकप के जुनून को और तेजी दे दी है।
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स्कोर कार्ड
भारत                                               रन    गेंद    4    6
सहवाग कै प्रायर बो ब्रेस्नन                35    26    6    0
सचिन कै यार्डी बो एंडरसन                120    115    10    5
गंभीर बो स्वान                                 51    61    5    0
युवराज कै बेल बो यार्डी                     58    50    9    0
धोनी कै राइट बो ब्रेस्नन                   31    25    3    1
यूसुफ कै स्वान बो ब्रेस्नन                14    8    1    1
कोहली बो ब्रेस्नन                            8    5    1    0
हरभजन पगबाधा बो ब्रेस्नन            0    1    0    0
जहीर रनआउट                               4    5    0    0
चावला रनआउट                             2    4    0    0
मुनाफ नाबाद                                 0    0    0    0
अतिरिक्त : 15, कुल : 49.5 ओवर में 338 रन (आलआउट)।
विकेटपतन : 1-46 (वीरेंद्र सहवाग, 7.5), 2-180 (गौतम गंभीर, 29.4), 3-236 (सचिन तेंदुलकर, 38.2), 4-305 (युवराज सिंह, 45.6), 5-305 (महेंद्र सिंह धोनी, 46.1), 6-327 (यूसुफ पठान, 48.1), 7-327 (विराट कोहली, 48.2), 8-328 (हरभजन सिंह, 48.4), 9-338 (पीयूष चावला, 49.5), 10-338 (जहीर खान, 49.5).
गेंदबाजी : जेम्स एंडरसन 9.5-0-91-1, अजमल शहजाद 8-0-53-0, टिम ब्रेस्नन 10-1-48-5, ग्रीम स्वान 9-1-59-1, पाल कोलिंगवुड 3-0-20-0, माइकल यार्डी 10-0-64-1.
इंग्लैंड                                         रन    गेंद    4    6
स्ट्रास पगबाधा बो जहीर               158    145    18    1
पीटरसन कै एंड बो मुनाफ            31    22    5    0
ट्राट पगबाधा बो चावला                16    19    1    0
बेल कै कोहली बो जहीर                69    71    4    1
कोलिंगवुड बो जहीर                     1    5    0    0
प्रायर कै रैना बो हरभजन             4    8    0    0
यार्डी कै सहवाग बो मुनाफ           13    10    1    0
ब्रेस्नन बो चावला                        14    9    0    1
स्वान नाबाद                               15    9    0    1
शहजाद नाबाद                            6    2    0    १
 अतिरिक्त : 11, कुल :  50 ओवर में 8 विकेट पर 338 रन।
विकेटपतन : 1-68 (केविन पीटरसन, 9.3), 2-111 (जोनाथन ट्राट, 16.4), 3-281 (इयान बेल, 42.4), 4-281 (एंड्रयू स्ट्रास, 42.5), 5-285 (पाल कोलिंगवुड, 44.3), 6-289 (मैट प्रायर, 45.2), 7-307 (माइकल यार्डी, 47.3), 8-325 (टिम ब्रेस्नन, 48.6).
गेंदबाजी : जहीर खान 10-0-64-3, मुनाफ पटेल 10-0-70-2, पीयूष चावला 10-0-71-2, हरभजन सिंह 10-0-58-1, युवराज सिंह 7-0-46-0, यूसुफ पठान 3-0-21-0.
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भारत के नए सिक्सर किंग बने सचिन
स्ट्रेट सिक्स लगाते हुए सचिन.
बेंगलुरु. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर इंग्लैंड के खिलाफ आज यहां विश्व कप मैच में अपने रिकार्ड 47वें शतक के दौरान पांच छक्के उड़ाकर देश के नए सिक्सर किंग बन गए। सचिन ने 115 गेंदों पर अपनी 120 रन की पारी में दस चौके और पांच छक्के लगाए। उन्होंने इन पांच छक्कों के साथ एकदिवसीय मैचों में अपने छक्कों की संख्या 190 पहुंचाने के साथ ही पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के भारतीय रिकार्ड की बराबरी कर ली।  गांगुली ने 311 मैचों में 190 छक्के मारे थे जबकि सचिन ने 446 मैचों में 190 छक्के मारे हैं। वनडे में सर्वाधिक छक्के मारने का विश्वरिकार्ड पाकिस्तान के शाहिद आफरीदी के नाम है जिन्होंने 314 मैचों में 288 छक्के मारे हैं। श्रीलंका के सनत जयसूर्या 270 छक्कों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
वनडे में सर्वाधिक छक्के मारने वाले खिलाड़ी
खिलाड़ी                            देश               मैच    छक्के
शाहिद आफरीदी                 पाकिस्तान    314    288   
सनथ जयसूर्या                  श्रीलंका          444    270   
सचिन तेंदुलकर                 भारत            446    190   
सौरभ गांगुली                    भारत            311    190   
क्रिस गेल                         वेस्टइंडीज      224    166

नेशनल गेम्स ने बदल दी तस्वीर

झारखंड की तरह छत्तीसगढ़ की भी 
बदल जाएगी तकदीर
- सभी फोटो दिनेश यदु
झारखंड से कमलेश गोगिया
रांची. कुछ  देर के लिए यदि 110 करोड़ रुपयों के घोटालों की जांच, व्यवस्था में कमी, अधूरे खेलगांव के साथ हड़बड़ी में कराए  गए झारखंड के 34वें राष्ट्रीय खेलों की गड़बड़ियों को भूल  जाएं तो जाहिर है कि खेलों ने इस राज्य की तकदीर ही बदल दी है। खेलों की जिन बुनियादी सुविधाओं का विकास झारखंड में हुआ है उससे आने वाले समय में इस राज्य को कई और भी राष्ट्रीय पदक मिलेंगे। सिर्फ दो नेशनल गेम्स का इंतजार है जब छत्तीसगढ़ में भी  इन  खेलों का आयोजन होगा और अपने राज्य की भी तस्वीर बदल जाएगी।
34वें राष्ट्रीय खेलों का जिस भव्यता  के साथ यहां समापन हुआ उसे देशभर की मीडिया ने कवर  किया और झारखंड राज्य का नाम लोकप्रिय हो गया। स्थानीय प्रिंट मीडिया ने समापन समारोह को पूरा एक पेज दे दिया। द टेलीग्राफ ने तो प्रथम पृष्ठ पर वेलडन झारखंड की हैडिंग के साथ इस राज्य में खेलों के विकास की सराहना की है और आने वाला भविष्य सुखद बताया है। झारखंड में भले ही छह बार 34वें राष्ट्रीय खेल स्थगित हुए लेकिन जब खेल शुरू  हुए तो वर्ल्ड कप की चमक भी फीकी पड़ गई। रोजाना हजारों की भीड़  ने लगातार 14 दिन तक बिरसा मुंडा स्टेडियम से लेकर मेगा स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में अपनी दस्तक दी। खेल देखने के लिए लोग घंटों लंबी कतार लगाए खड़े रहते थे। यहां के  लोगों के लिए खेलों का यह महाउत्सव पहला अनुभव था और उन्हें हर खेल का रोमांच एक ही स्थान पर देखने मिल रहा था जो इसकी सफलता का सबसे बड़ा माध्यम बना। करीब 325 एकड़ में बनाए गए मेगा स्पोर्ट्स कामलेक्स में प्रशासनिक भवन से लेकर नेशनल गेम्स अयोजन समिति भवन, शूटिंग रेंज, वेलोड्रम, टेनिस, कबड्डी, हैंडबाल, बास्केटबाल, एक्वेस्टियन, तैराकी, टेबल  टेनिस जैसे इनडोर  खेल और एथलेटिक्स के आउटडोर खेलों की  एक ही जगह सुविधाओं ने इसे तमाम गड़बड़ियों के बाद भी सफल बना दिया। लेकिन हमें झारखंड में हुई गड़बड़ियों से सबक लेना जरूरी है जिससे 37वें राष्ट्रीय खेलो का सफल अयोजन किया जा सके। किसी भी नेशनल  गेम्स के लिए सबसे अहम है सुरक्षा व्यवस्था और झारखंड के लिए इसे अच्छी किस्मत  ही  मानें कि सुरक्षा की बिना किसी विशेष व्यवस्था के भी कोई दुर्घटना नहीं  हुई।
सबकुछ निपट गया भगवान भरोसे
 झारखंड के 34वें राष्ट्रीय खेल जैसे-तैसे निपट गए और सच्चाई यह है कि सबकुछ भगवान भरोसे निपट गया। इसे आम लोगों का सहयोग मानें या मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की बेहतर किस्मत। किसी भी नेशनल गेम्स के लिए सबसे अहम चीजें होती हैं खेलगांव, खेल की अधोसंरचना, भोजन व यातायात की बेहतर सुविधाएं। झारखंड में केवल खेल की अधोसंरचनाओं ने लोगों का दिल जीता। जबकि नेशनल  गेम्स के निपटते ही सारे अधिकारी गायब हो गए और देश के कई राज्यों के खिलाड़ी खेलगांव  से  वापस अपने-अपने  राज्य लौटने गाड़ियों के लिए भटकते रहे। छत्तीसगढ़ की हैंडबाल टीम को तो रांची से जमशेदपुर जाकर  ट्रेन पकड़ने के लिए अपनी बस करानी पड़ी। हैरानी की बात तो यह भी है कि झारखंड का कोई भी चीफ डी मिशन नहीं बनाया गया था। अयोजन समिति ने मनमाने किसी के भी  एक्रेडिएशन कार्ड बना दिए। मजेदार बात  तो यह  भी  है कि  झारखंड का कोई भी चीफ डी मिशन नहीं बनाया गया था।
ये हुआ बेहतर
0. ट्रांसपोटिंग  की बेहतर  सुविधाएं।
0. रोजाना खेलगांव  में सांस्कृतिक कार्यक्रम।
0. भोजन की बेहतर व्यवस्था (तीन डोम बनाए गए थे  जिसमें 10 हजार  खिलाड़ियों ने आराम से 14 दिनों तक भोजन किया)।
0. उद्घाटन व समापन समारोह का भव्य आयोजन।
0. आम जनता का भरपूर  सहयोग (नेशनल  गेम्स के इतिहास में पहली बार हजारों  की भीड़ रोजाना देखी गई)।
ये हुईं गड़बड़ियां जिनसे बचना है हमें
0. कमजोर  सुरक्षा व्यवस्था
0. राज्य ओलंपिक संघ व सरकार  में तालमेल का अभाव
0. खेलगांव में महिला-पुरुष खिलाड़ियों के लिए एक ही जगह आवास, भोजन की व्यवस्था
0. खेलगांव के अंदर पुलिस की लचर व्यवस्था
नेशनल गेम्स से मिली ये सुविधाएं
0. 325 एकड़ जमीन में मेगा स्पोर्ट्स काम्पलेक्स
0. शेख भिखारी प्रशासनिक भवन (एक लाख   स्क्वायर मीटर)
0. बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम (556000 स्कवायर मीटर में 35 हजार  दर्शकों के बैठने की व्यवस्था)
0. गणपत राय इनडोर स्टेडियम (5800 स्क्वायर मीटर में जूडो, जिम्नास्टिक, बाक्सिंग, फेंसिंग के इनडोर स्टेडियम में 2000 दशर््कों के बैठने की व्यवस्था)
0. हरिवंश ताना भगत इनडोर स्टेडियम (वालीबाल, बास्केटबाल कोर्ट, 4000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था)
0. वीर भानू भगत एक्वेटिक स्टेडियम (10 हजार स्क्वायर मीटर में निर्माण, 3194 दर्शकों की बैठक व्यवस्था)
0. ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव इनडोर स्टेडियम (6600 स्क्वायर मीटर में निर्माण, बैडमिंटन, टेनिस  कोर्ट, 2000 दर्शकों की बैठक व्यवस्था)
0. टेनिस  स्टेडियम (2 हजार  दर्शकों की बैठक व्यवस्था)
0. एस्ट्रो टर्फ हाकी स्टेडियम (5 हजार  दर्शकों की बैठक व्यवस्था)
0. बिरसा मुंडा फुटबाल स्टेडियम (40 हजार  दर्शकों की बैठक  व्यवस्था)
0. टिकैत उमरांव शूटिंग  रेंज (16 हजार स्क्वायर मीटर में निर्माण)
0. वेलोड्रम (10 हजार स्क्वायर मीटर में निर्माण, साइकिलंग)
0. अलबर्ट एक्का स्टेडियम (2450 स्क्वायर मीटर में निर्माण, 2000 दर्शकों की व्यवस्था, खो-खो, कबड्डी कोर्ट)
0. जेआरडी टाटा स्टेडियम जमशेदपुर (आरचरी, फुटबाल ट्रेक, 35 हजार दर्शकों की बैठक व्यवस्था)
0. मैथन डैम (रोविंग, क्याकिंग)
0. कीनोन स्टेडियम (19 हजार दर्शकों की बैठक व्यवस्था, बाक्सिंग )
 
झारखंड को देश के पहले खेल
विश्वविद्यालय की सौगात

राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी ने एक तरफ जहां झारखंड के पदक विजेता खिलाड़ियों को मालामाल कर  दिया तो दूसरी तरफ देश के पहले  खेल विश्वविद्यालय की सौगात भि दे दी। 34वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए झारखंड सरकार ने शहर के बीच ही मेगा स्पोर्ट्स काम्पलेक्स  का निर्माण किया है जहां दर्जनभर से ज्यादा खेलों के अंतरराष्ट्रीय मापदंड के इनडोर व आउटडोर स्टेडियम बनाए गए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री  अर्जुन मुंडा ने कहा कि मेगा  स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो के मुताबिक देश का पहला खेल विश्वविद्यालय रांची के मेगा स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में बनाया जाएगा और राज्य में खेलों की जिन आधारभूत संरचनाओं का विकास हुआ है उससे झारखंड में सिर्फ राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी  कई स्पर्धाओं का सफल आयोजन किया जा सकेगा। इसके अलावा यहां के खिलाड़ी विश्व खेल नक्शे में भी अपना नाम अंकित कर  सकेंगे। 
सात पदक से संतुष्ट नहीं हूं : बशीर
 छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान का कहना  है कि वे 34वें  राष्ट्रीय खेलों में मिले सात पदक से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि छत्तीगढ़ को दस से ज्यादा  पदक मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि हैंडबाल में हमें दो, बास्केटबाल में दो, बाक्सिंग में एक, वेटलिफ्टिंग में दो, तीरंदाजी में दो, क्याकिंग केनोइंग में एक व कुश्ती तीन तथा नेटबाल में तीन पदक मिलने की उम्मीद  थी। श्री खान ने  कहा कि हम इससे ज्यादा पदक की उम्मीद नहीं थी क्योंकि कई खेलों में राज्य के पास बेहतर सुविधाएं नहीं  हैं और हमें एक माह  पहले यह भी नहीं पता था कि कौन सी टीम नेशनल गेम्स में हिस्सा लेने वाली है। श्री खान ने कहा कि हमारे पास प्रश्क्षिकों की कमी है, अंतरराष्ट्रीय  मापदंड के खेल उपकरण और खेलों की बुनियादी  सुविधाएं नहीं  हैं। हमारे  पास हाकी का न तो टर्फ है और न एथलेटिक्स का बेहतर ट्रेक। इसके बावजूद हमने सात पदक हासिल किए हैं। श्री खान ने कहा कि हमें केरल के 35वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी से जुट जाना चाहिए।

Saturday 26 February, 2011

नेशनल गेम्स : अलविदा झारखंड, अब मिलेंगे केरल में


समापन समारोह  में मार्चपास्ट करते छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी.       ....फोटो : दिनेश यदु 
कैटरीना के रंग में 34वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग समापन
झारखंड से कमलेश गोगिया
रांची. देश का मिनी ओलंपिक कहलाए जाने वाले 34वें राष्ट्रीय खेलों का अभिनेत्री कैटरीना कैफ  और शान की शानदार प्रस्तुति और बेहतरीन आतिशाबाजी के साथ समापन हुआ। झारखंड की रांची राजधानी देर रात तक समपान के रंग में रंगी रही। समापन समारोह ने झारखंड के लाखो लोगों का  दिल जीत लिया। इसके साथ ही 35वें राष्ट्रीय खेलों का भी आगाज हो  गया जिसका आयोजन नवंबर 2012 में केरल में किया जाएगा।
रांची, जमशेदपुर और धनबाद 14 दिनों तक राष्ट्रीय खेलों के उत्सव में डुबी रही। शनिवार को लाखों लोगों की भीड़ के बीच 34वें  राष्ट्रीय खेलों का  समापन हुआ। रांची के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में समापन समारोह को आकर्षक  बनाने पिछले एक सप्ताह से जोरदार तैयारियां चल रहीं थी। एक दिन  पहले अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने भी समारोह को व्य बनाने जमकर अभ्यास किया और समारोह में अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से लाखों लोगों का दिल जीत लिया। झारखंड के स्थानीय कलाकारों ने भी पारंपरिक लोक नृत्य के साथ समारोह को रंगारंग बना दिया। समारोह के अंतिम कुछ मिनट में सिने भिनेत्री कैटरीना ने अपनी लाइव प्रस्तुति दी और फिर आतिशबाजी के नजारे ने समां बांध दिया। शम साढ़े पांच बजे शुरू हुआ समारोह देर रात तक चला और समारोह में हिस्सा लेने हजारों की भीड़ दोपहर से ही मुख्य स्टेडियम में पहुंच गई थी। सभी कैटरिना की एक झलक पाने की दीवानगी में थे। कैटरिना की प्रस्तुति से पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इससे पहले खिलाड़ियों ने आकर्षक मार्च पास्ट किया। पदक तालिका में नंबर वन स्थान हासिल करने वाली सर्विसेस को राजा मलेंद्र ट्रापी प्रदान की गई। झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, उपमुख्यमंत्री सुदेश और कई बड़े अधिकारियों के बीच 35वें राष्ट्रीय खेलों के लिए केरल ओलंपिक एसोसिएशन को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का ध्वज प्रदान किया गया।
हजारों लोगों ने उठाया समापन समारोह का लुत्फ
रांची के बिरला मुंडा एथलेटिक स्टेडियम (मुख्य आयोजन स्थल) में दोपहर से ही लोगों की भीड़ आने लगी थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुबह से ही शहर के मुख्य चौराहों में यातायात की तगड़ी व्यवस्था की गई थी। जिन रास्तों को बंद कर दिया गया था उन रास्तों पर लोगों को माइक से सूचना दी गई। पूरा स्टेडियम विहंगम दृश्य लिए समापन समारोह के रंग में रंग गया था।
जुड़ गया छत्तीसगढ़ का नाम
झारखंड के 34वें नेशनल गेम्स में एक तरफा जहां केरल को आईओए का ध्वज देकर 35वें नेशनल गेम्स का आगाज किया गया तो दूसरी तरफ देशभर की मीडिया को जो ब्रोशर बांटे गए उनमें छत्तीसगढ़ में वर्ष 2013 के 37वें राष्ट्रीय खेलों की भी जानकारी दी गई। समापन समारोह के अंतिम दिन नेशनल गेम्स आयोजन समिति ने देशभर से आए पत्रकारों को विवरिणा वितरीत की जिसमें नेशनल गेम्स का पूरा इतिहास दर्शाया गया है। साथ ही केरल में 35वें, गोवा में 36वें और फिर छत्तीसगढ़ में 37वें नेशनल गेम्स के आयोजन की जानकारी दी गई है।
ये रहा समापन समारोह का आकर्षण
समारोह  में प्रस्तुति देते कलाकार.    ....फोटो : दिनेश यदु 
व्य समापन समापन समारोह की होस्ट टेलीविजन की लोकप्रिय भिनेत्री और माडल रक्षंदा खान थीं। समारोह को आकर्षक बनाने पहले पैराशो का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया।  सिक्ख रेजीमेंट ब्रास बैंड और पंजाब रेजीमेंट ब्रास बैंड की धुन के साथ-साथ स्काय डाइविंग का भी रोमांच लोगों ने उठाया। समारोह के मुख्य आकर्षण में जम्बो मार्च पास्ट भी शामिल था। ये देश रंगीला गीत पर मणिपुर और पंजाब के लोक नृत्य भी काफी सराहनीय रहा। लिटिल चैंप हेमंत बृजवासी, सारेगमा फेम यथार्थ, अनामिका चौधरी की प्रस्तुति के साथ-साथ बिदाई एक्ट और शान के संगीत का भी जादू जमकर चला। नमस्ते केरल पर दी गई प्रस्तुति ने केरल में होने वाले 35वें राष्ट्रीय खेलों का आगाज हुआ।
रिचा मिश्रा और वीरधवल ने जीते सर्वाधिक पदक
देश की ख्यातिप्राप्त तैराक जलपरी दिल्ली की रिचा मिश्रा ने महिला वर्ग में सबसे ज्यादा पदक हासिल किए। रिचा ने सबसे ज्यादा 11 स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य सहित कुल 16 पदक हासिल किए जो सबसे ज्यादा पदक हासिल करने का कीर्तिमान भी है। पुरष वर्ग में महाराष्ट्र के वीरधवर खांडे सबसे ज्यादा पदक हासिल करने वाले एथलीट  रहे जिन्होंने तैराकी में ही 8 स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल 12 पदक हासिल किए।
छत्तीसगढ़ पदक तालिका में 20वें स्थान पर
एक स्थान और आगे बढ़ गए हम, सर्विसेस नंबर वन
34वें राष्ट्रीय खेलों की पदक  तालिका में छत्तीसगढ़ ने चार स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक के साथ 20वां स्थान हासिल किया है। छत्तीसगढ़ ने स्वर्ण पदकों की संख्या में इजाफा किया तो कुल पदक हासिल करने की संख्या और पदक तालिका में ाी एक कदम आगे बढ़ाया है। पिछले नेशनल गेम्स (असम के 33वें राष्ट्रीय खेल) में छत्तीसगढ़ ने तीन स्वर्ण और तीन रजत पदक सहित 21वां स्थान हासिल किया था।  पिछले बार की तरह इस बार भी सर्विसेस ने 69 स्वर्ण, 50 रजत और 42 कांस्य पदक सहित कुल 161 पदक हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर मणिपुर, तीसरे पर हरियाणा, चौथे पर महाराष्ट्र और पांचवे स्थान पर मेजबान झारखंड है। 34वें   राष्ट्रीय खेलों में कुल 444 स्वर्ण, 447 रजत और 588 कांस्य पदक सहित कुल 1479 पदक बांटे गए।
दो दिन कमरे मैं कैद कलमाड़ी सीधे दिखे समापन समारोह में
भारतीय ओलंकि संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी रांची के होटल एटी इंटरनेशनल में दो दिन पहले से ही मौजूद थे लेकिन वे कमरे से बाहर नहीं निकले। कलमाड़ी को घेरने नेशनल मीडिया ने भी काफी प्रयास किया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। कामनवेल्थ गेम्स के घोटालों में फंसे कलमाड़ी दर्जनर वकीलों के साध कमरे में बंद रहे। इस दौरान रांची में इस बात की भी जमकर चर्चा रही कि उन्हें सीबीआई कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। हालांकि ऐसा हुआ कुछ नहीं लेकिन कलमाड़ी सीधे समापन समारोह में ही दिखे। समारोह में केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन के आने का भी कार्यक्रम निर्धारित था लेकिन वे नहीं पहुंचे।
पदक के मामले में 12 राज्यों से आगे निकला छत्तीसगढ़
34वें राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ ने भी एक बार फिर से साबित कर दिखाया है कि वह देश के उन 12 राज्यों से खेलों के मामले में बेहतर है जो क्रमश: 21 वें से लेकर 32वें स्थान तक पहुंचे हैं। इनमें छत्तीसगढ़ के बाद अंडमान निकोबार, हिमाचल प्रदेश, बिहार, मेघालय, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, गुजरात अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, मिजोरम, नागालैंड शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के बाद अंडमान निकोबार ने तीन स्वर्ण, हिमाचल प्रदेश ने दो-दो और बिहार, मेघालय व सिक्किम ने एक-एक पदक हासिल किया है।
पदक तालिका
राज्य                स्वर्ण  रजत   कांस्य  कुल
सर्विसेस                70         50         42         162
मणिपुर                48         37         33         118
हरियाणा               42         33         40         115
महाराष्ट्र                41         44         47         132
झारखंड                33         26         37         96
दिल्ली                 32         26         41         99
केरल                  30         29         28         87
मध्यप्रदेश              25         32         46         103
पंजाब                 23         38         54         115
उत्तरप्रदेश              20         22         28         70
कर्नाटक               16         19         20         55
तमिलनाडु             14         12         27         53
त्रिपुरा                 6          2          1          9
आन्ध्रप्रदेश           5          19         25         49
आसाम                5          11         18         34
गोवा                  5          5          6          16
उड़ीसा                 5          4          3          12
वेस्ट बंगाल            4          10         21         35
उत्तरांचल              4          4          5          13
राजस्थान             4          1          10         15
छत्तीसग़ढ़           4          1          2          7
अंडमान निकोबार      3          2          2          7
हिमाचल प्रदेश        2          0          5          7
बिहार               1          5          6          12
मेघालय              1          3          2          6
सिक्किम             1          2          1          4
जम्मू-कश्मीर         0          4          8          12
गुजरात              0          3          4          7
अरुणाचल प्रदेश      0          1          10         11
चंडीगढ़             0          1          9          10
मिजोरम            0          1          5          6
नागालैंड            0          0          2          २
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कुल               444       447       588       १४७९
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विश्व कप : पाकिस्तान की रोमांचक जीत


श्रीलंका को 11 रन से हराया, दोनों टीमों के बीच हुआ कांटे का मुकाबला
मिस्बाह उल हक
कोलंबो. मिस्बाह उल हक (नाबाद 83) और अनुभवी यूनुस खान (72) के विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद कप्तान शाहिद अफरीदी (34/4) की एक और कसी हुई गेंदबाजी के दम पर पाकिस्तान ने टूर्नामेंट के रोमांचक 10वें मुकाबले में ग्रुप-ए में मेजबान श्रीलंका को 11 रनों से हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की।
मिस्बाह का विश्व कप में नायाब आगाज जारी है और उन्होंने अपने दूसरे मैच में भी नाबाद अर्धशतक लगाया। इससे पूर्व केन्या के खिलाफ भी नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली थी। मिस्बाह ने 91गेंदों में छह चौके के साथ 83रन की नाबाद पारी खेली। यूनुस ने भी विश्व कप में अपनी यादगार पारी खेली। दोनों बल्लेबाजों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण पाकिस्तान 50ओवर में सात विकेट पर 277 रन बनाने में सफल रहा। जवाब में श्रीलंका चमारा सिल्वा (57) और कप्तान कुमार संगकारा (49) की पारियों के बावजूद लक्ष्य से दूर रह गए और 50ओवर में नौ विकेट पर 266रन ही बना सका। अफरीदी ने पिछले मैच में केन्या के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाते हुए पांच विकेट झटके थे।
श्रीलंकाई टीम ने 278रन के लक्ष्य जवाब में सलामी बल्लेबाजों उपल थरंगा (33) और तिलकरत्ने दिलशान (41) ने सधी हुई शुरुआत दी और तथा पहले विकेट के लिए 14.2ओवर में 76रन की साझेदारी निभाई। मोहम्मद हाफिज की गेंद पर अफरीदी ने थरंगा को लपककर पाक को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद दिलशान,महेला जयवर्धने (2) और थिलन समरवीरा (1) भी चलते बने। बल्ले से असफल रहे शाहिद अफरीदी ने आज भी शानदार गेंदबाजी किया और दिलशान को बोल्ड करने के बाद समरवीरा को स्टंप आउट कराया। मात्र 96रन पर पर चार विकेट गंवाने के बाद मुश्किल में फंसी श्रीलंका टीम को संगकाराऔर सिल्वाने मिलकर जूझारूपारी खेली लेकिन दोनों ने काफी धीमी बल्लेबाजी की जिससे रिक्वायर्ड रन रेट आठ के ऊपर पहुंच गया।
दोनों ने 98गेंदों में 73रन की साझेदारी निभाई। रेफरलप्रणाली से अपना विकेट बचाने के बाद संगकारा हवाई शाट मारने के प्रयास में अफरीदी की गेंद पर लपके गए। संगकाराके रूप में अफरीदीने विकेटों की संख्या 300तक पहुंचा दिया। अफरीदी ने एंजेलो मैथ्यूज (18) के रूप में अपना चौथा विकेट झटका। अंतिम ओवरों में सिल्वाऔर पुछल्ले बल्लेबाजों ने कुछ अच्छे शाट लगाकर मैच में रोमांच ला दिया था। लेकिन अख्तर ने थिषारा परेरा (8) को बोल्ड कर लंका की वापसी की राह पर रोड़ा डाल दिया। इसके अगले ओवर में सिल्वा (57) को अब्दुरर हमान ने स्टंप आउट कराया। इसके बाद पुछल्लों ने काफी प्रयास किया लेकिन लक्ष्य से 11 रन दूर रहे।
इससे पूर्व पाक का टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला उस समय गलत साबित हुआ जब सलामी बल्लेबाज अहमद शहजाद (13) थिषारा परेरा की गेंद पर विकेटकीपर कुमार संगकाराके हाथों लपके गए। 28रन पर मिले झटके के बाद मोहम्मद हाफिज (32) और कामरान अकमल (39) दूसरे विकेट के लिए 48रन की साझेदारी कर टीम का स्कोर आगे ले जा रहे थे कि इसी बीच तेजी से रन बना रहे हाफिज रन आउट हो गए। उन्होंने 31 गेंदों की पारी में चार चौके व एक छक्का लगाया। कामरान अकमल (39 रन, 48गेंद)  के रूप में टीम का तीसरा विकेट गिरा। कामरान रंगना हेराथकी गेंद पर आगे बढ़कर मारने के प्रयास में स्टंपिंग हो गए। तीन विकेट गिरने के बाद यूनुस और मिसबाहने चौथे विकेट के लिए 108रन की शतकीय साझेदारी कर स्कोर 200के पार पहुंचाया। इस बीच दोनों बल्लेबाजों ने अपना अर्धशतक पूरा किया। यूनुस ने 76गेंदों में चार चौके के साथ 72रन बनाए और हेराथ की गेंद पर जयवर्धने के हाथों लपके गए। यूनुस की विश्व कप में खेले 10मैचों में से यह सबसे बेहतरीन पारी रही और उन्होंने करियरका 40वांऔर विश्व कप का दूसरा पचासा लगाया। केन्या के खिलाफ मुकाबले में मैन आफ दमैच रहे उमर अकमलइस बार अपना जलवा नहीं बिखेर सके और 10रन बनाकर मुरलीधरन की गेंद पर सीमारेखा के पास दिलशान द्वारा बेहतरीन अंदाज में लपके गए।
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स्कोर कार्ड
पाकिस्तान                         रन    गेंद    4          6
शेहजाद कै संगकारा बो परेरा          13        23        2          0
हफीज रनआउट                     32        31        4          1
कामरान स्टंप्स संगकारा बो हेराथ      39        48        5          0
यूनुस कै जयवर्धने बो हेराथ          72        76        4          0
मिस्बाह नाबाद                     83        91        6          0
उमर कै दिलशान बो मुरलीधरन       10        15        1          0
अफरीदी कै दिलशान बो मैथ्यूज      16        12        3          0
रज्जाक कै कैपुगेदेरा बो परेरा        3          4          0          0
अतिरिक्त : 9, कुल : 50 ओवर में 7 विकेट पर 277 रन। 
विकेटपतन : 1-28 (अहमद शेहजाद, 5.3), 2-76 (मो. हफीज, 13.1), 3-105 (कामरान अकमल, 20.2), 4-213 (यूनुस खान, 40.5), 5-238 (उमर अकमल, 45.3), 6-267 (शाहिद अफरीदी, 48.5), 7-277 (अब्दुर रज्जाक, 49.6).  
गेंदबाजी : नुवान कुलसेकरा 10-1-64-0, तिषारा परेरा 9-0-62-2, एंजेलो मैथ्यूज 10-0-56-1, मुरलीधरन 10-0-35-1, रंगना हेराथ 10-0-46-2, तिलकरत्ने दिलशान 1-0-10-0.
श्रीलंका                       रन    गेंद    4          6
थरंगा कै अफरीदी बो हफीज         33        43        6          0
दिलशान बो अफरीदी               41        55        5          0
संगकारा कै शेहजाद बो अफरीदी     49        61        2          1
जयवर्धने बो अख्तर                2          10        0          0
समरवीरा स्टंप्स कामरान बो अफरीदी 1          4          0          0
सिल्वा स्टंप्स कामरान बो रहमान   57        78        5          0
मैथ्यूज कै शेहजाद बो अफरीदी     17        19        2          0
परेरा बो अख्तर                  8          6          1          0
कुलसेकरा कै उमर बो गुल        24        14        2          1
हेराथ नाबाद                   4          10        0          0
मुरलीधरन   नाबाद             0          0          0          0
अतिरिक्त : 29, कुल :  50 ओवर में 9 विकेट पर 266 रन। 
विकेटपतन : 1-76 (थरंगा, 14.2), 2-88 (तिलकरत्ने दिलशान, 17.3), 3-95 (महेला जयवर्धने, 20.2), 4-96 (समरवीरा, 21.2), 5-169 (कुमार संगकारा, 37.4), 6-208 (एंजेलो मैथ्यूज, 43.4), 7-232 (तिषारा परेरा, 45.5), 8-233 (सिल्वा, 46.0), 9-265 (कुलसेकरा, 49.5).  
गेंदबाजी : शोएब अख्तर 10-0-42-2, अब्दुल रज्जाक 5-1-23-0, उमर गुल 9-0-60-1, मोहम्मद हफीज 6-0-33-1, शाहिद अफरीदी 10-0-34-4, अब्दुर रहमान 10-1-63-1.
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चोटिल ब्रावो विश्व कप से बाहर
नई दिल्ली. वेस्टइंडीज के दिग्गज आलराउंडर ड्वेन ब्रावो घुटने की चोट के कारण क्रिकेट विश्व कप से बाहर हो गए हैं। ब्रावो चोट के कारण विश्व कप से बाहर होने वाले तीसरे कैरेबियाई खिलाड़ी हैं।
 ब्रावो को गुरवार को यहां फिरोजशाह कोटला मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में गेंदबाजी करते समय चोट लगी थी। टीम के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रावो विश्व कप से बाहर हो गए हैं। एमआरआई स्कैन से पता चला है कि उनके बाएं घुटने की मांसपेशी को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रवक्ता ने कहा कि ब्रावो कम से कम चार हफ्ते तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। उनके स्थान पर किसी अन्य खिलाडी के नाम को मंजूरी के लिए अंतरराष्टÑीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भेजा जाएगा। ब्रावो जब दक्षिण अफ्रीका की पारी का 14वां और अपना तीसरा ओवर डाल रहे थे तभी गेंद फेंकने के साथ ही उनका पैर फिसल गया और वह विकेट पर गिर पडेÞ। गिरने के साथ ही ब्रावो पीड़ा से कराह उठे।  हालांकि उन्हें विकेट पर ही कुछ इलाज दिया गया लेकिन उनकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह चल पाते। आखिर ब्रावो दो साथी खिलाड़ियों के कंधों का सहारा लेकर किसी तरह मैदान से बाहर आए। ब्रावो इसके बाद मैदान पर नहीं उतरे और वेस्टइंडीज को सात विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा।  ब्रावो विश्व कप से बाहर होने वाले तीसरे कैरेबियाई खिलाड़ी हैं। इससे पहले ओपनर एड्रियन बराथ और विकेटकीपर कार्लटन बा भी चोटों के कारण विश्व कप से बाहर हो चुके हैं।